कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने कौशल, उद्यमिता विकास और रोजगार : चुनौतियां और अवसर पर एक वेबिनार का आयोजन किया

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की पहली वर्षगांठ पर भारत की शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव को मानचित्रित करते हुए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई ) द्वारा  आज ‘कौशल,उद्यमिता विकास और रोजगार: चुनौतियां और अवसर’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में  राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने मुख्य अतिथि के रूप में भाषण दिया। विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय, हरियाणा सरकार में कुलपति श्री राज नेहरु, राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) के अध्यक्ष डॉ. निर्मलजीत सिंह कलसी, केंद्रीय माद्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) के अध्यक्ष श्री मनोज आहूजा, पूर्वोत्तर भारत में उद्यमिता की पैरवी कर रही सुश्री जाह्नवी फूकन और एमएसडीई में संयुक्त सचिव सुश्री अनुराधा वेमुरी भी इस दौरान उपस्थित रहे ।
 

 
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए श्री चंद्रशेखर ने कहा कि हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)  2020 का पहला  वर्ष, कौशल विकास के पांच वर्ष और स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव आयोजित कर रहे हैं। ऐसे में सरकार छात्रों के शैक्षणिक कल्याण और उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री महोदय  ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति बहुत परिवर्तनकारी है और व्यावसायिक प्रशिक्षण के पाठ्यक्रमों के समेकन एवं एकीकरण के बाद यह छात्रों के लिए व्यवसाय के आकर्षक मंच   तैयार करेगी। उन्होंने बताया कि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालयइस समय शिक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि हमारे युवाओं को कौशलयुक्त बनाने,उनके कौशल को परिमार्जित करने और उसे अधिक से अधिक अद्यतन करने की प्रधानमंत्री की परिकल्पना  को सार्थक बनाया जा सके।
इस अवसर पर बोलते हुए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री रवि मित्तल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का कार्यान्वयन व्यावसायिक और औपचारिक शिक्षा को एकीकृत करने में महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि यह  नीति हमें स्थायी रहने वाले सुधार शुरू करने के लिए मार्ग दर्शन प्रदान करती है। श्री मित्तल ने आशा व्यक्त की कि भविष्य की संकल्पना वाले इस दस्तावेज से हमारी शिक्षा प्रणाली में और अधिक मूलभूत सुधार होंगे।
व्यावसायिक शिक्षा को आकांक्षी बनाने के उद्देश्य से कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई)  की  कौशल और उद्यमिता पहल के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को जोड़ने पर वेबिनार में चर्चा हुई। मंत्रालय युवाओं की रोजगार क्षमता को सुगम बनाने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना चाहता है और उन्हें बाजार द्वारा संचालित रोजगार विकल्प लेने के लिए तैयार करना चाहता है। मंत्रालय इस दिशा में अल्पकालिक और दीर्घकालिक कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था के माध्यम से कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक आवश्यक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू कर रहा है।
कौशल विकास और उद्यमशीलता की नीतियां भारत की अनूठी जनसांख्यिकीय विविधता  और कार्यबल की प्रकृति को ध्यान में  रखकर विकसित की गई हैं। जनसंख्या की दृष्टि से भारत दुनिया का  दूसरा  सबसे बड़ी आबादी का देश  है। जिसमें भारत की 50% से अधिक आबादी 25 वर्ष से कम आयु की है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2030 तक  देश में विश्व  का  सबसे युवा और सबसे बड़ा कार्यबल होगा जिसकी संख्या एक अरब से अधिक होगी। चूंकि लगभग 80% कार्यबल को अनौपचारिक रूप से रोजगार मिला हुआ  है, इसलिए  लक्षित कौशल प्रशिक्षण   और रोजगार सृजन पहल के माध्यम से रोजगार के अवसरों में सुधार करना अति महत्वपूर्ण है।
*****
एमजी/एएम/एसटी