ब्रह्मांड की कोई ताकत भी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी नहीं करवा सकती।

ब्रह्मांड की कोई ताकत भी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी नहीं करवा सकती।

ऐसी दृढ़ता और हिम्मत नरेंद्र मोदी ही दिखा सकते हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक इंटरव्यू 17 दिसंबर को दैनिक जागरण में प्रकाशित हुआ है। अखबार के एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि ब्रह्मांड की कोई ताकत जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी नहीं करवा सकती है। सरकार ने जो निर्णय लिया उसे वापस नहीं लिया जा सकता है। सभी संवैधानिक प्रक्रियाओं को अपनाते हुए ही अनुच्छेद 370 के प्रावधान को हटाया गया। इन प्रावधानों के हटने से आज जम्मू कश्मीर देश की मुख्य धारा से जुड़ गया है, जिसका फायदा सबसे ज्यादा जम्मू कश्मीर के लोगों को ही मिल रहा है। अनुच्छेद 370 को लेकर जागरण में जो बाते प्रकाशित हुई वह मोदी जैसा दृढय़ निश्चत ही प्रधान मंत्री कह सकताक है। सब जाते हैं कि एक समय था जब अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने की बात करने से भी डर लगता था। वर्ष 2014 से पहले किसी ने भी कल्पना नहीं की थी कि जम्मू कश्मीर से एक दिन अनुच्छेद 370 को हटा दिया जाएगा। कश्मीर में जो नेता अलगाववाद के हिमायती थे, उनका दावे के साथ कहना होता था कि जम्मू कश्मीर से 370 के प्रावधानों को किसी भी हालात में नहीं हटाया जा सकता। महबूबा मुफ्ती जैसी नेताओं ने तो यहां तक कहा कि यदि 370 के प्रावधानों को हटाने का प्रयास किया तो जम्मू कश्मीर में तिरंगे (राष्ट्रीय ध्वज) कंधा देने वाला भी नहीं मिलेगा। ऐसे डरावने माहौल में ही 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को संसद में समाप्त करवा दिया गया। यह हिम्मत वाला काम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ही किया। लोगों को उम्मीद थी कि सरकार के इस फैसले से जम्मू कश्मीर और ज्यादा अशांत होगा, लेकिन आज साफ जाहिर है कि 370 के प्रावधानों के रहते हुए ही कश्मीर में आतंकवाद मजबूत हुआ। लेकिन जब 370 के प्रावधानों को हटा दिया गया तो न केवल आतंकवाद पर अंकुश लगा बल्कि कश्मीर में पर्यटन को भी बढ़ावा मिला। एक समय था जब कश्मीर में पर्यटन उद्योग पूरी तरह समाप्त हो गया था। लेकिन आज श्रीनगर की झीलों में नावों में बैठे पर्यटक नजर आते हैं। यहां तक कि सिनेमा घरों में फिल्में दिखाई जा रही है। श्रीनगर के जिस लाल चौक पर हमेशा कर्फ्यू लगा रहता था, वही लाल चौक आज भीड़ वाले बाजार में तब्दील हो गया है। अनुच्छेद 370 की आड़ से कश्मीर के जो नेता जमकर भ्रष्टाचार कर रहे थे, वे आज कुछ भी कहे लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि आज जम्मू कश्मीर के नागरिक बेहद खुश हैं। बाजारों में जिस तरह खरीददारी हो रही है उसका फायदा कश्मीर के व्यापारियों को ही मिल रहा है। असल में देश के विभाजन के बाद केंद्र सरकार ने कभी भी कश्मीर के हालातों को समझने का काम नहीं किया। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जम्मू कश्मीर में सबसे पहले महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के साथ भाजपा ने गठबंधन की सरकार बनाई। कुछ वर्ष तक सरकार में रहने के बाद मोदी सरकार ने कश्मीर के हालातों को अच्छी तरह समझ लिया। जम्मू कश्मीर की सरकार में रहते हुए जो जानकारी एकत्रित की उसी का नतीजा रहा कि 2019 में दोबारा से प्रधानमंत्री बनने के तीन माह बाद ही नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को प्रभावहीन करवा दिया। हालांकि जम्मू कश्मीर में कुछ घटनाएं हो जाती है, लेकिन ऐसी घटनाओं से भी सख्ती के साथ निपटा जा रहा है। अब पाकिस्तान की भी हिम्मत नहीं है कि वह जम्मू कश्मीर में आतंकी वारदात करवाए। पाकिस्तान खुद कटोरा लेकर दुनिया भर में भीख मांग रहा है। जो पाकिस्तान कश्मीर पर अपना दावा करता था, उसे आज अपने कब्जे वाले कश्मीर में विपरीत हालातों का सामना करना पड़ रहा है।

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Report By S.P.MITTAL