महर्षि अरबिंद की 150वीं जयंती और आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय देशभर में स्थित 75 जेलों में 12 अगस्त से 15 अगस्त, 2022 के बीच आध्यात्मिक कार्यक्रम का संचालन कर श्री अरबिंद के जीवन और दर्शन के स्मरण का आयोजन कर रहा है।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य श्री अरबिंद के दर्शन को आत्मसात करके और योग व ध्यान के अभ्यास से जेल में बंद कैदियों के जीवन को ‘रूपांतरित करना’ है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जेलों में कैदियों के जीवन को आत्मचिंतन और बोध से रूपांतरित करने की जरूरत है और कैदियों को जीवन की एक नई यात्रा शुरू करने में सक्षम बनाने के लिए देशभर में स्थित जेलों को महर्षि अरबिंद के जीवन पर कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।
इस उद्देश्य से संस्कृति मंत्रालय ने इन कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने के लिए प्रतिष्ठित आध्यात्मिक नेताओं और संगठनों के साथ भागीदारी की है। संस्कृति मंत्रालय ने पूरे देश में 75 जेलों (मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के साथ उनके जुड़ाव को ध्यान में रखते हुए) की पहचान की है, जहां ये कार्यक्रम आयोजित होंगे।
12 से 15 अगस्त, 2022 तक देश के 23 राज्यों में कैदियों को योग, ध्यान और श्री अरबिंद की शिक्षाओं को प्रदान करने को लेकर रामकृष्ण मिशन, पतंजलि, आर्ट ऑफ लिविंग, ईशा फाउंडेशन और सत्संग फाउंडेशन को कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अनुबंधित किया गया है।
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