पीएम मोदी ने 12 घंटे तक देश भर के दिग्गज पुलिस अफसरों के विचारों को सुना। क्या किसी देश का प्रधानमंत्री ऐस धैर्य दिखा सकता है।

पीएम मोदी ने 12 घंटे तक देश भर के दिग्गज पुलिस अफसरों के विचारों को सुना।
क्या किसी देश का प्रधानमंत्री ऐस धैर्य दिखा सकता है।
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जयपुर में चल रही देशभर के पुलिस महानिदेशकों और पुलिस निरीक्षकों की कॉन्फ्रेंस में 6 जनवरी को दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 12 घंटे तक उपस्थित रहे। गंभीर बात तो यह है कि मोदी ने दिग्गज पुलिस अधिकारियों के विचारों को सुना। संभवत: देश के इतिहास में यह पहला अवसर होगा। जब पुलिस की अधिकारियों की कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री उपस्थित हों और एक शब्द भी न कहे। पीएम मोदी का 12 घंटे तक पुलिस अधिकारियों के विचारों को सुनना यह बताता है कि मोदी किस गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ प्रधानमंत्री का दायित्व निभा रहे हैं। सरकार में परिपाटी रही कि ऐसी कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री भाषण देकर चले जाते हैं, लेकिन मोदी ने भाषण देने के बजाए पुलिस अधिकारियों के विचारों को सुना। हालांकि पीएम मोदी 7 जनवरी को कॉन्फ्रेंस के समापन सत्र पर अपने विचार रख रहे हैं, लेकिन अपने विचारों से पहले अधिकारियों के विचारों को सुनना बहुत महत्वपूर्ण बात है। असल में पीएम मोदी को पता है कि देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों की है। ऐसे में इन अधिकारियों के सामने आने वाली समस्याओं को भी समझना जरूरी है। जब समस्या सामने आएगी तभी सरकार की ओर से समाधान किया जाएगा। सवाल उठता है कि क्या किसी देश का प्रधानमंत्री इतना धैर्य दिखा सकता है? जबकि पीएम मोदी के सामने 140 करोड़ की आबादी वाले भारत की जिम्मेदारी है। इतने बड़े देश के प्रधानमंत्री यदि पुलिस अधिकारियों के विचारों को सुनते हैं तो इसके कई मायने भी है। इसमें कोई दो राय नहीं कि 12 घंटे तक विचारों को सुनकर मोदी ने देश में एक नई परंपरा कायम की है। देश में जिस तरह से अपराध बढ़ रहे हैं और अपराधी नई नई टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं उसमें पुलिस अधिकारियों के विचारों को समझना भी जरूरी है। मीडिया रिपोर्टो में कहा गया है कि भारत में प्रतिमाह 200 करोड़ रुपए की सरबइर ठगी होती है। यानी लोगों के बैंक खातों से पैसे निकल जाते हैं। इसके साथ ही आतंकवाद की घटनाएं भी बढ़ रही है। आतंकवादी अब ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।