राज्य मंत्री (पंचायती राज) श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल कल संशोधित राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों के लिए रोडमैप की तैयारी पर राष्ट्रीय लेखन कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे

केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल कल नई दिल्ली में संशोधित राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों के लिए रोडमैप की तैयारी पर राष्ट्रीय लेखन कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे। वह संशोधित राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों पर परिचालन दिशा-निर्देश भी जारी करेंगे।

इस राष्ट्रीय लेखन कार्यशाला में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित विभागों के अधिकारियों को संशोधित राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार आवेदन प्रक्रिया पर जानकारी प्रदान की जाएगी जो इसे धीरे-धीरे पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) में आगे बढ़ाएंगे।

संशोधित प्रणाली के तहत ग्राम, प्रखंड और जिला पंचायतों को दो श्रेणियों अर्थात् दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सतत् विकास पुरस्कार (व्यक्तिगत विषय-वार प्रदर्शन पर) और नानाजी देशमुख सर्वोत्तम पंचायत सतत् विकास पुरस्कार (सभी विषयों में कुल प्रदर्शन के आधार पर) के तहत पुरस्कार दिए जाएंगे। पुरस्कार विजेता पंचायतों का चयन संबंधित स्तरों पर प्रत्येक विषय के लिए विषयगत चयन समितियां करेंगी। इसके अलावा, ग्राम पंचायतों (जीपी) को कुछ विशेष श्रेणियों में भी पुरस्कार दिए जाएंगे। इनमें ऊर्जा के अक्षय स्रोतों को अपनाने और उपयोग करने के लिए ग्राम ऊर्जा स्वराज विशेष पंचायत पुरस्कार; शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने की दिशा में अनुकरणीय कार्य के लिए कार्बन न्यूट्रल विशेष पंचायत पुरस्कार; उन ग्राम पंचायतों के लिए नानाजी देशमुख सर्वोत्तम पंचायत सतत् विकास पुरस्कार जो बाद के वर्षों के दौरान भी राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों के लिए अर्हता हासिल करते हैं और शॉर्टलिस्ट किए जाते हैं; उन संस्थानों के लिए पंचायत क्षमता निर्माण सर्वोत्तम संस्थान पुरस्कार जिन्होंने एलएसडीजी हासिल करने में ग्राम पंचायतों (जीपी) और सर्वश्रेष्ठ भागीदार राज्य / केंद्र शासित प्रदेश / जिला / प्रमुख पंचायत को संस्थागत सहायता प्रदान की है।

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संशोधित राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों के सफल कार्यान्वयन के प्रयास में, पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) नोडल केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों जैसे- ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, महिला एवं बाल विकास, पेयजल एवं स्वच्छता, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण के साथ सहयोग कर रहा है। ये नोडल मंत्रालय संबंधित विषयों पर राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों के चयन के लिए विषयगत चयन समितियों का नेतृत्व करेंगे और अन्य संबंधित मंत्रालय / विभाग इन समितियों के सदस्य होंगे।

इससे पहले, 4 और 6 जुलाई, 2022 के दौरान, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) में सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण पर रोडमैप और मसौदा कार्य योजना की तैयारी पर एक राष्ट्रीय लेखन कार्यशाला भी आयोजित की गई थी। इसमें अन्य बातों के साथ-साथ, इच्छित योजना को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न सम्मिलित रणनीतियों पर चर्चा की गई थी।

केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने 7 दिसंबर, 2021 को इस मंत्रालय में गठित एक विशेषज्ञ समिति द्वारा एलएसडीजी पर तैयार रिपोर्ट पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से जारी की। समिति ने अपनी रिपोर्ट में वर्ष 2030 तक एसडीजी की प्राप्ति के लिए स्थानीय (ग्राम पंचायत) स्तर पर कार्रवाई के लिए 17 एसडीजी को मिलाकर 9 विषयों की पहचान की है। ये 9 विषय – (i) गरीबी से मुक्त और संवर्धित आजीविका गांव, (ii) स्वस्थ गांव, (iii) बच्चों के अनुकूल गाँव, (iv) पर्याप्त जल से पूर्ण गांव, (v) स्वच्छ और हरा-भरा गांव, (vi) गांव में संपूर्ण बुनियादी ढांचा, (vii) सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, (viii) सुशासन वाला गांव और (ix) महिलाओं के अनुकूल गांव (जिसे पहले गांव में प्रजनन सुविधा का विकास कहा जाता था) हैं।

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पृष्ठभूमि

एसडीजी की प्राप्ति के लिए प्रमुख योजनाओं / कार्यक्रमों को लागू करने में पंचायतें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। विकास योजनाओं के समग्र कार्यान्वयन के लिए पुरस्कारों के रूप में पंचायतों को प्रोत्साहन एक स्वस्थ और प्रतिस्पर्धी परितंत्र बनाने का एक अभिन्न अंग है। इसलिए, पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) पंचायतों को प्रोत्साहन योजना के तहत राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों / राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को प्रोत्साहित कर रहा है। यह योजना संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) की केंद्र प्रायोजित योजना के केंद्रीय घटकों में से एक है। ये पुरस्कार 24 अप्रैल, 1993 को लागू हुए 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के उपलक्ष्य में पर राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाने वाला 24 अप्रैल को प्रतिवर्ष दिया जाता है।

पंचायत स्तर पर एसडीजी प्राप्त करने के लिए एक व्यवस्थित योजना, कार्यान्वयन, निगरानी और जवाबदेही के लिए पंचायती राज संस्थाओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रखंड, जिला, राज्य / केंद्र शासित प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्रतियोगिता की एक बहु-स्तरीय पिरामिड संरचना स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों को नया रूप दिया गया है। इसे सतत विकास लक्ष्य (एलएसडीजी) विषयों के 9 स्थानीयकरण के पीछे निम्न उद्देश्य हैं:

 

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एमजी / एएम / एके / डीए