एक भारत श्रेष्ठ भारत: मणिपुर के 33 छात्रों ने इंदौर और मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की छह दिन की सफल यात्रा की

आजादी का अमृत महोत्सव-एक भारत श्रेष्ठ भारत (एकेएएम-ईबीएसबी) के तहत इंफाल, मणिपुर के कॉलेज और स्कूल के 33 छात्रों ने इंदौर और मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के आसपास के स्थानों का समृद्ध दौरा किया। 33 छात्रों में से, 19 छात्र इंफाल के विभिन्न स्कूलों से थे और 14 एमआईटी, इंफाल से थे। छात्रों के साथ दो प्राध्‍यापक भी थे।

 

टीम ने 26 जून से 02 जुलाई, 2022 तक इंदौर, महेश्वर, मांडवगढ़ सहित मालवा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों का दौरा किया। आईपीएस एकेडमी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड साइंस, इंदौर मेजबान संस्थान थे। पूरे समूह में 18 महिला सदस्य थीं। मणिपुर और मध्य प्रदेश एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के तहत युग्‍म राज्य हैं।

 

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टीम ने सरकार की एक भारत श्रेष्ठ भारत की अनूठी पहल के रूप में छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत इंदौर का दौरा किया। पहले दिन मणिपुर के छात्र इंदौर, मध्य प्रदेश पहुंचे। उद्घाटन समारोह के बाद दूसरे दिन उन्होंने इंदौर नगर निगम के बायो सीएनजी प्लांट और खजराना गणेश मंदिर का दौरा किया। बायो सीएनजी प्लांट एशिया का सबसे बड़ा सीएनजी प्लांट है, जिसका उद्घाटन हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। इंदौर को लगातार पांचवीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है। छात्र संयंत्र में मशीनों और प्रक्रियाओं को देखकर प्रभावित थे।

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तीसरे दिन टीम ने 0 डिग्री देशांतर स्थित डोंगला रोबोटिक वेधशाला और उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर का दौरा किया। विशेष अनुमति से छात्रों को वेधशाला के कई उपकरण प्रदर्शित किए गए। टीम ने इंदौर में लाल भाग प्‍लेस और रजवाड़ा का दौरा किया और खेलों में भाग लिया। पांचवें दिन ग्रुप ने इंदौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर महेश्वर में देवी अहिल्या किले का दौरा किया। 16 वीं शताब्दी का यह किला अपनी सुन्‍दर वास्तुकला और नर्मदा नदी से शानदार शानदार नजारे के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने स्‍थानीय लोकप्रिय धागे से विश्व प्रसिद्ध माहेश्वरी रेशम की बुनाई भी देखी। छठे दिन वे ऐतिहासिक मांडव गढ़ गए। यह मध्य प्रदेश का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। उन्होंने रानी रूपमती महल और बाज बहादुर महल और अन्य स्थानों को देखा।

समापन दिवस पर, छात्रों ने दोनों राज्यों की परंपराओं और संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए संयुक्त सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया। अपनी यात्रा के दौरान, छात्रों ने इंदौर के विश्व प्रसिद्ध सराफा चौपाटी पर मेजबान राज्य के विभिन्न व्यंजनों का आनंद और स्वाद लिया। उन्होंने सराफा चौपाटी के प्रसिद्ध व्यंजनों का मजा लिया। चाहे वह जोशी दही वड़े में ‘दही वड़ा’ और ‘भुट्टे का किस’ हो या विजय चैट हाउस में ‘खोपरा पैटीज’ या ‘जलेबी’। छात्र देर रात सराफा चौपाटी पर भारी भीड़ को देखकर मोहित हो गए।

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आईपीएस अकादमी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित खेल परिसर में विभिन्न खेलों का भी आयोजन किया गया।

दौरा करने वाली मणिपुरी टीम ऐतिहासिक स्थानों, परंपराओं, संस्कृति और स्थानीय व्यंजनों से बहुत प्रभावित हुई और शिक्षित हुई। मणिपुरी छात्रों ने कहा कि उन्होंने इंदौर में अपने सहपाठियों के साथ कई दोस्त बनाए। उन्होंने मध्य प्रदेश की विरासत के बारे में भी सीखा। इसी प्रकार मध्य प्रदेश के छात्रों ने भी विभिन्न मणिपुरी परंपराओं, उनके लोक संगीत और नृत्यों के बारे में जानकारी ली। दोनों ग्रुपों ने अपनी भोजन परंपराओं का आदान-प्रदान किया। मध्य प्रदेश के कई छात्रों ने मणिपुरी में कुछ अभिवादन शब्द सीखे। चलते समय दोनों राज्यों के छात्रों ने भारी मन से एक दूसरे से विदाई ली।

इस यात्रा को केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), नई दिल्ली ने सुगम बनाया था।

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