Alwar : अलवर जिले में मंदिर के बाद अब गौशाला पर चला बुलडोजर।

Alwar : अलवर जिले में मंदिर के बाद अब गौशाला पर चला बुलडोजर।

अलवर के राजगढ़ में मंदिर पर बुलडोजर चलाने का मामला अभी थमा नहीं है कि अब कठूमर के रूंध में गोशाला पर बुलडोजर चलने का विवाद हो गया है। 21 अप्रैल काे यहां वन विभाग ने गोशाला की चारदीवारी को अवैध निर्माण बताते हुए कुछ हिस्सा तोड़ दिया। कार्रवाई के बाद गायों को जंगल में छोड़ दिया गया। इसके बाद से विवाद बढ़ गया।

वन विभाग का कहना है कि सहायक वन संरक्षक(विभागीय कोर्ट) के आदेश पर यह कार्रवाई की गई। इसके बाद करीब 10 हेक्टेयर जमीन को वन विभाग ने कब्जे में ले लिया है। अब इस मामले पर भी सियासत होने लगी है। सरकार को घेरा जाने लगा है। यहां कोर्ट के आदेश पर वन विभाग की जमीन से अतिक्रमण हटाया गया है। हैरानी कि बात यह है कि नोटिस देने के 4 महीने बाद अचानक वन विभाग की टीम पहुंची और कार्रवाई की।

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2012 से संचालित गोशाला
हनुमान गोशाला मैथना के अध्यक्ष तेजीराम शर्मा ने बताया कि मैथना रूंध में 2012 से गोशाला संचालित है। गोशाला रिकाॅर्ड के अनुसार 425 गोवंश यहां थे। उनका कहना है कि 21 अप्रैल सुबह दस बजे वन विभाग के रेंजर जितेंद्र सैन और फॉरेस्टर पुष्पेंद्र चौधरी जेसीबी और गार्ड के साथ गोशाला पहुंचे और 4-5 बीघा जमीन में बनी चारदीवारी का हिस्सा हटा दिया गया। आरोप लगाया गायों को जंगल में भगा दिया।

अलवर के राजगढ़ में मंदिर पर बुलडोजर चलाने का मामला अभी थमा नहीं है कि अब कठूमर के रूंध में गोशाला पर बुलडोजर चलने का विवाद हो गया है। 21 अप्रैल काे यहां वन विभाग ने गोशाला की चारदीवारी को अवैध निर्माण बताते हुए कुछ हिस्सा तोड़ दिया। कार्रवाई के बाद गायों को जंगल में छोड़ दिया गया। इसके बाद से विवाद बढ़ गया।

वन विभाग का कहना है कि सहायक वन संरक्षक(विभागीय कोर्ट) के आदेश पर यह कार्रवाई की गई। इसके बाद करीब 10 हेक्टेयर जमीन को वन विभाग ने कब्जे में ले लिया है। अब इस मामले पर भी सियासत होने लगी है। सरकार को घेरा जाने लगा है। यहां कोर्ट के आदेश पर वन विभाग की जमीन से अतिक्रमण हटाया गया है। हैरानी कि बात यह है कि नोटिस देने के 4 महीने बाद अचानक वन विभाग की टीम पहुंची और कार्रवाई की।

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2012 से संचालित गोशाला
हनुमान गोशाला मैथना के अध्यक्ष तेजीराम शर्मा ने बताया कि मैथना रूंध में 2012 से गोशाला संचालित है। गोशाला रिकाॅर्ड के अनुसार 425 गोवंश यहां थे। उनका कहना है कि 21 अप्रैल सुबह दस बजे वन विभाग के रेंजर जितेंद्र सैन और फॉरेस्टर पुष्पेंद्र चौधरी जेसीबी और गार्ड के साथ गोशाला पहुंचे और 4-5 बीघा जमीन में बनी चारदीवारी का हिस्सा हटा दिया गया। आरोप लगाया गायों को जंगल में भगा दिया।