केन्‍द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने शानदार स्थापना के दो वर्ष पूरे किए

केन्‍द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने केन्‍द्र सरकार द्वारा प्रकाशित गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (क्यूसीओ) का उल्लंघन करने संबंधी अवैध और नकली सामानों की बिक्री रोकने और बीआईएस मानकों के अनुरूप सामान खरीदने के लिए उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता और चेतना बढ़ाने के लिए देशव्यापी अभियान शुरू किया है। सीसीपीए की मुख्य आयुक्त सुश्री निधि खरे ने आज यहां यह जानकारी दी।

सीसीपीए ने 24 जुलाई, 2022 को अपनी शानदार स्थापना के दो साल पूरे किए। मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, सुश्री खरे ने कहा कि सीसीपीए ने अब तक 129 नोटिस जारी किए हैं, इनमें गुमराह करने पर 71,  व्यापार के लिए कपटपूर्ण तरीके अपनाने पर 49 और उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करने पर 9 के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं। पहला सुरक्षा नोटिस हेलमेट, प्रेशर कुकर और रसोई गैस सिलेंडर के संबंध में जारी किया गया था और दूसरा सुरक्षा नोटिस इलेक्ट्रिक इमल्शन वॉटर हीटर, सिलाई मशीन, माइक्रोवेव ओवन, एलपीजी के साथ घरेलू गैस स्टोव आदि घरेलू सामानों के संबंध में जारी किया गया था।

सीसीपीए ने उपभोक्ताओं को ऐसे घरेलू सामान, जिनमें वैध आईएसआई मार्क नहीं है, जैसे इलेक्ट्रिक इमर्शन वॉटर हीटर, सिलाई मशीन, खाद्य पैकेजिंग के लिए एल्युमिनियम फॉयल आदि खरीदने के प्रति सचेत करने के लिए सुरक्षा नोटिस भी जारी किए हैं। ऐसे सामानों के लिए अनिवार्य मानकों का उल्लंघन सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालता है और उपभोक्ताओं को भयंकर नुकसान या चोट लगने के खतरे में डालता है। अभियान को आगे बढ़ाते हुए, सीसीपीए ने 21 जनवरी 2020 को बीआईएस कानून, 2016 की धारा 16(1) के तहत केन्‍द्र सरकार द्वारा जारी घरेलू प्रेशर कुकर (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 के उल्लंघन में प्रेशर कुकर बेचने वाली ई-कॉमर्स संस्थाओं के खिलाफ स्वत: संज्ञान लिया है।

मुकदमा दायर करने की सीसीपीए का अधिकार उसकी एक अनूठी विशेषता है जो पिछले उपभोक्ता संरक्षण कानून, 1986 में मौजूद नहीं थी। 2019 के कानून से पहले, उपभोक्ताओं को प्रभावित करने वाले व्यापार के लिए कपटपूर्ण तरीके अपनाने और भ्रामक विज्ञापनों के मुद्दों से निपटने के लिए कोई व्‍यवस्‍था नहीं थी। परिणामस्वरूप, इस तरह की व्‍यवस्‍थाएं बिना किसी जवाबदेही के लगातार जारी रहीं। केन्‍द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना, उपभोक्ताओं के हितों के लिए अनुचित और हानिकारक कार्य प्रणालियों को बंद करने का आदेश पारित करने और झूठे और गुमराह करने वाले विज्ञापनों के मामले में जुर्माना लगाकर उपभोक्‍ताओं को राहत प्रदान करना है। साथ ही यह उपभोक्‍ताओं को आयोग तक जाने का रास्‍ता प्रदान करना है। सीसीपीए मुकदमा दायर कर उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करती है, यहां तक ​​कि सोए हुए उपभोक्ताओं के भी जो अपने अधिकारों से अनजान हैं।

वर्ष 2020 में महामारी फैलने के कारण उपभोक्ताओं के दिल में डर बैठक गया जिसका फायदा कई कंपनियों ने भ्रामक विज्ञापनों के माध्यम से उठाया, जिस पर सीसीपीए ने स्वत: संज्ञान लिया और ऐसी चूक करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी किया। कोविड-19 महामारी के दौरान उपभोक्ताओं में जबरदस्‍त बदलाव देखने को मिला और वे ऑनलाइन मार्केटप्‍लेस में चले गए। कोविड-19 महामारी में उपभोक्‍ता की संवेदनशीलता के मद्देनजर, भ्रामक विज्ञापनों के लिए विभिन्न कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई, इसलिए 15 कंपनियों ने अपने विज्ञापन वापस ले लिए और 3 कंपनियों ने सुधार करके विज्ञापन दिए।

सीसीपीए ने सेंसोडाइन उत्‍पादों के विज्ञापन बंद करने का आदेश दिया जो दावा कर रहे थे  “दुनिया भर के दंत चिकित्सकों द्वारा अनुशंसित” और “दुनिया का नंबर 1 संवेदनशीलता वाला टूथपेस्ट” और “चिकित्सकीय रूप से राहत देने वाला, 60 सेकंड में काम करता है” जहां सीसीपीए ने 10 लाख रुपये का जुर्माना देने का निर्देश दिया और जुर्माने का भुगतान किया गया। साथ ही, विदेशी दंत चिकित्सकों द्वारा समर्थन दिखाने वाले विज्ञापनों को सीसीपीए द्वारा पारित पूर्व के आदेश के अनुसार बंद करने का आदेश दिया गया।

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इसके अलावा, सीसीपीए ने ‘श्योर विजन’ विज्ञापन को बंद करने का निर्देश दिया है और झूठे और भ्रामक दावे पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है जिसका भुगतान श्योर विजन द्वारा किया गया है। अपने उत्पाद ‘श्योर विजन’ के भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में श्योर विजन इंडिया के खिलाफ आदेश पारित किया गया था जो दावा कर रहा था कि श्‍योर विजन प्राकृतिक रूप से दृष्टि में सुधार करता है; आंखों के तनाव को दूर करता है; कलीनरी मसल का इस्‍तेमाल करता है; दुनिया का सबसे अच्छा यूनिसेक्स सुधार उपकरण है”। कंपनी विज्ञापन में बताए गए उत्पाद की प्रभावकारिता से संबंधित अपने दावों को प्रमाणित करने में सक्षम नहीं थी और ‘मैग्नेटिक नी सपोर्ट’, ‘एक्यूप्रेशर योग चप्पल/एक्यूप्रेशर मसाज चप्पल’, और वैज्ञानिक विश्वसनीयता/रिपोर्ट के बिना अपने उत्पाद के बारे में झूठे दावे करने के लिए ‘200 रुपये के सोने के गहने’ के संबंध में नापतोल पर 10,00,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। ।

ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए सीसीपीए ने सभी ई-कॉमर्स बाजार स्थानों को विक्रेता के विवरण और ऐसी वेबसाइटों पर बेचे जाने वाले उत्पाद के पूर्ण विवरण का खुलासा करने के लिए एक सलाह जारी की। ई-कॉमर्स वेबसाइट पर झूठी समीक्षा की जांच के लिए सीसीपीए एक ढांचा विकसित करने के लिए भी काम कर रहा है। इसके लिए, सभी हितधारकों को शामिल कर एक समिति गठित की गई है। इस संबंध में, सीसीपीए ने पेटीएम मॉल पर 1,00,000 रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसका भुगतान प्रेशर कुकर को अपने प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध करने के लिए किया गया, जबकि उत्पाद अनिवार्य बीआईएस मानकों के अनुरूप नहीं है।

केन्‍द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन और व्यापार के लिए कपटपूर्ण तरीके अपनाने पर ओला और उबर को नोटिस जारी किया है। इसके अलावा, उठाए गए मुद्दों में उचित उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र की कमी, सेवा में कमी, रद्द करने पर शुल्क की अनुचित वसूली और सीसीपीए द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों में शुल्‍क लेने के लिए इस्तेमाल किए गए एल्गोरिदम की निष्पक्षता शामिल थी। गुमराह करने वाले विज्ञापनों और गुमराह करने वाले विज्ञापनों का समर्थन करने से रोकने के बारे में 2022 में दिशा-निर्देश जारी किए गए। दिशा-निर्देशों में यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया कि उपभोक्ताओं को निराधार दावों, अतिरंजित वादों, गलत सूचना और झूठे दावों के साथ मूर्ख नहीं बनाया जा रहा है।

सेवा शुल्क का अनिवार्य भुगतान उपभोक्ताओं के सामने मौजूद प्रमुख मुद्दों में से एक है, जिस पर सीसीपीए ने उपभोक्ता द्वारा स्वेच्छा से/वैकल्पिक भुगतान करने के लिए सेवा शुल्क पर दिशानिर्देश जारी किए हैं। सीसीपीए उपभोक्ताओं की सेहत पर भी अपना ध्यान केन्‍द्रित करती है। इस सम्‍बन्‍ध में पंजीकृत आयुर्वेद, सिद्ध या यूनानी डॉक्‍टर की वैध पर्ची के बिना आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी दवाओं की बिक्री रोकने के लिए अधिकारियों ने ई-कॉमर्स संस्‍थानों को एक परामर्श जारी किया है। वायरलेस जैमर पर सलाह भी एक पंजीकृत आयुर्वेद, सिद्ध या यूनानी चिकित्सक है। वायरलेस जैमर पर सलाह भी उपभोक्ता संरक्षण के रास्ते में समाधान का एक रास्‍ता है, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म यहां किसी भी प्रकार के वायरलेस जैमर से बिक्री से बचने या बिक्री को सुविधाजनक बनाने की सलाह देते हैं।

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सीसीपीए ने भारत में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जी के जीवन शैली आंदोलन (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) यानी उत्पादों को कम करने, पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण के बदले महसूस किया कि अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे देशों ने उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सुधार के अधिकार पर सुधारात्मक कानून लागू किया है और बाजार में ईमानदारी से चल रहे है, जिसकी आवश्यकता भारत में भी महसूस की गई थी। सभी प्रकार के पुन: उपयोग के लिए सुधार की आवश्यकता होती है, और यहां तक ​​कि उत्पादों का टिकाऊ जीवन भी इस पर निर्भर करता है।

ई-कचरा बनने के अलावा, जिन उपकरणों की मरम्मत नहीं की जा सकती है या नियोजित अप्रचलन के तहत आते हैं, या कृत्रिम रूप से सीमित उपयोगी जीवन के साथ उत्पाद बनाते हैं, उपभोक्ताओं को नए उत्पाद प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं क्योंकि उनकी पुन: उपयोग करने के लिए मरम्मत नहीं की जा सकती है। इसलिए, उत्पाद की मरम्मत को सीमित करने से खरीददार उस उत्‍पाद का नया मॉडल चुनने के लिए मजबूर हो जाता है। नतीजतन, प्राधिकरण ई-कचरे को कम करने के लिए मरम्मत के अधिकार पर रूपरेखा लाने की दिशा में काम कर रही है। “मरम्मत का अधिकार” अवधारणा इस विचार पर आधारित है कि उत्पाद पूरी तरह से उस व्यक्ति के स्वामित्व में होना चाहिए जो इसका मालिक है ताकि वे इसे ठीक देखने पर मरम्मत और सुधार कर सकें। इसके अतिरिक्त, उत्पादों के घटकों को तीसरे पक्ष के मरम्मत करने वालों को उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

सीसीपीए का उद्देश्य नवोन्मेष पर अंकुश लगाना या कंपनियों पर प्रतिबंध लगाना नहीं है, बल्कि एक ऐसे इकोसिस्‍टम के निर्माण की दिशा में काम करना है जो व्यवसाय को बढ़ावा देने के साथ-साथ उपभोक्ता के अधिकारों की रक्षा करता है। सीसीपीए ने उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष, न्यायसंगत और सुसंगत परिणाम सुनिश्चित करने के लिए बाजारों में बदलाव के साथ गति बनाए रखने के लिए उपभोक्ता संरक्षण पर कानूनी ढांचे के आधुनिकीकरण में सक्रिय कदम उठाए हैं।

अपनी वर्षगांठ पर सीसीपीए बदलते बाजार में एक वर्ग के रूप में उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण और उन्‍हें बढ़ावा देने में शानदार सफलता का एक और वर्ष मना रहा है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के उद्भव, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि और ई-कॉमर्स के तेजी से विकास के साथ उपभोक्ताओं के लिए नए विकल्प और अवसर उपलब्ध हो गए। इस प्रकार, इसने उपभोक्ताओं को व्यापार के लिए कपटपूर्ण और अनैतिक तरीके अपनाने के नए रूपों के प्रति अतिसंवेदनशील बना दिया। भ्रामक विज्ञापन, टेलीमार्केटिंग, बहु-स्तरीय विपणन, प्रत्यक्ष बिक्री और ई-कॉमर्स ने उपभोक्ता संरक्षण के लिए नई चुनौतियां पेश कीं और उपभोक्ता के नुकसान को रोकने के लिए आवश्यक उचित और तेज सहयोगपूर्ण हस्तक्षेप की आवश्‍यकता है।

 

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