पैसों की तंगी, निजी स्कूल सरेंडर कर रहे मान्यता:500 से ज्यादा स्कूलों के नहीं खुलने वाले ताले, बिना फीस नहीं हो पा रहा संचालन; 100 से ज्यादा स्कूल हो सकते हैं बंद

पैसों की तंगी, निजी स्कूल सरेंडर कर रहे मान्यता:500 से ज्यादा स्कूलों के नहीं खुलने वाले ताले, बिना फीस नहीं हो पा रहा संचालन; 100 से ज्यादा स्कूल हो सकते हैं बंद
बीकानेर

कोरोना काल के बाद जब सरकार स्कूल खोलने की अनुमति दे देगी, तो भी राज्य के 500 से ज्यादा स्कूलों के ताले नहीं खुलने वाले। इन स्कूल संचालकों ने कोरोना के इस दौर में नए काम ढूंढ लिए हैं। वहीं, एक दर्जन प्राइवेट स्कूल्स ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के समक्ष अपनी मान्यता सरेंडर कर दी है। उधर, प्राइवेट स्कूल्स का संगठन एक साथ स्कूलों की मान्यता सरेंडर करने की योजना बना रहा है।

दरअसल, मार्च 2020 से ही प्राइवेट स्कूल्स बंद पड़े हैं। महज तीन महीने के लिए इन स्कूल्स को खोलने की अनुमति दी गई थी। महज क्लास 6 से 12 तक के स्टूडेंट्स ही इस दौरान स्कूल आए। वहीं प्री प्राइमरी से पांचवीं तक के बच्चों ने तो 15 मार्च 2020 के बाद से स्कूल की शक्ल नहीं देखी। ऐसे में अधिकांश स्कूल्स को स्टूडेंट्स की फीस भी नहीं मिली। ऑनलाइन पढ़ाई कराने में अक्षम इन स्कूल्स को RTE का भुगतान भी नहीं मिला। आर्थिक संकट से जूझ रहे स्कूल संचालकों ने इसे बंद करने का निर्णय कर लिया है। हालांकि शिक्षा निदेशालय तक महज 12 स्कूल की एप्लीकेशन ही आई है लेकिन हकीकत में सौ से ज्यादा स्कूल बंद होने के कगार पर है। इनमें प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूल अधिक है। सीनियर सैकंडरी स्कूल भी 11वीं व बारहवीं की मान्यता वापस सौंपने की कोशिश में है।

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किराये की बिल्डिंग

स्कूल बंद करने वालों में सबसे ज्यादा वो हैं, जिन्होंने किराए की बिल्डिंग ले रखी है। हर महीने हजारों रुपए किराए के रूप में नहीं दे पाने स्कूल संचालकों ने गार्जन को टीसी सौंप दी। पिछले दिनों करणपुर के बीस से ज्यादा स्कूलों के संचालकों ने SDM को ज्ञापन देकर स्कूलों की स्थिति से अवगत कराया था। इसमें भी किराए की बिल्डिंग की समस्या बताई थी।

RTE का भुगतान नहीं

दरअसल, पिछले साल गार्जन के साथ सरकार ने भी स्कूल्स को फीस नहीं दी। RTE (राइट टू एजुकेशन) में पढ़ने वाले करीब 8 लाख स्टूडेंट्स की फीस बकाया चल रही है। इनमें कई स्कूलों तो वर्ष 2019-20 की फीस का भुगतान भी अब तक नहीं मिला है। ये फीस भी मिल जाती तो स्कूल टीचर्स की सैलेरी, बिल्डिंग का किराया, बिजली के बिल का भुगतान कर सकता था।

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एक साथ सरेंडर करेंगे मान्यता

स्कूल एज्यूकेशन वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कोडाराम भादू का कहना है कि राजस्थान में करीब 500 स्कूल कोरोना के बाद भी नहीं खुल सकेंगे। इन स्कूल्स के संचालकों ने अपना काम बदल लिया या फिर मान्यता ही सरेंडर कर दी। स्कूल नहीं खुलने से पढ़ाई का बड़ा नुकसान हो रहा है, साथ ही लाखों लोगों का रोजगार भी पिट गया है। ऐसे में अब उन स्कूलों से मान्यता समाप्त करने के आवेदन मांगे जा रहे हैं, जो आगे संचालित नहीं करना चाहते। हम एक साथ इन स्कूलों की मान्यता माध्यमिक शिक्षा निदेशक को सरेंडर कर देंगे। प्रदेश की कांग्रेस सरकार के लिए ये शर्म की बात होगी कि इतनी बड़ी संख्या में स्कूल्स अपनी मान्यता सरेंडर कर रहे हैं।