Rajasthan : महिला सरपंच हो तो लिछमा देवी जैसी हो। अपने करीरी गांव से शराब विक्रेताओं को भगा दिया।

Rajasthan : महिला सरपंच हो तो लिछमा देवी जैसी हो। अपने करीरी गांव से शराब

विक्रेताओं को भगा दिया।

लिछमा की इस मुहिम में जस्टिस फॉर छाबड़ा की पूनम छाबड़ा का भी भरपूर सहयोग रहा।
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30 मई को राजस्थान के करौली जिले की करीरी ग्राम पंचायत शराब मुक्त हो गई। सरकार की शराबबंदी की नीति के अंतर्गत यदि किसी गांव में 51 प्रतिशत लोग शराब की दुकान नहीं चाहते हैं तो सरकार ऐसे गांव में किसी भी विक्रेता को शराब बिक्री का लाइसेंस नहीं देगी। इस नीति के तहत ही 30 मई को करीरी ग्राम पंचायत में हुए मतदान में 97 प्रतिशत लोगों ने शराब बिक्री के विरोध में मतदान किया। अब यहां सरकार देसी अथवा विदेशी शराब की दुकान नहीं खोल सकेगी। दो वर्ष पहले जब सरकार ने इस गांव में शराब का ठेका खोला तो सरपंच लिछमा देवी ने महिलाओं के साथ विरोध किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
तब लिछमा देवी को राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी की मुहिम चला रहीं जस्टिस फॉर छाबड़ा की प्रमुख श्रीमती पूनम छाबड़ा का सहयोग मिला। पूनम ने लिछमा देवी को सरकार की शराबबंदी नीति की जानकारी दी। दो वर्ष संघर्ष करने के बाद आखिर प्रशासन को मतदान करना ही पड़ा। लोग शराब के खिलाफ वोट दे इसके लिए लिछमा देवी ने एक एक घर पर दस्तक दी। लिछमा देवी ने जितनी मेहनत सरपंच के चुनाव नहीं की उससे ज्यादा शराब बंदी के लिए की। लिछमा देवी का मानना है कि शराब एक सामाजिक बुराई है। चूंकि गांव गांव में ठेके खुल रहे हैं, इसलिए शराब का सेवन ज्यादा हो रहा है। लिछमा देवी नहीं चाहती कि शराब जैसी सामाजिक बुराई उनकी ग्राम पंचायत में हो। ग्रामीणों ने भी लिछमा देवी की इस पहल का स्वागत किया। गांव में पांच हजार 400 मतदाताओं में से 3 हजार 834 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इसमें से 3 हजार 746 मतदाताओं ने शराबबंदी के पक्ष में वोट दिया।
इससे लिछमा देवी और पूनम छाबड़ा की मेहनत का अंदाजा लगाया जा सकता है। पूनम छाबड़ा ने बताया कि उनके ससुर पूर्व विधायक गुरु शरण छाबड़ा ने शराब बंदी के लिए ही अपने प्राण त्याग दिए। वे चाहती है कि अपने ससुर के सपने को पूरा करें। इसलिए प्रदेश भर में संपूर्ण शराबबंदी का आंदोलन चला रखा है। जहां भी लोग शराब की दुकानों को बंद करवाने के लिए आगे आते हैं वहां वे पहुंच जाती हैं। सरकार पर भी लगातार दबाव डाला जा रहा है कि शराब की बिक्री को बंद किया जाए। छाबड़ा ने कहा कि सरकार की नीति के अनुरूप यदि किसी ग्राम पंचायत अथवा शहरी क्षेत्र में स्थानीय निकाय के वार्ड में शराब की दुकान बंद करवानी है तो शराबबंदी के पक्षधर लोग उनसे संपर्क कर सकते हैं। वे स्वयं मौके पर आकर सरकारी प्रक्रिया के तहत मतदान करवाएंगी। इसके लिए मोबाइल नंबर 9958980151 पर पूनम छाबड़ा से संवाद किया जा सकता है।