Rajasthan: तो क्या एसआई भर्ती की लिखित परीक्षा में हुई गड़बडिय़ों के लिए आरपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष भूपेंद्र यादव जिम्मेदार है?
Rajasthan: तो क्या एसआई भर्ती की लिखित परीक्षा में हुई गड़बडिय़ों के लिए आरपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष भूपेंद्र यादव जिम्मेदार है?

Rajasthan: तो क्या एसआई भर्ती की लिखित परीक्षा में हुई गड़बडिय़ों के लिए आरपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष भूपेंद्र यादव जिम्मेदार है?

Rajasthan: तो क्या एसआई भर्ती की लिखित परीक्षा में हुई गड़बडिय़ों के लिए आरपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष भूपेंद्र यादव जिम्मेदार है?

डमी कैंडिडेट और पेपर लीक होने के मामले में मौजूदा अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय ने सफाई दी।

गहलोत सरकार में डीजीपी के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर यादव अध्यक्ष बने थे।

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एसआई (पुलिस उपनिरीक्षक) भर्ती परीक्षा 2021 में हुई गड़बडिय़ों की चर्चा इन दिनों पूरे प्रदेश में हो रही है। एसओजी ने 15 से भी अधिक उन चयनित अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया है जो थानेदार की ट्रेनिंग ले रहे थे। आरोप है कि ऐसे थानेदारों ने डमी कैंडिडेट और पेपर लीक से लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की। इसको लेकर परीक्षा लेने वाले राजस्थान लोक सेवा आयोग पर सवाल उठ रहे हैं। एसओजी की जांच और आरोपों के मद्देनजर ही आयोग के मौजूदा अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय ने अपनी सफाई दी है। श्रोत्रिय का कहना है कि एसआई भर्ती की जब लिखित परीक्षा हुई थी, तब आयोग के अध्यक्ष पद पर भूपेंद्र यादव थे। उस समय मैं आईपीएस की हैसियत से जयपुर रेंज में तैनात था। तब मेरा आयोग से कोई संबंध नहीं था। मैंने 16 फरवरी 2022 को आयोग के अध्यक्ष का पद संभाला। तब तक लिखित परीक्षा का काम पूरा हो चुका था। मेरे कार्यकाल में इस परीक्षा के इंटरव्यूज हुए। मैं दावे से कह सकता हंू कि इंटरव्यू में पारदर्शिता और नियमों का पालन हुआ हे। श्रोतिय ने जो सफाई दी है उसे ऐसा प्रतीत होता है कि वे एसआई लिखित परीक्षा की गड़बडिय़ों के लिए आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष भूपेंद्र यादव क्या जवाब देते हैं। अलबत्ता संजय श्रोत्रिय की यह सफाई तब आई है, जब एसओजी आयोग के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवही कर रही हे। एसओजी की नजहर में तो एसआई भर्ती की लिखित परीक्षा में जबरदस्त गड़बडिय़ां हुई है। एक तरह से संजय श्रोत्रिय ने तो स्वयं को निर्दोष घोषित कर दिया है। यह बात अलग है कि जो अभ्यर्थी डमी कैंडिडेट और लीक पेपर से लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण हुए उन्हें इंटरव्यू में भी अच्छे अंक प्राप्त हुए।
अध्यक्ष पद के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति:
सब जानते हैं कि अशोक गहलोत के कांग्रेस सरकार का मुख्यमंत्री रहते हुए सेवानिवृत्त आईएएस और आईपीएस अफसरों की मौज रही। मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकांश अधिकारियों को सेवानिवृत्ति के बाद लाभ के पद दिए गए। कोई मुख्यमंत्री अधिकारियों को सेवानिवृत्ति के बाद भी लाभ के पद होता है, जब संबंधित अधिकारी भी सरकारी पद पर रहते हुए मुख्यमंत्री को मदद करें। भूपेंद्र यादव को अक्टूबर 2020 में आयोग का अध्यक्ष तब बनाया गया, जब वे प्रदेश के डीजीपी थे। यादव ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर आयोग के अध्यक्ष का पद संभाला।
Report By S.P.MITTAL