Rajasthan : अजमेर में सचिन पायलट के समर्थकों ने पूर्व मंत्री रघु शर्मा को राजनीतिक मात दी।

Rajasthan : अजमेर में सचिन पायलट के समर्थकों ने पूर्व मंत्री रघु शर्मा को

राजनीतिक मात दी।

रघु द्वारा भेजे गए जिला निर्वाचन अधिकारी के सामने कांग्रेस के नेताओं ने कहा-अजमेर संगठन का फैसला पायलट की करेंगे।
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सब जानते हैं कि राजस्थान में स्वास्थ्य मंत्री रहे रघु शर्मा को कांग्रेस ने गुजरात का प्रभारी बनाया है। गुजरात में इसी वर्ष विधानसभा का चुनाव होने हैं। रघु शर्मा अजमेर जिले के केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। यही वजह है कि गुजरात में रहते हुए भी उनकी रुचि अजमेर जिले की राजनीति में है। जानकार सूत्रों के अनुसार रघु शर्मा के दखल से ही अहमदाबाद महानगर पालिका में कांग्रेस पार्षद दल के नेता शहजाद खान पठान को कांग्रेस संगठन चुनाव के लिए अजमेर जिले का निर्वाचन अधिकारी घोषित किया है। 29 मई को पठान ने अजमेर शहर के एक समारोह स्थल पर देहात और शहर जिला कांग्रेस के नेताओं की एक बैठक रखी। इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट के समर्थक नेताओं की संख्या ज्यादा रही।
इसलिए मसूदा के विधायक और पायलट समर्थक राकेश पारीक ने प्रस्ताव रखा कि अजमेर देहात और शहर जिला अध्यक्ष का निर्णय सचिन पायलट पर छोड़ दिया जाए। पारीक के इस कथन का अधिकांश नेताओं ने समर्थन किया। इन नेताओं का कहना रहा कि पायलट अजमेर से सांसद रह चुके हैं इसलिए अधिकांश कार्यकर्ता और नेता पायलट को ही अपना नेता मानते हैं। पायलट दोनों जिला कमेटियों के अध्यक्षों पर जो निर्णय लेंगे उसे सभी स्वीकार करेंगे। हालांकि पठान ने कहा कि चुनाव की एक प्रक्रिया है और उसी के तहत चुनाव करवाए जाएंगे। लेकिन वे अजमेर के नेताओं की भावनाओं से प्रदेश नेतृत्व को अवगत करा देंगे। असल में रघु शर्मा ने यह सोचा था कि शहजाद खान पठान को अजमेर का निर्वाचन अधिकारी बनवाकर वे देहात और शहर के संगठन पर अपना कब्जा कर लेंगे।
लेकिन पायलट के समर्थकों ने रघु शर्मा को राजनीतिक मात दे दी है। भले ही मौजूदा समय में पायलट का सरकार और संगठन में कोई महत्व न हो, लेकिन अजमेर के अधिकांश कांग्रेस नेताओं ने पायलट को ही अपना नेता माना है। इससे रघु शर्मा की राजनीति को धक्का लगा है। यह बात अलग है कि जनवरी 2018 के लोकसभा के उपचुनाव में पायलट ने ही रघु शर्मा को अजमेर से चुनाव जितवाया। लेकिन बाद में सत्ता के लालच में रघु शर्मा ने पायलट का साथ छोड़ दिया। दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में भी केकड़ी से रघु की जीत में पायलट की महत्वपूर्ण भूमिका रही। लेकिन मंत्री बनने के बाद रघु ने पायलट को राजनीतिक नुकसान पहुंचाने वाले कार्य ही किए। केकड़ी क्षेत्र में बड़ी संख्या में गुर्जर मतदाता भी हैं।
यही वजह है कि मौजूदा समय में रघु शर्मा का उनके निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी में भी भारी विरोध है। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भले ही रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी बना दिया हो, लेकिन रघु शर्मा केकड़ी से दोबारा चुनाव जीतने की स्थिति में भी नहीं है। 29 मई को जिला निर्वाचन अधिकारी शहजाद खान पठान के सामने जो कुछ भी हुआ, उससे रघु शर्मा को अपनी स्थिति का अंदाजा लगा लेना चाहिए। केकड़ी के मतदाता अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव का इंतजार बेसब्री से कर रहे हैं।