Sawai MAdhopur : मांडना कला आजीविका विकास कार्यक्रम सम्पन्न

Sawai MAdhopur : मांडना कला आजीविका विकास कार्यक्रम सम्पन्न

सवाई माधोपुर 23 मई। एनवायरनमेंट एंड एजुकेशन सोसाइटी द्वारा नाबार्ड के सहयोग से विलुप्त होती मांडना कला को अपनी पहचान देने एव साथ ही मांडना से अपनी आजीविका चलाने के उद्देश्य से चलाये जा रहे नाबार्ड के आजीविका और उधम विकास कार्यक्रम का आज एक बेच का समापन किया गया।
इस कार्यक्रम में डी.डी.एम पूनीत हरित ने समापन कार्यक्रम के शुरुआत में हालोंदा गांव की 30 महिलाओं द्वारा 15 दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान बनाए गए मांडना के चित्रो का अवलोकन किया गया। डी.डी.एम पूनीत हरित ने बताया की मांडना कला राजस्थान की पहचान रही है। ये हर मांगलिक कार्यों में मांडना का आपना एक महत्व रहा है परन्तु समय के साथ गाँवों से कच्चे मकानों में गोबर और मिटटी की लिपाई पक्के मकान बनने से धीरे धीरे खत्म होती जा रही है। कच्चे मकानो पर ही खड़ी एव गेरू से महिलाओं द्वारा बनाये जाते थे। साथ ही एनवायरनमेंट एंड एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष जय कुमार बेनीवाल ने बताया की रणथम्भौर में लाखों पर्यटक हर वर्ष आते है उन्हें वन्यजीवों के साथ साथ उस जगह की संस्कृति को को भी जानने की इच्छा होती है परन्तु यहाँ ऐसा कोई केंद्र ही नहीं है। मांडना से महिलाये अपनी आजीविका भी चला सकती है साथ ही अपनी संस्कृति से देसी विदेशी पर्यटकों को रूबरू करवा सकती है।
इसी क्रम में संस्था के सचिव नवीन बबेरवाल ने बताया की राजीविका द्वारा बनाये गये महिला समूहों के साथ मांडना कला प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओ को मांडना कला का प्रशिक्षण देने के बाद उन समूहों को बाजार उपलब्ध करवाने तक का प्रशिक्षण कार्यक्रम एनवायरनमेंट एंड एजुकेशन सोसाइटी द्वारा किया जायेगा। साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित प्रशिक्षक मनमोहन कुमावत एव रिंकू मल्होत्रा ने बताया की मांडना कला राजस्थान की एक पहचान है जो की हर त्यौहार, मांगलिक कार्य में मांडना बनाने की परम्परा पुराने समय से चली आ रही है उन्होंने विभिन्न त्योंहारो पर बनाये जाने वाले अलग अलग मांडनो के प्रकार भी बताये साथ ही पूरी लगन से मांडना कला को सिखने एव उसे से सफलता प्राप्त कर आजीविका के रूप में स्थापित करने पर जोर दिया। कार्यक्रम के अंत मे सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गए।
इस दोरान एनवायरनमेंट एंड एजुकेशन सोसाइटी के उपाध्यक्ष अनुपम मोरवाल, एव सीताराम बैरवा ने सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर साफा बंधा कर स्वागत किया इस दोरान बलराम वैष्णव, बुद्धि मीणा, आदि लोग मोजूद थे।