Rajasthan : सीएम गहलोत 1 और जून को करेंगे बजट घोषणाओं की समीक्षा

Rajasthan : सीएम गहलोत 1 और जून को करेंगे बजट घोषणाओं की समीक्षा, मंत्री

और अधिकारियों की जांचेंगे परफॉर्मेंस।

राजस्थान प्रदेश में डेढ़ साल के बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब सक्रिय हो गए हैं। सीएम गहलोत की इच्छा है कि पांचवें और अंतिम बजट से पहले चौथे बजट में की गई सभी घोषणाओं की क्रियान्वयन हो और मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की जाए और यह पता लगाया जाएगा कि योजनाओं का लाभ आम लोगों को मिल रहा है या नहीं । चौथे बजट में की गई घोषणाओं की विभागवार क्या क्रियान्वित हुई है और कितनी योजनाएं अभी भी लागू नहीं हो पाई हैं।

उसको लेकर गहलोत ने 1 और 2 जून को सभी मंत्रियों और अधिकारियों की फीडबैक बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री आवास में 2 दिन चलने वाली इस फीडबैक बैठक में सभी विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन और फ्लैगशिप योजनाओं को लेकर सभी विभागों के मंत्री करीब एक 1 घंटे का प्रेजेंटेशन देंगे और बताएंगे कि बजट में उनके विभाग से संबंधित जो घोषणा की गई हैं उनमें से कितनी घोषणाएं अब तक धरातल पर लागू हो चुकी हैं और कितनी घोषणा अभी भी लागू नहीं हो पाई हैं। उन घोषणाओं के लागू होने के बाद उनका लाभ जनता को मिल रहा है या नहीं?

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इन तमाम मुद्दों पर मंत्री सीएम गहलोत के सामने अपने प्रेजेंटेशन देंगे। इसके अलावा हाल ही में अपने अपने प्रभार वाले जिलों के दौरे के दौरान फ्लैगशिप योजना और बजट घोषणाओं को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट भी मंत्री सीएम गहलोत को सौंपेंगे। मंत्रियों के अलावा विभागों के प्रमुख सचिवों और अन्य अधिकारी भी विभाग के कामकाज का प्रेजेंटेशन देने के साथ ही फ्लैगशिप योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट भी  सीएम गहलोत को देंगे। 2 दिन चलने वाली फीडबैक बैठक के दौरान मंत्रियों के प्रेजेंटेशन के बाद सीएम गहलोत सभी मंत्रियों और अधिकारियों को पूरी सतर्कता के साथ बजट घोषणाओं को शीघ्र धरातल पर लागू करने और उनका लाभ जनता को देने के निर्देश भी देंगे।

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सीएम गहलोत के ड्रीम प्रोजेक्ट माने जाने वाले निःशुल्क दवा योजना, निःशुल्क जांच योजना और चिरंजीवी बीमा योजना पर विशेष फोकस करने के निर्देश भी अधिकारियों को देंगे। 2 दिन चलने वाली फीडबैक बैठक के पीछे नियम गहलोत की मंशा यही है कि प्रेजेंटेशन के जरिए मंत्रियों की भी कामकाज का आंकलन कर लिया जाए। प्रेजेंटेशन के जरिए परफॉर्मेंस रिपोर्ट कार्ड तैयार कर लिया जाए, जिससे यह पता चल सके कि विभागवार कामकाज के हिसाब से किस मंत्री की परफॉर्मेंस अच्छी रही है और किस मंत्री की परफॉर्मेंस सही नहीं है।