GST के विरोध

GST के विरोध में कैट ने किया भारत बंद का ऐलान

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने वस्‍तु व सेवा कर के खिलाफ 26 फरवरी को भारत बंद की घोषणा की है. कैट के भारत बंद का समर्थन करते हुए ट्रांसपोर्ट सेक्टर के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने भी 26 फरवरी को देशभर में चक्का जाम करने की घोषणा की है. नागपुर में कैट के 3 दिवसीय राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में यह ऐलान किया गया है. आज से नागपुर में 3 दिवसीय सम्मेलन शुरू हुआ है. सम्मेलन में देश के सभी राज्यों के 200 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेता हिस्सा ले रहे हैं. यह घोषणा कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल समेत ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने संयुक्त रूप से की है.

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सम्मेलन के दौरान भरतिया और खंडेलवाल ने जीएसटी काउंसिल द्वारा जीएसटी के स्वरूप को अपने फ़ायदे के हिसाब से रूप देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जीएसटी पूरी तरह से एक फेल टैक्स प्रणाली है. जीएसटी के मूल स्वरूप के साथ खिलवाड़ किया गया है. सभी राज्य सरकारें अपने निहित स्वार्थों के लिए ज़्यादा चिंतित हैं. उन्हें कर प्रणाली के सरलीकरण की कोई चिंता नहीं है. देश के व्यापारी कारोबार करने के बजाय दिनभर जीएसटी से माथापच्ची करने में जुटे रहते हैं.

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जीएसटी से माथापच्‍ची देश की अर्थव्यवस्था के लिए विपरीत हालात हैं. ऐसे में जीएसटी के वर्तमान स्वरूप पर नए सिरे से विचार करने की ज़रूरत है. 4 वर्ष में लगभग 937 से ज़्यादा बार संशोधन होने के बाद जीएसटी का बुनियादी ढांचा ही बदल गया है. बार-बार कहने के बावजूद जीएसटी काउंसिल ने अभी तक कैट द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कोई संज्ञान नहीं लिया है, इसलिए व्यापारियों को अपनी बातों को देशभर के लोगों को बताने के लिए भारत व्यापार बंद का सहारा लेना पड़ा है.