केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि इस 1 जुलाई को 8,000 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर पदोन्नति देने के बाद कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) अब अगले उन बहुत से अधिकारियों के लिए तैयार है जिन्हें अगले दो से तीन सप्ताह में पदोन्नति मिल जाएगी

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) एक बार में 8,000 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर पदोन्नति देने के बाद, अब अगले अधिकारियों के लिए  तैयार है,  जिन्हें अगले दो से तीन सप्ताह में उनकी पदोन्नति मिल जाएगी।

यह बात केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उस समय कही जब केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा समूह-क  के अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज उनसे मुलाकात की।

मंत्री महोदय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी पदोन्नति के मामलों में भी नियमानुसार तेजी लाई जाएगी, क्योंकि इस पदोन्नति से पहले अधिकारियों के लिए एक वर्ष से 18 महीने तक के प्रशिक्षण का अनिवार्य प्रावधान है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि वे उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे और पदोन्नति देने में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाएगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, कि सरकारी कर्मचारियों का बिना किसी पदोन्नति के सेवा से सेवानिवृत्त हो जाना  निराशाजनक है और उन्होंने इस पूरे मामले में व्यक्तिगत रुचि लेने के लिए प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि अब से सभी भावी पदोन्नतियां सुव्यवस्थित हो जाएंगी क्योंकि ऐसे 8,089 कर्मचारियों को पदोन्नति देने में सभी कानूनी बाधाओं को सुलझा लिया गया है जिसमे 4,734 सीएसएस से, 2,966 सीएसएसएस से और 389 सीएससीएस से हैं।

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यह ध्यान में रखने योग्य है कि इससे पहले हाल में ही  1 जुलाई, 2022 से डीओपीटी ने एक ही बार में तीन प्रमुख सचिवालय सेवाओं से संबंधित 8,089 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर पदोन्नति दी थी। केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस), केंद्रीय सचिवालय आशुलिपिक सेवा (सीएसएसएस) और केंद्रीय सचिवालय लिपिक सेवा (सीएससीएस) से संबंधित इन कर्मचारियों के सामूहिक पदोन्नति के आदेश पिछले दो महीनों में डॉ. जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई कई दौर की उच्च-स्तरीय बैठकों के बाद जारी किए गए थे। मंत्री महोदय  ने कहा कि  इसके लिए कानूनी विशेषज्ञों से भी व्यापक रूप से परामर्श किया गया क्योंकि कुछ आदेश लंबित रिट याचिकाओं के परिणाम के अधीन थे।

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डॉ जितेंद्र सिंह ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कई अवसरों  पर केंद्रीय सचिवालय के अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडलों  से मुलाकात की थी  क्योंकि वह ये मानते हैं कि यह तीनों  सेवाएं, अर्थात  – सीएसएस, सीएसएसएस और सीएससीएस केंद्रीय सचिवालय के प्रशासनिक कामकाज की रीढ़ की हड्डी (बैकबोन)  हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी याद किया कि तीन साल पहले, डीओपीटी ने विभिन्न विभागों में विभिन्न स्तरों पर लगभग 4,000 अधिकारियों की बड़े पैमाने पर पदोन्नति की थी और जिसकी व्यापक रूप से सराहना की गई थी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सचिवालय सेवाएं शासन का एक आवश्यक उपकरण हैं क्योंकि उनके द्वारा तैयार किए गए नोट और ड्राफ्ट ही सरकारी नीतियों का आधार बनते हैं और यह प्रस्ताव सरकारी प्रक्रियागत पदानुक्रम में विभिन्न चरणों से गुजरते हैं।

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