REET कैंसिल हुई तो LDC ने फांसी लगाई, कर्ज लेकर पास कराने के लिए दिए थे 40 लाख

टोंक जिले के नगरफोर्ट थानांतर्गत रानीपुरा में कर्ज में डूबे युवक ने गले में फंदा डालकर आत्महत्या कर ली। मृतक लोकेश मीणा बूंदी के नैनवा में पीडब्ल्यूडी कार्यालय में बाबू के पद पर कार्यरत था। कुछ दिन पूर्व रानीपुरा अपने गांव आया था। दूसरी ओर युवक के आत्महत्या की सूचना पर उनियारा डीएसपी शकील अहमद और एएसआई रतनलाल मीणा मय जाप्ते के मौके पर पहुंचे और शव को नगरफोर्ट स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां पर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया।
इस दौरान एफएसएल टीम ने भी साक्ष्य जुटाए है। उधर आत्यहत्या के इस मामलें में रीट अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए बाड़मेर के कैलाश बिश्नोई और जयपुर के देवकरण गुर्जर को पैसे देने और नंबर नहीं आने पर अभ्यर्थियों की ओर से लोकेश पर पैसे वापस मांगने की बात सामने आई है। नगरफोर्ट थाने के एएसआई रतनलाल ने बताया कि रानीपुरा निवासी लोकेश मीणा की करीब ढाई साल पहले बूंदी जिले के नैनवा में पीडब्ल्यूडी कार्यालय में बाबू के पद पर नियुक्ति हुई थी।
वर्तमान में हिंडोली में प्रतिनियुक्ति पर एलडीसी (बाबू) के पद पर कार्यरत था। जानकारी मिली है कि वह रुपयों के लेनदेन को लेकर परेशान था। सोमवार को वह गांव आया था और रात को खाने के बाद अपने कमरे में सो गया। लेकिन सुबह वह रस्सी का फंदा लगाकर छत के पंखे से झूलता मिला। करीब सवा चार बजे उसती पत्नी जागी और पति को पंखे से झूलता देख चिल्लाने लगी।
आवाज सुनकर अन्य घर वाले भी जाग गए। बाद में परिजन उसे नीचे उतारकर नगर फोर्ट अस्पताल लाए, जहां चिकित्सकों उसे मृत घोषित कर दिया।
रीट पेपर लीक से हो सकता है संबंध।
लोकेश मीणा के आत्महत्या के बाद बाड़मेर निवासी कैलाश बिश्नोई और जयपुर निवासी देवराज गुर्जर को रीट परीक्षा परीक्षार्थियों को पास करवाए जाने के लिए पैसे देने की बात सामने आ रही है। लेकिन असफल अभ्यर्थी नंबर नहीं आने पर रुपए का तकाजा करने लगे। सूत्रों के अनुसार लोकेश मीणा ने रीट परिक्षार्थियों को पास करने की एवज में पैसे लेकर कैलाश विश्नोई को 24 लाख व देवकरण गुर्जर जयपुर को 16 लाख रुपए को दिए थे।लेकिन कुछ अभ्यर्थियों के पास नहीं होने पर जब कैलाश बिश्नोई एवं देवकरण गुर्जर से रुपए का तकाजा किया तो दोनो आनाकानी करने लगे और असफल अभ्यर्थियों भी लगातार पैसे वापस देने का दबाब बनाते रहे। इससे लोकेश पर कर्जा अधिक होने पर वह परेशान रहने पर उसने आत्महत्या करने कदम उठा लिया। हालांकि, पिता की ओर से थाने में दी गई रिपोर्ट में अलग मामला बताया गया है। वही मामले में एसपी मनीष त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि फिलहाल मामलें को रीट परीक्षा से जोड़कर देखना जल्दबाजी होगा। क्योंकि विभिन्न पहलुओं की जांच व सुसाईड नोट, पूछताछ व बयानों के बाद सम्पूर्ण स्थिति का खुलासा होगा। उन्होंने बताया कि पुलिस ने पांच टीमें गठित करने के साथ ही एक जने को दस्तयाब कर लिया है।
जानकारी के अनुसार, लोकेश दो भाई था। बड़ा भाई RAC में कॉन्स्टेबल है। लोकेश के दो छोटे बच्चे हैं। वह कुछ साल से बूंदी के हिंडोली में ही नौकरी कर रहा था।