जनजातीय कार्य मंत्रालय और एम्स ने पोषण माह के हिस्से के रूप में ‘सही पोषण-देश रोशन’ अभियान हेतु गैर-सरकारी संगठनों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया

मुख्‍य विशेषताएं :

जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा पोषण माह गतिविधियों के हिस्से के रूप में 09 सितंबर, 2021 को पोषण और स्वास्थ्य पर गैर-सरकारी संगठनों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यशाला का उद्देश्य जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ काम करने वाले गैर- सरकारी संगठनों को सही पोषण-देश रोशन अभियान में शामिल करना था। कार्यशाला में 70 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों ने भाग लिया, जो जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली की वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ  सुश्री अनुजा अग्रवाल ने गर्भावस्था के दौरान, स्तनपान कराने वाली माताओं और उससे आगे के लिए उचित पोषण की आवश्यकता के बारे में बताया।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली की वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ सुश्री ऋचा जायसवाल ने हृदय के स्वास्थ्य और उससे आगे के लिए मनोनुकूल पोषण पर विस्तृत जानकारी दी। उनके द्वारा आयु-वार पोषण संबंधी जरूरतों को दर्शाने वाला एक चार्ट भी भाग लेने वाले गैर-सरकारी संगठनों के साथ साझा किया गया।

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कार्यशाला का आयोजन जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत जनजातीय स्वास्थ्य प्रकोष्ठ द्वारा किया गया था। जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. नवलजीत कपूर और जनजातीय स्वास्थ्य सलाहकार सुश्री विनीता श्रीवास्तव ने पोषण के महत्व और जनजातीय जनसंख्‍या के स्वास्थ्य एवं कल्याण में सुधार के लिए मंत्रालय द्वारा शुरू की गई विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया।

 

जनजातीय कार्य मंत्रालय 350 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों के साथ काम कर रहा है, जिनकी जड़ें वामपंथी उग्रवाद, पहाड़ी, दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में हैं। ऐसे संगठनों को संबद्ध करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनके पास तुलनात्मक रूप से सेवा की कमी वाले क्षेत्रों में सेवा की भरपाई करने की क्षमता है, जहां अपने संस्थागत तंत्र के माध्यम से सरकारी सेवाओं की सीधी पहुंच पर्याप्त नहीं है। उन्हें बाधाओं और सुविधाकर्ताओं के संदर्भ में स्थानीय संदर्भ की भी समझ है। जनजातीय महिलाओं में मुख्य रूप से उनके खराब पोषण की स्थिति के कारण आईएमआर और एमएमआर अधिक होता है और जनजातीय बच्चों में एनीमिया, स्टंटिंग और वेस्टिंग की घटनाएं अधिक होती हैं। पोषण रणनीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए जनजातीय महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार हेतु संदर्भ-विशिष्ट सेवाओं को डिजाइन और प्रावधान करते समय जनजातीय संस्कृति, प्रथाओं और पारंपरिक स्वदेशी ज्ञान प्रणालियों को समझना महत्वपूर्ण है।

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जनजातीय कार्य मंत्रालय ने पोषण माह के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ संयुक्त रूप से ऐसी कई गतिविधियों की योजना बनाई है।

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