विद्युत तथा भारी उद्योग राज्यमंत्री श्री कृष्ण पाल गुजर ने आज नई दिल्ली में विद्युत मंत्रालय के केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा आयोजित “संसाधन पर्याप्तता- आवश्यकता और आगे का रास्ता” विषय पर एक कार्यशाला का उद्घाटन किया। विद्युत मंत्रालय में सचिव श्री आलोक कुमार और केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री घनश्याम प्रसाद भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस कार्यशाला का उद्देश्य विभिन्न हितधारकों को विद्युत क्षेत्र में संसाधन पर्याप्तता की अवधारणा से परिचित कराना था। इस कार्यशाला में विद्युत मंत्रालय, राज्य विद्युत नियामक आयोगों, राज्य सरकारों, वितरण कंपनियों, विद्युत मंत्रालय के तहत केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसयू) के प्रतिनिधियों और विभिन्न सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया।
श्री कृष्ण पाल गुजर ने उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर चौबीस घंटे भरोसेमंद और सुरक्षित बिजली आपूर्ति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने विभिन्न वितरण कंपनियों के लिए संसाधन पर्याप्तता योजना को लागू करने हेतु मसौदा दिशानिर्देश तैयार करने पर केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) को बधाई दी।
संसाधन पर्याप्तता योजनाओं की आवश्यकता और संसाधन पर्याप्तता योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए प्रस्तावित दिशानिर्देशों सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। यह योजना राज्य वितरण कंपनियों के लिए उत्पादन क्षमता के अधिकतम उपयोग, बिजली की मांग से जुड़ी विविधता का उपयोग करने और विभिन्न राज्यों के बीच उत्पादन परिसंपत्तियों को साझा करने की दृष्टि से फायदेमंद होगी। यह योजना राज्यों को अधिकतम क्षमता नियोजन और बिजली की खरीद में भी मदद करेगी जिससे उपभोक्ताओं को आपूर्ति की लागत कम हो जाएगी।
पांच राज्यों – मध्य प्रदेश, असम, उड़ीसा, तमिलनाडु और पंजाब – के लिए प्रायोगिक अध्ययन किया जा रहा है। इसके अलावा, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण राज्यों के विद्युत नियामक आयोगों और वितरण कंपनियों के लाभ के लिए क्षेत्रीय कार्यशालाओं का आयोजन करने की भी योजना बना रहा है।
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एमजी/एएम/आर