परिवहन का एक स्वच्छ माध्यम होने के कारण, रेलवे न केवल ऑटोमोबाइल उद्योग को बड़ी संख्या में वाहनों को लंबी दूरी तक के परिवहन में मदद करता है, बल्कि इन्हें कार्बन फुटप्रिंट को कम करने का भी अवसर देता है। हाल के दिनों में भारतीय रेलवे में ऑटोमोबाइल यातायात में तेज वृद्धि देखी गई है। ऑटोमोबाइल यातायात में यह वृद्धि विभिन्न पहलों का परिणाम है, जैसे निजी स्वामित्व वाले विशेष वैगनों की उपलब्धता। सोसाइटी फॉर इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) सहित ऑटोमोबाइल उद्योग से जुड़े हितधारकों द्वारा उठाए गए मुद्दों के आधार पर, वाहन किराया ट्रेन संचालक (एएफटीओ) नीति को समय-समय पर उदार बनाया गया है। यह ऑटोमोबाइल निर्माताओं को उनकी जरूरतों के अनुरूप विशेष वैगनों के मालिक होने की अनुमति देता है।
एसयूवी कारों के परिवहन की सुविधा के लिए, मौजूदा बीसीएसीबीएम वैगनों के अलावा आरडीएसओ में ऑटो-कैरियर वैगनों के नए डिजाइन को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
ऑटोमोबाइल की लोडिंग/अनलोडिंग की सुविधा के लिए, निवेशकों/लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं से प्राप्त सुझावों के आधार पर मौजूदा एनएमजी वैगनों में डिजाइन-संशोधन भी (एनएमजीएच और एनएमजीएचएस) किया जा रहा है।
साथ ही, शॉर्ट लीड ट्रैफिक बढ़ाने के लिए, एनएमजी/बीसीसीएनआर और बीसीएसीएम वैगनों के लिए -1200 किमी तक माल किराया दर को संशोधित किया गया है। उद्योग जगत की मांग के अनुसार ऑटोमोबाइल यातायात के लिए और अधिक टर्मिनल खोले जा रहे हैं।
वर्तमान में, भारतीय रेलवे के पास 90 एनएमजी रेक का बेड़ा है। इसके अलावा, एएफटीओ योजना के तहत अनुमोदित ट्रेन ऑपरेटरों द्वारा 43 बीसीएसीबीएम रेक शामिल किए गए हैं।
लदान किये गए रेक की संख्या
2019-20
1,599
2020-21
2,681
2021-22
3,344
2022-23 (अगस्त तक)
2,206
पिछले वर्ष से तुलना
लदान किये गए रेक की संख्या
2021-22
2022-23
अप्रैल
270
369
मई
123
392
जून
284
443
जुलाई
317
494
अगस्त
320
508
इसलिए, चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों के दौरान रेलवे द्वारा छोटे यात्री वाहनों (कारों) के परिवहन की मात्रा में सालाना 68 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
‘यात्री वाहनों (कारों)’ के ‘घरेलू’ परिवहन में मॉडल हिस्सेदारी*:
2013-14: 1.50 प्रतिशत
2014-15: 2.08 प्रतिशत
2015-16: 3.62 प्रतिशत
2016-17: 4.13 प्रतिशत
2017-18: 4.50 प्रतिशत
2018-19: 7.06 प्रतिशत
2019-20: 11.17 प्रतिशत
2020-21: 14.71 प्रतिशत
2021-22: 16.00 प्रतिशत
*ये अनुमान केवल कारों के परिवहन पर आधारित हैं। दोपहिया और वाणिज्यिक वाहनों के घरेलू यातायात को शामिल नहीं किया गया है।
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एमजी/एएम/जेके/डीवी