Karauli : पुलिस को मिला था हिंसा का अलर्ट, छतों पर तैनात होने चाहिए थे पुलिस जवान

करौली में बुधवार को 5वां दिन भी तनावपूर्ण रहा। गुरुवार से कर्फ्यू में छूट की उम्मीद है। करौली हिंसा में सबसे बड़ी लापरवाही पुलिस की ही सामने आ रही है। क्योंकि करौली एसपी शैलेन्द्र सिंह इंदौलिया को पहले से ही उपद्रव के सारे संकेत मिले थे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। पुलिस मुख्यालय इंटेलीजेंस शाखा ने आदेश जारी किया था कि कोरोना के बाद अब धार्मिक आयोजन होंगे।

रैली, जुलूस निकाले जाएंगे। ऐसे में संवेदनशील इलाकों में सामप्रदायिक घटनाएं होने की संभावना हैं, जिला एसपी अलर्ट रहें। इतना ही नहीं मुख्यालय की कानून व्यवस्था ब्रांच ने भी जुलूस व रैली के दौरान छतों पर जवान खड़े करने, ड्रोन से निगरानी कराने, जुलूस के दौरान डीजे के लिए अनुमति नहीं देने जैसे करीब 10 निर्देश जारी किए थे।

यह भी पढ़ें :   दुष्कर्म के मामले में  फरार आरोपी को दबोचा - बालघाट

अब पुलिस मुख्यालय पर बैठे उच्च अधिकारी भी एसपी की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। एसपी के अलावा एडिशनल एसपी, डिप्टी एसपी और एसएचओ की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है।

इधर, घटना के दिन दर्ज एफआईआर में पुलिस ने कहा है कि मस्जिद के सामने से रैली शांतिपूर्वक निकल रही थी। साथ में पुलिस जाप्ता चल रहा था। इसी बीच मस्जिद और आसपास की दुकानों से पथराव शुरू कर दिया है। इसके बाद वहां पहले से डंडे लेकर खड़े 100-150 लोगों ने ताबड़ताेड़ हमला कर दिया।

यह भी पढ़ें :   Rajasthan: मुख्य सचिव के साथ होने वाली बैठक की तैयारी के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग शासन सचिव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित

कैबिनेट बैठक में बोले मंत्री- यह भाजपा से जुड़े संगठनों का षड्यंत्र
बुधवार रात को कैबिनेट बैठक में भी कराैली हिंसा का मुद्दा उठा। सीएम ने इस मुद्दे काे लेकर सभी मंत्रियाें से राय पूछी तो मंत्रियाें ने इसे भाजपा संगठन से जुड़े लोगों का सुनियोजित षड्यंत्र बताया। इस पर गहलोत ने कहा- कानून व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है और इसे कायम रखने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं।

इधर, राज्यपाल मिश्र ने वाराणसी में कहा- पत्थरबाजी पूर्व नियोजित थी
वाराणसी में राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को वाराणसी में करौली हिंसा में पत्थरबाजी की घटना पूर्वनियोजित थी। उन्होंन कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।