Bharatpur : साधुसंतों के धरने व आन्दोलन के मामले में सरकार ने दो टूक शब्दों में ….

Bharatpur : साधुसंतों के धरने व आन्दोलन के मामले में सरकार ने दो टूक शब्दों में ….

भरतपुर। राजस्थान में भरतपुर के बृज मेवात क्षेत्र में ब्रज के धार्मिक आदिबद्री एवं कनकांचल पर्वतों पर हो रहे खनन को रोकने तथा इस क्षेत्र को वन भूमि घोषित करने की मांग को लेकर पिछले 551 दिनों से चल रहे साधुसंतों के धरने व आन्दोलन के मामले में सरकार ने दो टूक शब्दों में स्पस्ट कर दिया है कि बाबा अपनी जिद पर अडे़ हैं तथा गैर कानूनी रूप से प्रशासन पर दबाव डालने की मंशा से अग्रिम स्तर पर लिखित समझौता करने की मांग कर रहे हैं सरकार ऐसे दबाव में कार्य नहीं करेगी।

राजस्थान के पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने सम्भागीय आयुक्त सभागार में मीडिया के साथ बातचीत में सरकार की मंशा को जाहिर करते बताया कि राज्य सरकार क्षेत्रीय साधु-संतों द्वारा ब्रज के धार्मिक आदिबद्री एवं कनकांचल पर्वतों पर हो रहे खनन को रोकने तथा इस क्षेत्र को वन भूमि घोषित करने की मांग को पूरा करने के प्रति पूर्ण से संवेदनशील है तथा इस समस्या का सम्मानजनक तरीके से समाधान निकालने का प्रयास कर रही है लेकिन 18 जुलाई की शाम को पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय में साधु-संतों के प्रतिनिधि मंडल के साथ हुई वार्ता में आत्मदाह जैसे कदम को त्यागने की घोषणा के बाद भी साधु नारायण दास द्वारा मोबाईल टावर पर चढ़कर अनावश्यक रूप से कानून व्यवस्था भंग करने के साथ ही वार्ता में हुए निर्णय के प्रति वायदा खिलाफी साधु-संत समाज के लिए अशोभनीय कृत्य है। सिंह ने कहा कि सरकार प्रभावित क्षेत्र में चल रहे खनन कार्य को विस्थापित कर अन्य क्षेत्र में करने, इस क्षेत्र को वन भूमि घोषित करने तथा क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के सम्बंध में समझौता करने को तैयार है केकिन साधु-संतों के कई गुट बने हुए हैं तथा सरकार के समक्ष वार्ता करने के लिए कोई एक प्रतिनिधि सामने नहीं आ रहा है।

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सिंह ने साधुसंतों पर इस आन्दोलन का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते कहज कि आंदोलन में अब राजनीतिक व्यक्ति भी शामिल हो रहे हैं जबकि साधु-संतों द्वारा प्रशासन को यह आश्वासन दिया गया था कि आन्दोलन में किसी भी तरह का राजनैतिक हस्तक्षेप नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले के प्रति संवेदनशील है और साधु-संतों के विरूद्ध कोई भी कठोर कदम उठाना नहीं चाहती। पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री ने भरतपुर में रीट की होने बाली परीक्षा का जिक्र करते कहा कि पूरे राज्य व देश से लगभग 85 हजार परीक्षार्थी भरतपुर में परीक्षा देने आयेंगे उन्होंने साधु-संतों से आग्रह किया कि वे शांतिपूर्वक तरीके से वार्ता करें एवं कोई ऐसा कृत्य न करें जो कानून के दायरे में न आता हो।