जन्म-तप व ज्ञान कल्याणक महोत्सव मनाया

जन्म-तप व ज्ञान कल्याणक महोत्सव मनाया
सवाई माधोपुर 25 दिसम्बर। सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा जैन धर्म के 19वें तीर्थंकर भगवान मल्लिनाथ का जन्म व तप कल्याणक एवं 21वें तीर्थंकर भगवान नमिनाथ का केवल्यज्ञान कल्याणक महोत्सव शुक्रवार 25 दिसंबर को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान धर्म आराधना पूर्वक आयोजित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में धार्मिकजनों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
समाज के प्रवक्ता प्रवीण जैन ने बताया कि महोत्सव का शुभारंभ शहर स्थित चंद्रप्रभु दिगंबर जैन अग्रवालान नसिया मंदिर में एड. आशीष छाबड़ा के सानिध्य में जिनेंद्र भक्तों द्वारा मंत्रोचारों के बीच पवित्र वातावरण में विधि-विधान पूर्वक जिनेंद्र देव के किये गए अभिषेक एवं विश्व की सुख-समृद्धि व शांति की कामनार्थ की गई शांतिधारा के साथ हुआ। अभिषेक व शांतिधारा कर अर्पित छाबड़ा व कमल जैन ने भगवान को चंवर ढुलाए।मांगलिक कार्यक्रम को भक्ति पूर्वक आगे बढ़ाते हुए श्रद्धालुओं ने देव-शास्त्र-गुरु की पूजन के साथ विशेष रूप से भगवान मल्लिनाथ एवं नमिनाथ की समर्पण भाव से की गई पूजन के दौरान बहुत ही उत्साह पूर्वक अष्टद्रव्य चढ़ाकर तीर्थंकरों का गुणगान किया और कल्याणकों के प्रति श्रद्धा-भक्ति प्रकट की। पूजन के दौरान एड. कीर्ति जैन एवं कांता छाबड़ा द्वारा भक्ति की रसधार बहाकर पूजार्थियों को मंत्र-मुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की श्रृंखला में अहिंसा सर्किल आलनपुर स्थित दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी में पं. अंकित जैन शास्त्री के निर्देशन एवं दिनेश गंगवाल के संयोजन में चल रहे शांतिनाथ महाविधान मंडल पूजन में प्रेमचंद-संतोष कासलीवाल ने सौधर्म इन्द्र-इन्द्राणी की भूमिका निभाते हुए विधान की श्रद्धा पूर्वक पूजन कर मंडल पर 108 अर्घ्य समर्पित किए और जिनेंद्र भक्ति के सुमन संचय किए।
इस मौके पर चमत्कारजी मंदिर के पंडित उमेश सिंघई ने तीर्थंकरों के जन्म-तप व केवल्यज्ञान कल्याणकों पर सारगर्भित शब्दों में प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन को धर्म के साथ जोड़कर श्रद्धा पूर्वक आत्म कल्याण में लगने पर ही मनुष्य का जीवन सरल बन सकता है। इसी प्रकार शहर स्थित पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मुदायमी मंदिर के तत्वार्थसूत्र वाचक अशोक बड़जात्या ने तत्व चिंतन करने पर जोर देते हुए कहा कि व्यक्ति को अपने अमूल्य समय का सदुपयोग धर्म-ध्यान में करते हुए कर्मों की निर्जरा करनी चाहिए। महोत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों के दौरान समाज के प्रबुद्ध महिला-पुरुष मौजूद थे।