अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह बाल विवाह के सम्पूर्ण उन्मूलन के लिए सरकार प्रतिबद्ध-मुख्यमंत्री

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अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह बाल विवाह के सम्पूर्ण उन्मूलन के लिए सरकार प्रतिबद्ध-मुख्यमंत्रीजयपुर, 11 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में बाल विवाह के सम्पूर्ण उन्मूलन के लिए राज्य सरकार दृढ़ इच्छाशक्ति से काम कर रही है। हमारा मजबूत संकल्प है कि प्रदेश में बाल विवाह न हो और इस संबंध में कोई समझौता सरकार नहीं करेगी।श्री गहलोत सोमवार शाम को अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विवाहों के अनिवार्य पंजीयन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश की भावना के अनुरूप ही राजस्थान विवाहों का अनिवार्य पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 लाया गया है। परन्तु बाल विवाह को लेकर जो गलत धारणा बन गयी है, तो हम बिल को माननीय राज्यपाल महोदय से अनुरोध करेंगे कि इसे सरकार को पुनः लौटा दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बालिकाओं एवं महिलाओं को आगे बढ़ने के समान अवसर प्रदान करने के लिए सरकार प्रतिबद्धता से काम कर रही है। हमारा पूरा प्रयास है कि बालिकाएं एवं महिलाएं शिक्षित, स्वस्थ, समर्थ एवं सशक्त बनें और प्रदेश का नाम रोशन करें। श्री गहलोत ने कहा कि महिलाओं एवं बालिकाओं के उत्थान के लिए एक से बढ़कर एक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की गई हैं। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए खोले गए 123 नए महाविद्यालयों में से 32 महिला महाविद्यालय हैं। साथ ही जिन उच्च माध्यमिक विद्यालयों की 11वीं व 12वीं कक्षा में 500 से अधिक छात्रायें हैं उन्हें भी कन्या महाविद्यालय में क्रमोन्नत किए जाने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि आज राजस्थान ऎसा राज्य है जहां बालिकाओं को विश्वविद्यालय तक शिक्षा निःशुल्क दी जा रही है। सरकार के इन प्रयासों से राजस्थान बालिका शिक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में है।श्री गहलोत ने कहा कि प्रदेशवासियों को इलाज के महंगे खर्च से मुक्ति दिलाने के लिए हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजना लागू की है।  राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम तथा चिरंजीवी योजना जैसी पहल के चलते राजस्थान देश में ऎसा राज्य बन गया है, जहां समाज के हर वर्ग को यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज दिया जा रहा है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को माहवारी के दौरान स्वच्छता के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से सरकार ‘उड़ान योजना’ शुरू करने जा रही है, जिस पर 200 करोड़ रूपए व्यय किए जाएंगे। उन्होंने इस योजना की सफलता के लिए सभी वर्गों से सक्रिय भागीदारी निभाने का आह्वान किया। समारोह में मुख्यमंत्री ने पैरालिंपिक में गोल्ड मैडलिस्ट निशानेबाज अवनी लेखरा तथा 9 साहसी बालिकाओं का सम्मान किया। उन्होंने बाल श्रम से मुक्त होकर बाल शिक्षा आश्रम में अध्ययन के लिए नामांकित बच्चों को पोशाक का वितरण किया। उन्होंने मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत लाभान्वित निराश्रित बच्चों एवं विधवाओं से संवाद किया।श्री गहलोत ने गांधी योजना सुगम सेतु अभियान के लोगो एवं पोस्टर तथा इंदिरा गांधी महिला एवं बाल विकास शोध संस्थान एवं उड़ान योजना के लोगो का अनावरण किया। उन्होंने राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पोस्टर ‘चुप्पी तोड़ो हमसे कहो’ का भी विमोचन किया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा कि बालिकाओं एवं महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए विभाग दूरगामी सोच के साथ काम कर रहा है। इस दिशा में पूरे विश्व में सशक्त प्रधानमंत्री के रूप में भारत का नाम रोशन करने वाली हमारी महान नेता स्व. इंदिरा गांधी के नाम पर इंदिरा महिला शक्ति योजना एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि आने वाली 19 नवम्बर को श्रीमती इंदिरा गांधी के जन्मदिवस पर उड़ान योजना की शुरूआत होने जा रही है जिसमें बालिकाओं, छात्राओं एवं महिलाओं को निःशुल्क सैनेटरी नैपकिन्स वितरित किए जाएंगे। श्रीमती भूपेश ने कहा कि बालिकाओं को प्रेरित करने के लिए राज्य सरकार ने पैरालिम्पिक में स्वर्ण पदक जीतकर हम सबका मान बढ़ाने वाली शूटर अवनी लेखरा को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना का ब्राण्ड एम्बेसडर बनाया है। उन्होेंने कोरोना की विषम परिस्थितियों में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं द्वारा की गई बेहतरीन सेवाओं की प्रशंसा की।श्रम राज्यमंत्री श्री टीकाराम जूली ने कहा कि कई उदाहरण हंब जिनमें महिलाओं एवं बेटियों ने विषम परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करते हुए जीवन में सफलता हासिल की है। राज्य को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए श्रम विभाग योजनाबद्ध रूप से काम कर रहा है। इसकी सफलता के लिए स्वयंसेवी संगठनों का भी सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान ने कोरोना महामारी का बेहतर प्रबंधन किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना इस बीमारी से निराश्रित हुए बच्चों तथा विधवाओं को संबल देने की एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है।राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल ने आभार व्यक्त किया। इससे पहले मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला शक्ति की देश एवं प्रदेश के विकास में बड़ी भूमिका है। सशक्त बालिका के बिना स्वस्थ समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती। पैराशूटर सुश्री अवनी लेखरा ने कहा कि उनकी अब तक की खेल उपलब्धियों में राज्य सरकार से भरपूर सहयोग मिला है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। पिंकसिटी साइकिल रिक्शा चालक संस्था के सचिव श्री विपिन तिवाड़ी ने भी संबोधित किया।महिला एवं बाल विकास, श्रम विभाग, यूनिसेफ एवं पिंकसिटी साइकिल रिक्शा चालक संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा, श्रम, महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा, जनजातीय क्षेत्र विकास सहित अन्य विभागों एवं यूनिसेफ के वरिष्ठ अधिकारी तथा बड़ी संख्या में महिलाएं, बालिकाएं, बच्चे एवं उनके परिजन भी मौजूद थे।- – –