Bharatpur : अवैध खनन को रोकने के मामले में राजस्थान सरकार ने फोरेस्ट डिपार्टमेंट को ट्रांसफर किया

Bharatpur : अवैध खनन को रोकने के मामले में राजस्थान सरकार ने फोरेस्ट डिपार्टमेंट को ट्रांसफर किया

भरतपुर। राजस्थान में भरतपुर के बृज क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने के मामले में राजस्थान सरकार ने उस जमीन को बुधवार को फोरेस्ट डिपार्टमेंट (वन विभाग) को ट्रांसफर कर दिया जिसे लेकर साधुसंतों ने डीग के पसोपा गाव में लगभग 552 दिनों तक डेरा डाल कर अपने आंदोलन को मूर्तरूप दिया। राज्य सरकार के राजस्व बिभाग के संयुक्त शासन सचिव विश्व मोहन शर्मा की ओर से गुरूवार को जिला कलेक्टर भरतपुर को दिशा-निर्देश के साथ जारी आदेशों के मुताबिक सीकरी तहसील के 7 राजस्व गांव की 662.25 हैक्टेयर और पहाड़ी तहसील के 2 राजस्व गांव की 87.19 हैक्टेयर जमीन यानी कुल 749.44 हैक्टेयर जमीन वन विभाग को ट्रांसफर की गई है। सरकार के इस फैसले के बाद वहां अब बड़े स्तर पर पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। जारी आदेशो में पहाड़ी तहसील की 7.96 हैक्टेयर चारागाह भूमि की क्षतिपूर्ति के लिए ग्राम पंचायत मूंगस्का के राजस्व गांव खैराबा की 3.85 हैक्टेयर एवं बड़ौदा गांव की 4.11 हैक्टेयर कुल 7.96 हैक्टेयर सिवायचक भूमि चारागाह में दर्ज की जाएगी। गौरतलब है कि भगवान श्री कृष्ण की क्रीड़ास्थली रही पौराणिक कालीन इन पहाड़ियों को अवैध खनन से मुक्त कराने के लिए चले इस आंदोलन के अंतिम चरण में बुधवार को आंदोलनकारी एक संत ने विरोध स्वरूप अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ डाल आत्महत्या का प्रयास किया। आत्महत्या के प्रयास में गम्भीर रूप से झुलसे सन्त बाबा विजय दास को बुधवार देर शाम जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, जहां से उन्हें गुरुवार दोपहर को दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल रैफर किया गया।