केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने सीओपी-27 के समापन सत्र को संबोधित किया

यूएनएफसीसीसी की पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी 27) के 27वें सत्र का समापन आज शर्म अल-शेख में आयोजित किया गया। यह सम्मेलन विश्‍व के सामूहिक जलवायु लक्ष्‍यों को हासिल करने की दिशा में कार्रवाई करने के लिए एक मंच पर आए देशों के साथ पिछली सफलताओं का उल्‍लेख करने और भविष्य की महत्वाकांक्षा का मार्ग प्रशस्त करने के दृष्टिकोण से आयोजित किया गया था। भारतीय शिष्‍ट प्रतिनिधिमंडल के नेता और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने अपना संबोधन दिया।

 

श्रीमान राष्ट्रपति जी,

आप एक ऐतिहासिक सीओपी की अध्यक्षता कर रहे हैं जिसमें हानि और क्षति निधि की व्‍यवस्‍था सहित हानि और क्षति निधि व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए समझौता किया गया है। दुनिया ने इसके लिए बहुत लंबे समय तक प्रतीक्षा की है। इस बारे में आम सहमति बनाने के लिए आपने जो अथक प्रयास किए हैं उसके लिए हम आपको बधाई देते हैं।

यह भी पढ़ें :   केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईएएस/ सिविल सेवा परीक्षा, 2021 में पहले 20 अखिल भारतीय टॉपर्स के साथ डीओपीटी, नॉर्थ ब्लॉक में संवाद किया और उन्हें सम्मानित किया

हम सुरक्षा निर्णय में जलवायु परिवर्तन से निपटने के अपने प्रयासों में सतत जीवन शैलियों और खपत और उत्पादन के टिकाऊ पैटर्न की व्‍यवस्‍था को शामिल करने का भी स्वागत करते हैं।

हम इस बारे में ध्यान दें कि हम कृषि और खाद्य सुरक्षा में जलवायु कार्रवाई के बारे में चार वर्ष काम करने का कार्यक्रम स्थापित कर रहे हैं।

कृषि लाखों छोटे किसानों की आजीविका का मुख्य आधार है जो जलवायु परिवर्तन से बुरी तरह से प्रभावित होगी। इसलिए हमें उन पर शमन जिम्मेदारियों का बोझ नहीं डालना चाहिए।

यह भी पढ़ें :   रॉयल नेवी ऑफ ओमान (सीआरएनओ) के कमांडर की भारत यात्रा (13 – 17 फरवरी, 2022)

वास्‍तव में भारत ने अपनी कृषि में बदलाव को अपने राष्‍ट्रीय स्‍तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) से बाहर रखा है।

हम सिर्फ ब‍दलाव पर काम करने का कार्यक्रम भी स्थापित कर रहे हैं।

अधिकांश विकासशील देशों के लिए केवल बदलाव की तुलना डीकार्बोनाइजेशन से नहीं, बल्कि निम्न-कार्बन विकास से की जा सकती है।

विकासशील देशों को अपनी पसंद के ऊर्जा मिश्रण और एसडीजी को प्राप्त करने में स्वतंत्रता दिए जाने की आवश्यकता है।

इसलिए विकसित देशों का जलवायु कार्रवाई में नेतृत्व प्रदान करना वैश्विक न्यायोचित परिवर्तन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है।

 

धन्यवाद श्रीमान राष्ट्रपति जी।

 

श्री भूपेंद्र यादव सीओपी 27 के समापन सत्र में बोलते हुए

 

********

एमजी/एएम/आईपीएस/एसके