Rajasthan : वसुंधरा राजे भाजपा से नाराज होती तो घनश्याम तिवाड़ी को अपने घर में प्रवेश की अनुमति नहीं देतीं।

तो तिवाड़ी को घर में प्रवेश नहीं देती:
राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा का जो राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है, उसमें अब उन चर्चाओं प विराम लग गया है, जिनमें यह कहा जा रहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भाजपा से नाराज हैं। चर्चाओं में यह भी कहा गया कि वसुंधरा राजे की सहमति के बगैर ही घनश्याम तिवाड़ी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया है। 30 मई को तिवाड़ी ने राजे के जयपुर स्थित सरकारी आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। यह सही है कि यदि वसुंधरा राजे भाजपा और तिवाड़ी से नाराज होती तो तिवाड़ी को अपने घर में प्रवेश की अनुमति नहीं देती। इस मुलाकात के बाद तिवाड़ी ने भी कहा कि राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार होने की जानकारी मुझे सबसे पहले वसुंधरा राजे ने ही दी थी। तिवाड़ी ने कहा कि अब उनका राजे से कोई विवाद नहीं है।
तिवाड़ी और राजे की इस मुलाकात का फोटो खुद राजे ने सोशल मीडिया पर किया है। इससे प्रतीत होता है कि राजे भाजपा उम्मीदवारों को जीताने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। 31 मई को भी सुभाष चंद्रा और तिवाड़ी के नामांकन के समय वसुंधरा राजे विधानसभा में उपस्थित रहीं। राजे ने विधानसभा में ही सुभाष चंद्रा से अलग से लंबी मंत्रणा की। सब जानते हैं कि राजे दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रही हैं औ प्रदेश की राजनीति में आज भी उनका दबदबा है। वसुंधरा राजे निर्दलीय विधायकों से भी लगातार संपर्क में रही हैं। यदि बसपा वाले कांग्रेसी विधायकों और निर्दलीय विधायकों के वोट सुभाष चंद्रा को मिलते हैं तो इसमें राजे की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। राजे ने 31 मई को अपनी उपस्थिति से भाजपा में एकजुटता दिखाने का भी प्रयास किया है।