पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय दिव्यांगजन संस्थान की बेहतर सेवाओं के लिए नई पहल

पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय दिव्यांगजन संस्थान (पीडीयूएनआईपीपीडी), नई दिल्ली द्वारा 3 डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करते हुए दिव्यांगजनों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक नई पहल की शुरूआत की गई है। इस पहल के पहले कदम के रूप में, कैंसर के कारण हुए दिव्यांगजन लोगों के लिए पीडीयूएनआईपीपीडी में एक 3 डी मुद्रित स्पाइनल ऑर्थोसिस तैयार किया गया है। इस ऑर्थोसिस को आज (11.08.2022) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार और पीडीयूएनआईपीपीडी के विशेषज्ञों/ अधिकारियों की उपस्थिति में पायल सोलंकी को लगाया गया।

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3 डी तकनीक के कई फायदे हैं जैसे कि

• 3 डी तकनीक के साथ ऑर्थोसिस और प्रोस्थेसिस लगाने की परिशुद्धता बढ़ती है।

• यह रोगी के आराम में बढ़ोत्तरी करता है। 

• कॉस्मेटिक रूप से ज्यादा सुसज्जित

• यह तकनीक ऑर्थोसिस और प्रोस्थेसिस की निर्माण प्रक्रिया में समय की बचत करने के साथ-साथ उपकरणों की गुणवत्ता में सुधार लाती है।

• 3 डी प्रिंटिंग प्रक्रिया में, मरीज की कंप्यूटर स्कैनर द्वारा स्कैनिंग की जाती है और ऑर्थोटिक और प्रोस्थेसिस उपकरणों की 3 डी प्रिंटिंग करने से पहले सॉफ्टवेयर का उपयोग करके कंप्यूटर पर बायोमैकेनिकल अनुप्रयोगों को लागू किया जाता है।

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• इसलिए, यह मरीज की विकृति को ठीक करने और समर्थन प्रदान करने के लिए उपकरणों के बायोमैकेनिकल प्रभाव में सुधार लाता है।

3 डी तकनीक के फायदे को ध्यान में रखते हुए यह उम्मीद की जाती है कि लोकोमोटर दिव्यांगता के क्षेत्र में काम करने वाली राष्ट्रीय संस्थान दिव्यांगजनों को बेहतर पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने के लिए इस तकनीक का उपयोग करेगी।

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