रेलवे ट्रैक परियोजनाओं को जल्द पूरा करने को प्राथमिकता दे रही है भारतीय रेलवे

चालू वित्त वर्ष के दौरान 21 सितंबर, 2022 तक रेलवे ने नई लाइनों, आमान परिवर्तन और मल्टी ट्रैकिंग परियोजनाओं के 1353 ट्रैक किलोमीटर (टीकेएम) का काम पूरा कर लिया है। सितंबर महीने में ही इसमें 150 टीकेएम को और जोड़े जाने की संभावना है। यह संयुक्त आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के पिछले आंकड़े के तीन गुना से भी अधिक है। पिछले साल 30 सितंबर, 2021 तक 482 टीकेएम का काम पूरा किया गया था।

चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक 42 टीकेएम नई लाइनों, 28 टीकेएम आमान परिवर्तन और 1283 टीकेएम मल्टी ट्रैकिंग का काम पूरा किया जा चुका है। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष के दौरान (सितंबर 2021 तक) केवल 4 टीकेएम आमान परिवर्तन और 478 टीकेएम मल्टी ट्रैकिंग का काम पूरा किया गया था। इसी अवधि के दौरान नई लाइनों में कोई प्रगति हासिल नहीं की गई थी।

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चालू किए गए प्रमुख अनुभाग ये हैं:

दोहरीकरण/मल्टी ट्रैकिंग:: दौंड-गुलबर्गा (225 किमी) – मुंबई-चेन्नई का स्वर्णिम चतुर्भुज मार्ग, विजयवाड़ा-गुडीवाड़ा-भीमावरम (221 किमी) दोहरीकरण – आंध्र प्रदेश, सिकंदराबाद-महबूबनगर दोहरीकरण (85 किमी) – तेलंगाना।

आमान परिवर्तन: मानसी-सहरसा-पूर्णिया (169 किमी) – बिहार, मावली-बड़ी सादड़ी (82 किमी) – राजस्थान।

नई लाइन: भद्राचलम-सत्तुपल्ली (56 किमी) – तेलंगाना।

वर्ष 2022-23 के दौरान नई लाइन/दोहरीकरण/आमान परिवर्तन के लिए आवंटित कुल पूंजीगत व्यय 67000 करोड़ रुपये (बीई) है। अगस्त 2022 तक का वास्तविक व्‍यय 20075 करोड़ रुपये है। 2021-22 में नई लाइन/दोहरीकरण/आमान परिवर्तन के लिए आवंटित कुल पूंजीगत व्यय 45465 करोड़ रुपये (बीई) था। अगस्त 2021 तक वास्तविक व्यय 15,281 करोड़ रुपये था।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021-22 के दौरान नई लाइन/दोहरीकरण/आमान परिवर्तन में 2400 किलोमीटर के लक्ष्य के मुकाबले 2904 किमी हासिल किया गया था जो कि अब तक की सर्वाधिक शुरुआत (डीएफसी को छोड़कर) थी। चालू वर्ष के लिए लक्ष्य 2500 टीकेएम है।

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रेल परियोजनाओं के प्रभावकारी और त्वरित कार्यान्वयन के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों में ये शामिल हैं – (i) प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के लिए निधि या फंड के आवंटन में व्‍यापक वृद्धि (ii) फील्‍ड स्तर पर अधिकारों को सौंपना (iii) विभिन्न स्तरों पर परियोजना की प्रगति की बारीकी से निगरानी,  और (iv) शीघ्र भूमि अधिग्रहण, वानिकी एवं वन्यजीव मंजूरी और परियोजनाओं से संबंधित अन्य मुद्दों को हल करने के लिए राज्य सरकारों और संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर नियमित तौर पर आगे की कार्रवाई।

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