कश्मीर की 13 साल की तजामुल इस्लाम ने विश्व चैंपियन में गोल्ड जीत रचा इतिहास
आतंकवाद के साये में बीते बचपन और कदम दर कदम नयी चुनौतियों का डटकर सामना करते हुए जम्मू-कश्मीर की तजामुल इस्लाम ने इतिहास रच दिया है. महज 13 वर्ष की उम्र में तजामुल इस्लाम ने मिस्र में किक-बॉक्सिंग विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल (अंडर 14 वर्ग) जीतकर हौसले और हुनर की एक नयी नज़ीर पेश की है. इन खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने 11 स्वर्ण, 8 रजत और 7 कांस्य सहित कुल 26 पदक जीते लेकिन इसमें तजामुल की कहानी सबसे प्रेरणादायी है.
जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा की 13 साल की इस खिलाड़ी के लिए विश्व चैम्पियनशिप में यह दूसरा गोल्ड मेडल है. उन्होंने इससे पहले 2016 में इटली में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में सब जूनियर वर्ग का खिताब जीता था. आतंकवाद से जूझते इस केन्द्र शासित प्रदेश में उन्होंने अपने प्रदर्शन से महिलाओं को कुछ कर दिखाने का हौसला भी दिया है. तजामुल के लिये यह सफर हालांकि इतना आसान नहीं था. उन्होंने 5 साल की उम्र में जब इस खेल से जुड़़ने का मन बनाया तो चोट लगने के डर से उनके पिता इसके लिए तैयार नहीं हुए, लेकिन वह अपनी मां को मनाने में सफल रही. फिर उनके पिता भी इसके लिए तैयार हो गये. उनके पिता ड्राइवर हैं जबकि मां गृहणी है.