Indian Railways: खुद जांच की जगह आरपीएफ ने पुलिस को दी तांबा चोरी की रिपोर्ट
Rail news: कोटा। कोटा में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) का एक अजीब कारनामा सामने आया है। खुद जांच करने की जगह आरपीएफ ने तांबा चोरी की रिपोर्ट भीमगंजमंडी थाने में दी है। कोटा मंडल में संभवत: यह पहला मामला है जब आरपीएफ में रेलवे संपत्ति चोरी की रिपोर्ट पुलिस में दी हो।
उल्लेखनीय है कि करीब 15 दिन पहले माला रोड़ टीआरडी डिपों के पास स्थित रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन (आरई) ऑफिस से लाखों रुपए तांबे के तार चोरी हो गए थे। स्टोर की दीवार तोड़कर चोरों ने इस घटना को अंजाम दिया था। सूचना पर मौके पर पहुंची आरपीएफ ने इस घटना की जांच पड़ताल की थी। लेकिन कई दिन तक भी आरपीएफ ने चोरी का मामला दर्ज नहीं किया। इस दौरान आरपीएफ ने भीमगंजमंडी थाने में भी चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने की कौशिश की। लेकिन अपने अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं बताते हुए पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से साफ मना कर दिया। इसके बाद भी आरपीएफ ने खुद मामला दर्ज करना जरुरी नहीं झमझा। इस दौरान आरपीएफ पुलिस में मामला दर्ज करने के प्रयास में लगातार जुटी रही। आखिरकार शनिवार को भीमगंजमंडी पुलिस ने आरपीएफ की रिपोर्ट ले ली। लेकिन पुलिस ने फिलहाल मामला दर्ज नहीं किया है। पुलिस ने इसे परिवाद में रखा है। पुलिस का कहना है कि अधिकारियों से विचार विमर्श के बाद भी इस मामले में आगे की कार्यवाही की जाएगी।
आरपीएफ की है जिम्मेदारी
उल्लेखनीय है कि रेलवे संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ की है। रेलवे संपत्ति की चोरी की रिपोर्ट भी आरपीएफ ही दर्ज करती है। ऐसे में आरपीएफ ही मामले की जांच भी करती है। इसलिए इसका नाम भी रेलवे सुरक्षा बल है। लेकिन इसके बाद भी आरपीएफ ने रेलवे क्षेेत्र से ही रेलवे की संपत्ति की चोरी की रिपोर्ट लिखना जरुरी नहीं समझा। रेलवे में इस बात की चार्चा जोरों पर है। खास बात यह है कि सुर्खियों में आने के बाद भी प्रशासन ने इस मामले पर ध्यान देना जरुरी नहीं समझा।
अधिकारी ने नहीं दिया जवाब
मामले की जानकारी के लिए कोटा वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त (सीनियर डीएससी) नवीन कुमार को फोन किया था। साथ ही वाट्सअप मैसेज भी किया गया था। लेकिन 24 घंटे बाद भी नवीन ने कोई जवाब देना जरुरी नहीं समझा।
हमारा अधिकार क्षेत्र का नहीं मामला
यह मामला हमारे अधिकार क्षेत्र का नहीं है। यह रेलवे क्षेत्र से रेलवे संपत्ति की चोरी का मामला है। ऐसे में इसकी जांच आरपीएफ को करनी चाहिए। लेकिन इसके बाद भी आरपीएफ ने उन्हें मामले की रिपोर्ट सौंपी है। फिलहाल मामला परिवाद में है। उच्चाधिकारियों से चर्चा के बाद ही मामले में निर्णय लिया जाएगा। – धनराज मीणा, थानाधिकारी भीमगंजमंडी