Indian RAilways : अवध की पैंट्रीकार में भिडे अवैध वेंडर, खाना फेंका, गंगापुर में
आधा घंटा खड़ी रही ट्रेन, जीआरपी आरपीएफ ने किया मामला दर्ज
Kota Rail News : दौड़ती मुंबई-बरौनी अवध एक्सप्रेस (19037) की पैंट्रीकार (रसोईयान) में रविवार को कुछ वेंडर आपस में भिड़ गए। झगड़ा कर रहे वेंडरों ने पैंट्रीकार में खाना भी फेंक दिया। लड़ाई करने वालों में पैंट्रीकार के और एक निजी ठेका फर्म के वेंडर शामिल थे। झगड़ने वालों में कुछ अवैध वेंडर भी थे। इस झगड़े के चलते गंगापुर में तीन बार चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोका गया। इसके चलते ट्रेन गंगापुर में करीब आधे घंटे खड़ी रही। झगड़े के कारण यात्रियों में दहशत फैल गई।
बाद में मौके पर पहुंची आरपीएफ और जीआरपी ने कुछ कार्रवाई की है।
यात्रियों ने बताया कि निजी ठेका फर्म के कुछ वेंडर ट्रेन में पेठा बेच रहे थे। इस पर पैंट्रीकार वेंडरों ने इजाजत नहीं होने पर निजी ठेका वेंडरों से पेठा बेचने के लिए मना किया। इस पर निजी ठेका फर्म के वेंडरों ने इजाजत होने की बात कहते हुए पेठा बेचना जारी रखा। इस बात को लेकर पैंट्रीकार और निजी ठेका फर्म के वेंडर पहले कोच में ही आपस में भिड़ गए। इसके बाद यह वेंडर पैंट्रीकार में आ गए। यहां पर भी दोनों के वेंडर आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों के वेंडर में आपस में जमकर गाली गलौज और लात-घूंसे चले। दौरान पैंट्रीकार में अफरा-तफरी मच गई। वेंडरों ने खाने के पैकेट फेंक दिए। यह नजारा देखकर मौके पर मौजूद कुछ यात्री भाग खड़े हुए। इसके कुछ देर बाद ट्रेन गंगापुर पहुंच गई। यहां भी वेंडरों ने आपस में झगड़ा चालू रखा। इस पर कुछ यात्रियों ने मामले की शिकायत आरपीएफ और जीआरपी से कर दी।
आरपीएफ-जीआरपी ने किया मामला दर्ज
सूचना पर मौके पर पहुंची आरपीएफ और जीआरपी कुछ वेंडरों को पकड़कर थाने ले गई। बाद में जीआरपी थाने में दोनों पक्षों के वेंडरों में समझौता हो गया। इसके बाद जीआरपी ने निजी ठेका फर्म के श्री महावीर निवासी उमर और आलम तथा पैंट्रीकार मैनेजर उत्तर प्रदेश इटावा निवासी राघवेंद्र और वेंडर मोहन सिंह के खिलाफ शांति भंग के आरोप में मामला दर्ज कर लिया।
इसी तरह आरपीएफ ने भी चेन पुलिंग करने और अवैध वेंडिंग के आरोप में निजी ठेका फर्म के ईसुब और पैंट्रीकार के वेंडर ललित और कुलदीप सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है
नहीं बेच सकते पेठा
इस संबंध में के पर्यटन एवं खानपान सेवा (आईआरसीटीसी) अधिकारियों ने कहा कि निजी फर्म के वेंडरों को ट्रेन में पेठा बेचने की इजाजत की जानकारी नहीं है। फिर भी इस संबंध में सोमवार को मंडल कार्यालय से टेंडर की शर्तों के कागजातों को देखने के बाद ही सही स्थिति का पता चल सकेगा।