Karauli : जिला कलेक्टर शेखावत के प्रयास लायें रंग

Karauli : जिला कलेक्टर शेखावत के प्रयास लायें रंग, शिक्षा

परिषद द्वारा जारी रैकिंग में करौली पहुंचा 7वें पायदान पर।

जिला कलक्टर राजेन्द्र सिंह शेखावत के नियमिति मॉनिटरिंग एवं विद्यालयों के आकस्मिक निरीक्षण से अधिकारियों मे कार्य के प्रति गंभीरता के साथ साथ अपने दायित्वों को निर्वहन करने की ललक ने ही करौली जिले को दिसम्बर मे 25 वें पायदान से उठाकर जनवरी मे 17वें पायदान एवं फरवरी माह मे प्रदेश स्तर पर 7 वें पायदान पर पहुंच चुका है। जिला कलक्टर ने बताया कि आगामी समय में शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों, पीईईओ, एवं अध्यापकों के समन्वय से जिला प्रदेश मे प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिये प्रयासरत रहेगा। करौली जिला शैक्षिणिक दृष्टि से पिछडा हुआ है। देशभर के 102 आशान्वित जिलों में शामिल है।

अगर देश के पिछडे हुए आंशान्वित जिलों को लेकर जिले की शैक्षिणिक स्थिति और शैक्षिणिक व्यवस्था के साथ साथ विद्यालयों का सुदृढीकरण एवं पर्यावरण के प्रति विद्यालयों में विद्यार्थियों को आर्कषित करने के लिए पेड पौधे लगाकर सुसज्जित करने की ललक करौली जिले के अध्यापकों में दिख रही है। उसके अनुसार राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से हर माह जारी की जाने वाली रैकिंग में इस बार करौली जिले की स्थिति धीरे धीरे सुधर रही है। उन्होने बताया कि स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा शिक्षा की रैकिंग के निर्धारण में परिषद की चारदीवारी, छात्र छात्राओं पर अलग अलग कक्षा कक्ष, पृथक पृथक शौचालय, सैनेटरी नैपकिन, डिस्पेंसर मशीन, शुद्ध पेयजल, विद्युत कनेक्शन, भामाशाहों द्वारा आर्थिक सहयोग शिक्षा की गुणवत्ता, आधार कार्ड फिलिंग, खेल मैदान विकसित करना एवं खेल मैदानों को भू आवंटन करवाना, इटरनेट सुविधा, बोर्ड परीक्षा मे 4 व 5 स्टार प्राप्त करने, 80 जी के तहत पेन कार्ड प्राप्त करने वाले विद्यालय, 80 जी प्रमाण पत्र के लिये आवेदन प्राप्त करने वाले विद्यालय, समुदाय से 50 हजार रू या अधिक राशि प्राप्त करने वाले जैसे 44 बिंदुओं के आधार पर रैकिंग निर्धारित की जाती है।

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इसके अलावा शिक्षण व्यवस्था से संबंधित संसाधनों और सुविधाओं के साथ साथ करौली जिले के डांग क्षेत्र में स्कूल में शुद्ध पेयजल, बिजली, शौचालय, पुस्तकालय, खेल संसाधन, खेल मैदान जैसी सुविधाऐं उपलब्ध नहीं हो पाती है उसके बाबजूद भी सुविधाऐं उपलब्ध करायी जा रही है इसके लिए जिले के शिक्षक भामाशाहों के माध्यम से सहयोग लेकर स्कूलों की दशा और दिशा बदलने में लगे हुए हैं। जिससे की जिला प्रथम पायदान पर पहुंचे और जिले का नाम रोशन हो।शिक्षकों का प्रयास है कि करौली जिला राजस्थान के 5 आशांन्वित जिलों में से सबसे पहले बाहर हो।

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जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में शिक्षा की गुणवत्ता और रैकिंग में सुधार के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उपखंड एवं ब्लॉक वायिज रैकिंग सुधार की जिम्मेदारी दी गई है। जिसे अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए रैकिंग में सुधार के लिए प्रयासरत हैं। शिक्षा के क्षेत्र में जिलों की प्रतिस्पर्धा बढाने और बच्चो को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दिलाने के लिए सरकारी स्कूलों में नामांकन रजिस्टर शिक्षा की गुणवत्ता, परीक्षा परिणाम आदि बाल सभा उजयारी पंचायत से जुडे स्कूल आदि पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है उसी आधार पर मासिक रिपोर्ट तैयार हो रही है।