Ajmer: विकसित अजमेर के लिए विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने सुझाव मांगे।
Ajmer: विकसित अजमेर के लिए विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने सुझाव मांगे।

Ajmer: आखिर बीसलपुर बांध का पानी अजमेर में कहां गायब हो जाता है? क्या दरगाह क्षेत्र के होटलों, गेस्ट हाउस में प्रतिदिन पेयजल की सप्लाई हो रही है?

Ajmer: आखिर बीसलपुर बांध का पानी अजमेर में कहां गायब हो जाता है? क्या दरगाह क्षेत्र के होटलों, गेस्ट हाउस में प्रतिदिन पेयजल की सप्लाई हो रही है?
विकसित अजमेर के लिए विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने सुझाव मांगे।
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अजमेर उत्तर के भाजपा विधायक और राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का कहना है कि जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकसित भारत संकल्प यात्रा का अभियान चला रहे हैं, तब अजमेर को भी विकसित महानगर बनना चाहिए। देवनानी ने अपने इसी उद्देश्य के तहत 2 फरवरी को अजमेर के सर्किट हाउस में शहर के कुछ प्रमुख व्यक्तियों से संवाद किया। देवनानी ने कहा कि ऐसा संवाद अन्य क्षेत्र के लोगों से भी जारी रहेगा। 2 फरवरी के संवाद कार्यक्रम में देवनानी ने उपस्थित व्यक्तियों से आग्रह किया कि वे अपने सुझाव विस्तृत वर्णन के साथ लिखित में दे ताकि अधिकारियों की बैठक में क्रियान्विति करवाई जा सके। बैठक में दैनिक नवज्योति के प्रधान संपादक दीनबंधु चौधरी ने कहा कि मौजूदा समय में राजनीतिक दृष्टि से अजमेर बहुत मजबूत हो गया है। देवनानी विधानसभा अध्यक्ष की हैसियत से किसी भी विभाग के मंत्री से कार्य करवा सकते हैं। अजमेर के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब किसी विधायक को इतना बड़ा पद मिला है। चौधरी ने देवनानी की संवाद पहल की भी सराहना की। चौधरी ने कहा कि जिस प्रकार अशोक गहलोत ने तीन बार मुख्यमंत्री रहते हुए जोधपुर का विकास करवाया उसी प्रकार देवनानी को अजमेर का विकास कराना चाहिए। चौधरी ने कहा कि आनासागर की भराव क्षमता पूर्व में 16 फीट थी, लेकिन भराव क्षेत्र में आवासीय कॉलोनियों के बने जाने और फिर बरसात में इन कॉलोनियों को डूबने से बचाने के लिए भराव क्षमता को 13 फीट कर दिया गया। इसे अजमेर को बहुत नुकसान हुआ है। चौधरी ने कहा कि आज कुछ लोग सेवन वंडर की इमारतों पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन अब इन इमारतों को बचाए रखने की जरूरत है। इमारतों को देखने के लिए हजारों लोग आते हैं। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिला है।
रिंग रोड:
दैनिक भास्कर के संपादक रहे और अजमेर के विकास में रुचि रखने वाले डॉ. रमेश अग्रवाल ने कहा कि अजमेर का विकास पुराने शहर और नए क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए। आबादी वाले पुराने शहर में विकास की संभावनाएं कम है, जबकि बाहरी क्षेत्रों में जो आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्र विकसित हुए हैं उनमें विकास की संभावनाएं है। अग्रवाल ने अजमेर के चारों तरफ रिंग रोड बनाने का सुझाव दिया।
विरोधाभास:
राजस्थान पत्रिका के अजमेर संस्करण के संपादकीय प्रभारी सीपी जोशी ने कहा कि विकास कार्यों में विरोधाभास है। एक और कायड़ में मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है और मेडिसिटी की योजना भी है, लेकिन वहीं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का करोड़ों रुपया शहर के बीच बने जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के भवन बनाने पर खर्च किया गया है। अच्छा होता कि स्मार्ट सिटी का पैसा मेडिकल कॉलेज और मेडिसिटी योजना पर खर्च होता। इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में आज भी बरसात का पानी भर जाता है। जोशी ने विकसित अजमेर के लिए सरकारी राशि के सदुपयोग का सुझाव दिया।
बीएसएनएल और डाकघर की जमीन ली जाए:
संवाद कार्यक्रम में संपादक ब्लॉगर एसपी मित्तल ने सुझाव दिया कि गांधी भवन चौराहे के निकट मुख्य डाकघर और आगरा गेट चौराहे के निकट बीएसएनएल के एक्सचेंज की भूमि का उपयोग शहर की सड़क चौड़ी करने में किया जाए। एलिवेटेड रोड के बन जाने से गांधी भवन चौराहे से लेकर सोनी जी की नसियां तक के नीचे की सड़क छोटी हो गई है। इन दोनों संस्थानों की बेकार पड़ी भूमि पर सड़क बना दी जाए तो ट्रैफिक जाम से निजात मिल सकती है। मित्तल का यह भी कहना रहा कि ईआरसीपी योजना की क्रियान्विति के बाद भी अजमेर के लोगों की प्यास बुझाने का काम बीसलपुर बांध ही करेगा। ऐसे में अभी से ही बीसलपुर बांध और अजमेर शहर तक पाइप लाइन का सुदृढ़ीकरण किया जाए।
रोजाना पेयजल की सप्लाई क्यों नहीं:
संवाद कार्यक्रम में जलदाय विभाग के सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता हेमंत रावत ने चौंकाने वाली बात कही। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में बीसलपुर बांध में अजमेर के लिए 115 एमएलडी पानी लिया जा रहा है जबकि प्रतिदिन पेयजल की सप्लाई के लिए 100 एमएलडी पानी की ही जरूरत है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अजमेर आकर बांध का पानी कहां गायब हो रहा है? अजमेर में तो आज भी दो और तीन दिन में पेयजल की सप्लाई हो रही है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने बताया कि 30 प्रतिशत से भी ज्यादा पानी का लीकेज हो रहा है। इसलिए उन्होंने जलदाय विभाग के इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं कि पाइप लाइन के लीकेज को ठीक किया जाए। उनके इस निर्देशों की क्रियान्विति में जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव डॉ. समित शर्मा की सकारात्मक भूमिका रही। रावत ने यह भी जानकारी दी कि दरगाह क्षेत्र के होटलों और गेस्ट हाउस में प्रतिदिन पेयजल की सप्लाई हो रही है। देवनानी ने इस तथ्य पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि पानी का वितरण समान रूप से होना चाहिए। देवनानी ने क्षेत्रवार ब्लक मीटर लगाकर पानी की निगरानी की बात भी कही।
फॉयसागर और बीर तालाब को स्टोरेज बनाया जाए:
संवाद कार्यक्रम में सेवानिवृत्त आईएएस स्नेहलता पवार ने सुझाव दिया कि फॉयसागर और बीर तालाब को बीसलपुर बांध के पानी से भरा जाए और फिर इन दोनों का पानी स्टोरेज के लिए किया जाए। उन्होंने फॉयसागर के भराव क्षेत्र को अतिक्रमण से बचाने का भी सुझाव दिया। पवार ने कहा कि अजमेर में वाटर टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं।
औद्योगिक क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान हो:
लघु उद्योग भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष सीए अजीत अग्रवाल ने कहा कि अजमेर में जो औद्योगिक क्षेत्र बने हुए हैं उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान हो। उन्होंने कहा कि गेगल औद्योगिक क्षेत्र में पानी की टंकी के निर्माण की राशि एडीए में जमा है, लेकिन फिर भी टंकी का निर्माण नहीं हो रहा है। अग्रवाल ने कहा कि अजमेर के लिए यह गौरव की बात है कि यशवंत शर्मा जैसे उद्योगपति है। शर्मा अपने भगवती मशीन टूल्स संस्थान में ग्रेनाइट पत्थर की कटिंग के लिए जो मशीन बनाते हैं वे चीन की मशीन से भी अच्छी है। यही वजह है कि शर्मा के पास एक वर्ष की एडवांस बुकिंग हैं। ऐसे उद्योगपतियों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। अजमेर में नए औद्योगिक क्षेत्र भी बनने चाहिए।
तकनीकी शिक्षा पर जोर:
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राजस्थान (उच्च शिक्षा) प्रतिनिधि नारायण लाल गुप्ता और सुशील बिस्सू ने अजमेर को तकनीकी शिक्षा की दृष्टि से विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जोधपुर में अलग अलग क्षेत्र की 22 यूनिवर्सिटीज चल रही हैं। अजमेर में भी तकनीकी शिक्षा से जुड़ी यूनिवर्सिटी खुलनी चाहिए। एमडीएस यूनिवर्सिटी सिर्फ परीक्षा लेने का सेंटर बनकर रह गया है। उन्होंने बड़ी कंपनियों की स्थापना का भी सुझाव दिया। ताकि अजमेर के युवाओं को अपने ही महानगर में रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियों में काम करने के लिए अजमेर के युवाओं को बैंगलूरू, मुंबई, नोएडा, गुडग़ांव, अहमदाबाद आदि में जाना पड़ता है।
S.P.MITTAL