150 वेड से लेकर 200 तक की घोषणा के बाद नहीं बढ़ी सुविधाओं की दरकार-गंगापुर सिटी

150 वेड से लेकर 200 तक की घोषणा के बाद नहीं बढ़ी सुविधाओं की दरकार-गंगापुर सिटी

गत वर्ष कांग्रेस सरकार ने बजट में शहर के राजकीय चिकित्सालय को क्रमोन्नत करने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक यह घोषणा धरातल पर खरी नहीं उतरी है। इसके चलते चिकित्सालय में चिकित्सा सुविधाओं में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की ओर से 10 जुलाई 2020 को पेश किए गए बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिकित्सालय के 150 वेड वाले इस अस्पताल को क्रमोन्नत करने की घोषणा की थी,लेकिन एक साल गुजरने के बावजूद इस दिशा में अभी तक कोई खास प्रगति नहीं हुई है। जिला स्वास्थ्य समिति की पूर्व में हुई बैठक में अस्पताल के लिए भूमि चयन को लेकर चर्चा की गई। हालांकि पूर्व में राज्य सरकार ने डिवस्या रोड पर जमीन आंवटित के लिए जगह देखी गई है। हालांकि गंगापुर सामान्य चिकित्सालय मे जमीन काफी खाली पड़ी हुई है। अगर सरकार इसी जगह में नई बिल्डिंग बना दी जाए तो शहर वासियों को काफी उपचार में सुविधाएं मिल सकेगी। गंगापुर शहर के बाहर अस्पताल को ले जाना शहर वासियों के लिए परेशानी का सबक बन जाएगा। उम्मीद अभी खरी नहीं उतरी सामान्य चिकित्सालय क्रमोन्नत होने की घोषणा पर उपखंड के लोगों को चिकित्सकीय सुविधाओं में विस्तार की उम्मीद बंधी थी। लेकिन अभी तक खरी नहीं उतर पाई है। शहर वासियों का कहना है कि अस्पताल क्रमोन्नति के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ही वेडों की संख्या, नर्सेज सहित अन्य स्टाफ में बढ़ोत्तरी होगी। हालांकि इस समय 150 वेडों की क्षमता है, लेकिन इसके बाद लिए पहले वाले शिशु वार्डो में वेड लगाए जा सकते है। शेष मेडिकल वार्ड के पास खाली लंबी चौड़ी गलेरी में भी 20 वेड लग सकते है। इसके लिए पर्याप्त जगह है।इस समय एलडीसी,वार्ड वॉय की कमी है। इनके पद भरने के बाद ही राहत मिल सकती है।
डॉक्टरों के लिए पर्याप्त कक्ष भी उपलब्ध नहीं
सामान्य चिकित्सालय में चिकित्सक कक्षों की कमी के कारण चिकित्सालय में डॉक्टरों के लिए पर्याप्त कक्ष भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में एक चिकित्सक कक्ष में तीन से चार चिकित्सक एक साथ बैठकर मरीजों की जांच कर परामर्श दे रहे हैं। भीड़ के कारण रोगी व चिकित्सक के बीच निजता भी नहीं रह पाती है।मरीजों की भीड़ के कारण कक्षों की हालत यह हो जाती है कि चिकित्सक कक्षों में कई बार अंधेरा हो जाता है। कई बार परेशान होकर चिकित्सक भी कक्ष छोड़कर इधर-उधर चले जाते हंै। कार्यालय कर्मियों के लिए भी अलग से कोई कक्ष नहीं होने के कारण उन्हें असुविधा होती है। सामान्य चिकित्सालय में इस समय चार विधानसभा क्षेत्रों के मरीज उपचार कराने आते हंै। इनमें गंगापुरसिटी के अलावा बामनवास, सपोटरा व टोडाभीम शामिल है। चिकित्सालय में औसतन 1200 से 15 सौ तक का आउटडोर प्रतिदिन का है। मरीजों की भीड़ के चलते चिकित्सालय में पैर रखने की भी जगह नहीं मिलती।वही सामान्य चिकित्सालय के पीएमओं डॉ.दिनेश गुप्ता का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से डिवस्या रोड पर जमीन आंवटन हो गई है।