PM मोदी बोले- लोकतंत्र पर दुनिया से नसीहत की जरूरत नहीं, सिखों पर गर्व

PM मोदी बोले- लोकतंत्र पर दुनिया से नसीहत की जरूरत नहीं, सिखों पर गर्व

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र को लेकर यहां काफी उपदेश दिए गए हैं, लेकिन मैं नहीं मानता हूं कि जो बातें यहां बताई गईं हैं, उसमें देश का कोई भी नागरिक भरोसा करेगा, भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है कि जिसकी खाल हम इस तरह से उधेड़ सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि इस कोरोना काल में भारत ने वैश्विक संबंधों में एक विशिष्ट स्थान बनाया है, वैसे ही भारत ने हमारे फेडरल स्ट्रक्चर को इस कोरोना काल में, हमारी अंतर्भूत ताकत क्या है, संकट के समय हम कैसे मिलकर काम कर सकते हैं, ये केंद्र और रज्य सरकार ने मिलकर कर दिखाया है.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है, ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है, भारत का इतिहास लोकतांत्रिक संस्थानों के उदाहरणों से भरा पड़ा है, प्राचीन भारत में 81 गणतंत्रों का वर्णन मिलता है, भारत के राष्ट्रवाद पर चौतरफा हो रहे हमले से आगाह करना जरूरी है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है, न आक्रामक है, ये सत्यम, शिवम, सुंदरम मूलों से प्रेरित है, ये वक्तव्य आजाद हिंद फौज की प्रथम सरकार के प्रथम प्रधानमंत्री नेताजी का है. दुर्भाग्य है कि जाने-अनजाने में हमने नेताजी की भावना को, उनके आदर्शों को भुला दिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और यहां के सभी देशावासियों को राष्ट्र निर्माण में सिखों के योगदान पर बहुत गर्व है. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर सिखों को गुमराह करने की कोशिश का आरोप भी लगाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस देश को हर सिख पर गर्व है. उन्होंने इस देश के लिए क्या नहीं किया है. हम उन्हें जो भी सम्मान देंगे, वह हमेशा कम रहेगा. इस दौरान उन्होंने पंजाब का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मैं पंजाब में अपने जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष बिताने के लिए भाग्यशाली रहा हूं. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा उनके खिलाफ इस्तेमाल की गई भाषा उन्हें गुमराह करने की कोशिश देश को कभी फायदा नहीं पहुंचाएगी.