Rajasthan : राजस्थान सरकार और एसीबी ने तो अपना काम किया, मोदी सरकार कब करेगी ?

Rajasthan : राजस्थान सरकार और एसीबी ने तो अपना काम किया, मोदी सरकार

कब करेगी ?

एसीबी ने शुक्रवार को अलवर के पूर्व कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया को रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है। राजस्थान में पहाड़िया दूसरे आईएएस हैं, जो बतौर कलेक्टर काम करने की एवज में घूस लेने के आराेप में एसीबी के हत्थे चढ़े हैं। पहला मामला बारां जिले के कलेक्टर इंद्र सिंह राव का था, जिन्हें पेट्रोल पंप की एनओसी देने के मामले में पीए के जरिए घूस लेते पकड़ा गया था।

एसीबी ने आईएएस अधिकारी राव काे 23 दिसंबर 2020 काे गिरफ्तार किया था। राव करीब 8 माह जेल में रहे, बाद में उन्हें जमानत मिल गई। लेकिन आपकाे यह जानकर हैरानी हाेगी कि आज तक राव के खिलाफ केंद्र सरकार ने अभियोजन स्वीकृति (पीएस) नहीं दी।

यह भी पढ़ें :   अल्प बचत एजेन्सियों के नवीनीकरण की अन्तिम तिथि 30 सितम्बर तक बढाई

मामले में एसीबी फरवरी, 2021 में चालान पेश कर चुकी, तब से यह मामला कोर्ट में रत्तीभर भी आगे नहीं बढ़ पाया, क्योंकि केंद्र सरकार की अभियोजन स्वीकृति नहीं है। 14 माह में एसीबी द्वारा केंद्र सरकार को अभियोजन स्वीकृति के लिए कई पत्र लिखे जा चुके, लेकिन कोई रेस्पोंस नहीं है। इधर, कोर्ट में पूरा मामला इसी एक स्वीकृति के अभाव में अटका हुआ है। कोटा एसीबी कोर्ट में सहायक निदेशक (अभियोजन) अशोक कुमार जोशी ने बताया कि मामले में प्रसंज्ञान तभी लिया जा सकेगा, जब केंद्र से पीएस मिल जाएगी।

यह भी पढ़ें :   Gangapur City : अवैध हथियार के साथ एक गिरफ्तार

बारां के तत्कालीन कलेक्टर की अभियाेजन स्वीकृति के मामले में एसीबी मुख्यालय के स्तर से केंद्र सरकार से लगातार पत्राचार चल रहा है। फिलहाल पीएस नहीं मिल पाई है। -ठाकुर चंद्रशील, एएसपी, एसीबी काेटा

राज्य सरकार स्वीकृति दे चुकी, केंद्र अटकाए बैठा

एसीबी ने आईएएस अधिकारी राव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7, 7 ए और 12 तथा आईपीसी की धारा 120 बी के तहत चालान पेश किया हुआ है। इस मामले में आईपीसी की धारा में राज्य सरकार 31 मई 2021 को ही अभियोजन स्वीकृति दे चुकी, जबकि पीसी एक्ट के प्रकरण में केंद्रीय कार्मिक विभाग से जारी की जानी है।