Ajmer : दो श्मशान और एक कब्रिस्तान होने के बाद भी एडीए की भूमि को श्मशान में बदला जा रहा है।

Ajmer : दो श्मशान और एक कब्रिस्तान होने के बाद भी एडीए की भूमि को श्मशान

में बदला जा रहा है।

अजमेर के निकट घूघरा गांव में दो श्मशान और एक कब्रिस्तान होने के बाद भी एडीए की भूमि को श्मशान में बदला जा रहा है।
पहले वाले श्मशान की भूमि पर भी दबंगों का कब्जा।
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अजमेर शहर की सीमा से सटे घूघरा गांव में पहले से ही दो श्मशान और एक कब्रिस्तान है, लेकिन इसके बाद भी अजमेर विकास प्राधिकरण की करोड़ों रुपए की कीमत वाली दो बीघा भूमि को जबरन श्मशान में बदला जा रहा है। दबंगों ने एडीए की भूमि पर चारदीवारी भी कर ली है। हालांकि तहसीलदार ने क्षेत्रीय पटवारी की रिपोर्ट पर चारदीवारी को हटाने के आदेश दे दिए हैं। लेकिन प्रभावशाली व्यक्तियों के दबाव के कारण चारदीवारी को अभी तक नहीं हटाया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार घूघरा गांव में पहले से ही दो श्मशान और कब्रिस्तान है। लेकिन लाड़पुरा रोड वाले पांच बीघा वाले श्मशान पर भी दबंगों ने अतिक्रमण कर लिया है। यदि अतिक्रमणकारियों की पहचान की जाए तो पता चलेगा कि जिन लोगों ने पहले वाले श्मशान की भूमि पर मकान बनाए हैं, वही लोग अब एमडीएस यूनिवर्सिटी चौराहे के निकट संस्कृति द स्कूल के सामने एडीए की भूमि पर कब्जा कर श्मशान बनाने का प्रयास कर रहे हैं। यानी श्मशान की आड़ में करोड़ों रुपए की भूमि को कब्जाने का प्रयास हो रहा है।
होना तो यह चाहिए कि लाड़पुरा रोड वाले श्मशान की भूमि पर से अतिक्रमण को हटाया जाए, लेकिन उल्टे एडीए की बेशकीमती भूमि पर कब्जा किया जा रहा है। जानकारों की मानें तो इसके पीछे घूघरा के एक भूमाफिया परिवार की भूमिका है। इस परिवार पर सरकारी भूमि को बेचने के आरोप भी लगते रहे हैं। चूंकि इस परिवार का राजनीति में भी दखल है, इसलिए कई प्रशासनिक अधिकारियों का संरक्षण रहता है। यदि बेची गई जमीनों की जांच पड़ताल हो तो बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है।
एमडीएस यूनिवर्सिटी चौराहे के निकट संस्कृति स्कूल के सामने आबादी क्षेत्र हैं। आबादी क्षेत्र में श्मशान के भूमि का आवंटन हो ही नहीं सकता। यदि श्मशान के लिए भूमि लेनी भी है तो विधिवत तौर पर ग्राम पंचायत के जरिए प्रस्ताव पास कर जिला प्रशासन से आवंटन करवाया जा सकता है। लेकिन घूघरा में तो दबंगों ने पहले एडीए की बेशकीमती भूमि पर कब्जा कर लिया और अब श्मशान के लिए आवंटन की मांग कर रहे हैं। यदि घूघरा के श्मशान के लिए भूमि चाहिए तो लाड़पुरा रोड वाले श्मशान को अतिक्रमण मुक्त करवाया जाए।
इस बात की क्या गारंटी है कि एडीए की मौजूदा भूमि का श्मशान की आड़ में दुरुपयोग नहीं होगा? प्रशासन को चाहिए कि संस्कृति स्कूल के सामने वाली बेशकीमती भूमि को तुरंत प्रभाव से अपने कब्जे में ले तथा लाड़पुरा रोड वाले श्मशान पर से अतिक्रमण हटाए। लाड़पुरा रोड वाले श्मशान की पांच बीघा भूमि में से तीन बीघा भूमि पर कब्जा हो चुका है। जिला कलेक्टर और एडीए के चेयरमैन अंश दीप को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।