चिकित्सा मंत्री ने कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों की व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के दिए निर्देश

चिकित्सा मंत्री ने कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों की व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के दिए निर्देश
• कोविड डेडिकेटेट अस्पतालों में तुरंत सुविधा के लिए बनाया जाएगा ट्राइएज एरिया
• ट्राइएज एरिया में ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर होंगे 24 घंटे उपलब्ध
• अस्पताल प्रभारी, रेजिडेंट को दिन में एक बार करना होगा वार्ड का निरीक्षण

• मरीजों की देखभाल कर रहे चिकित्सकों का नाम व फोन नंबर प्रत्येक वार्ड में होगा अंकित

जयपुुर, 14 मई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में संक्रमित मरीजों और उनके परिजनों को आ रही समस्याओं के तुरंत निदान और अस्पतालों की व्यवस्थाओं को और दुरुस्त करने के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचायोर्ं और नियंत्रकों को विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं।
डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण का फैलाव से बढ़ रहा है। प्रदेश के सभी राजकीय अस्पताल पूरी क्षमता के साथ मरीजों को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं। संक्रमण में बढ़ोतरी के चलते कई जगहों पर मरीज व उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए संबंधित मेडिकल कॉलेजों से संबंधित अस्पतालों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है।
चिकित्सा सचिव श्री वैभव गालरिया ने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार कोविड डेडिकेटेड सभी अस्पतालों में ऎसा ट्राइएज एरिया विकसित करने के निर्देश दिए हैं, जहां आने वाले नए मरीज को भर्ती  करने से पहले चिकित्सक जांच लें। होम आइसोलेशन की जरूरत होने पर उन्हें उचित परामर्श दें और गंभीर स्थिति होने पर तुरंत अस्पताल में भर्ती करना सुनिश्चित करें। उन्होंने इस एरिया में पाइपलाइन से ऑक्सीजन सप्लाई, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि की भी व्यवस्था रखने के भी निर्देश दिए हैं।
श्री गालरिया ने सभी निजी और राजकीय अस्पतालों में प्रतिदिन रिक्त होने वाले बेडेड की सूचना प्रतिदिन राजकोविड इन्फो पोर्टल पर अपडेट करने और संबंधित सूचना अस्पताल के वेटिंग एरिया में प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि आमजन को रिक्त बेडेड से जुड़ी जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि भर्ती होने वाले सभी मरीजों की अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक प्रतिदिन जांच करें ताकि मरीज व उनके परिजनों को विश्वास बना रहे।
श्री गालरिया ने कहा कि अस्पताल के प्रभारी स्वयं दिन में एक बार वाडोर्ं का निरीक्षण करेंगे और जरूरत पड़ने पर मरीजों के उपचार में भी बदलाव करें। उन्होेंने कहा कि इसके अलावा रेजिडेंट या वरिष्ठ रेजीडेंट भी प्रतिदिन वाडोर्ं का निरीक्षण करेंगे और मरीजों की समस्याओं का तुरंत निदान करने का प्रयास किया जाएगा। सभी कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में ‘राउंड द क्लॉक‘ चिकित्सकों की ड्यूटी लगाने और मरीजों को किसी भी आपातकालीन स्थिति में उपचार उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा।
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने बताया कि निरीक्षण के दौरान सभी चिकित्सक मरीजों व उनके परिजनों के साथ सकारात्मक सोच और उनके आत्मबल को बढ़ाने वाली बातचीत करेंगे ताकि उनका मनोबल नहीं टूटे और उनका चिकित्सकीय व्यवस्था में विश्वास बढ़ सके। उन्होंने कहा कि मरीजों की देखभाल कर रहे सभी चिकित्सकों के नाम और संपर्क सूचना प्रत्येक वार्ड में भी चस्पाई जाए ताकि किसी भी परेशानी होनी पर मरीज चिकित्सकों से संपर्क कर सके।
श्री गालरिया ने बताया कि अस्पतालों में ऑक्सीजन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाए और मरीजों के 92 प्रतिशत से कम सेचुरेशन आने पर तुरंत ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने कहा कि सभी मरीजों का सुबह और शाम को ऑक्सीजन स्तर जांचकर उसे मरीज के बेड टिकट पर प्रतिदिन इंद्राज भी किया जाएगा। उन्होंने भर्ती मरीजों को प्रोनिंग व्यायाम के बारे में जागरूक कर उन्हें प्रोनिंग के प्रति प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि ऑक्सीजन सेचुरेशन के कम होने पर इसका लाभ मरीज उठा सकें।