श्री पीयूष गोयल ने लॉस एंजेलिस में भारत-प्रशांत आर्थिक मंच की मंत्री स्तरीय व्यक्तिगत मुलाकाती बैठक में हिस्सा लिया

वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल आज लॉस एंजेलिस में भारत-प्रशांत आर्थिक मंच (आईपीईएफ) की मंत्री स्तरीय व्यक्तिगत मुलाकाती बैठक में सम्मिलित हुये। भारत-प्रशांत आर्थिक मंच (आईपीईएफ) मंत्री स्तरीय बैठक से अलग, श्री गोयल ने मीडिया से बात करते हुये कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर आईपीईएफ के प्रारूप के विभिन्न पक्षों पर निर्णय करेगा।

श्री गोयल ने कहा कि आईपीईएफ के 14 सदस्यों के साथ बहुत उपयोगी चर्चायें हुईं। उन्होंने कहा कि सदस्य राष्ट्रों के अधिकारियों ने ऐसे लाभप्रद संवादों के लिये जमीन तैयार करने में बहुत मेहनत की है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आईपीईएफ प्रारूप को अंतिम रूप दे देगा, जिसके तहत सदस्य राष्ट्र आपसी हितों के विभिन्न मुद्दों पर बातचीत कर सकेंगे।

समृद्धि के लिये भारत-प्रशांत आर्थिक प्रारूप की मंत्री स्तरीय बैठक के बाद श्री गोयल ने लॉस एंजेलिस में ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री श्री डॉन फैरल से मुलाकात की।

Minister @PiyushGoyal met Australian Trade Minister H.E. Don Farrell in Los Angeles ahead of the ministerial meeting of the Indo-Pacific Economic Framework for Prosperity. pic.twitter.com/2fLYzYQh75

श्री गोयल ने लॉस एंजिलेस में आईपीईएफ मंत्री स्तरीय बैठक से अलग अमेरिका की व्यापार मंत्री श्री जिना रायमॉन्डो से भी भेंट की।

श्री गोयल ने ट्वीट कियाः “भारत-अमेरिका व्यापार को तथा निवेश सम्बंधों को और गहन बनाने के लिये हम समयानुकूल वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण के आकांक्षी हैं।”

Met US Commerce Secretary @SecRaimondo on the sidelines of the ministerial meeting of the Indo-Pacific Economic Framework for Prosperity in Los Angeles.Discussed further deepening of India-US trade and investment ties as we look to build resilient global supply chains. pic.twitter.com/KyGsn20Krd

 

श्री गोयल ने लॉस एंजेलिस में आईपीईएफ मंत्री स्तरीय बैठक से अलग यूके व्यापार प्रतिनिधि दूत कैथरीन ताए से मुलाकात की।

एक ट्वीट में श्री गोयल ने कहा, “भारत मुक्त, खुले और समावेशी भारत-प्रशांत के लिये अपने प्रयासों के प्रति संकल्पित है, क्योंकि हम समृद्धि के लिये भारत-प्रशांत आर्थिक प्रारूप की मंत्री स्तरीय बैठक में एकजुट हो रहे हैं।”

Delighted to meet USTR @AmbassadorTai, in Los Angeles.India recommits to its efforts for a free, open & inclusive Indo-Pacific as we head into the ministerial meeting of the Indo-Pacific Economic Framework for Prosperity. pic.twitter.com/yHb1xFwkgX

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मीडिया से बातचीत करते हुये श्री गोयल ने अपने अमेरिकी समकक्ष से बैठक के विषय में बताया कि यह बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण रही। उन्होंने कहा कि दोनों मंत्री अमेरिका और भारत के बीच सब-कुछ बेहतर होने से उत्साहित हैं। दोनों व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिये सहमत हैं। इसमें हाई-टेक क्षेत्र शामिल हैं तथा दोनों देशों के बीच समयानुकल आपूर्ति श्रृंखलाओं को और बढ़ाने की कामना करते हैं।

मंत्री स्तरीय बैठक से अलग श्री गोयल ने जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्री यासूतोशी निशीमूरा से भी भेंट की।

एक ट्वीट में श्री गोयल ने कहा, “भारत-जापान आर्थिक सहयोग में और तेजी लाने के लिये व्यापार, रोजगार विकास और आपसी हितों के क्षेत्रों को बढ़ाने पर चर्चा हुई।”

Met Japanese Minister for Economy, Trade & Industry, Yasutoshi Nishimura, on the sidelines of Indo-Pacific Economic Framework for Prosperity.Discussed expanding trade, job growth & areas of mutual interest to give further impetus to India-Japan economic cooperation. 🇮🇳 🇯🇵 pic.twitter.com/FNwXmNNsnB

समृद्धि के लिये भारत-प्रशांत आर्थिक प्रारूप की मंत्री स्तरीय बैठक से अलग श्री गोयल ने वियतनाम के उद्योग एवं व्यापार मंत्री श्री एनगुयेन हांग ड्येन से मुलाकात की तथा आपसी हितों के क्षेत्रों पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

India & Vietnam aim to expand bilateral trade & generate jobs.During meeting with Vietnam’s minister of Industry & Trade Nguyen Hong Dien on sidelines of Indo-Pacific Economic Framework for Prosperity discussed greater cooperation across areas of mutual interest. 🇮🇳 🇻🇳 pic.twitter.com/9ASb7ehZPi

 

अमेरिका के साथ होने वाली चर्चा के बारे में श्री गोयल ने आगे कहा कि दोनों देश मानते हैं कि यह जरूरी है कि आत्मनिर्भरता हमारे दर्शन में अहम स्थान रखे तथा दोनों विश्वस्त साथियों के बीच समयानुकूल आपूर्ति श्रृंखलायें मौजूद हों। हम पारदर्शी अर्थव्यवस्था और नियम आधारित कार्य-व्यापार पर भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के साथ काम करने के लिये उत्साहित है ताकि हम दोनों की दूसरे देशों पर निर्भरता कम हो, क्योंकि पिछले दो-तीन वर्षों के दौरान हमने कई जटिल समस्याओं का सामना किया था।

बाजार तक सुगमता सम्बंधी मुद्दों पर एक प्रश्न के उत्तर में श्री गोयल ने कहा भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच की बैठक जल्द होगी, जिसके दौरान हम अधिक और नये क्षेत्रों में संलग्नता पर गौर करेंगे।

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समृद्धि के लिये भारत-प्रशांत आर्थिक प्रारूप की मंत्री स्तरीय बैठक में समकक्षों को जानकारी दे दी है कि भारत डिजिटल स्पेस में अति समकालीन और आधुनिक कानूनों का समर्थक है तथा यहां डाटा निजता की उच्चस्तरीय सुरक्षा है, खासतौर से हमारे नागरिकों के व्यक्तिगत आंकड़ों की। उन्होंने कहा कि इस भावना के तहत भारत अधिक मजबूत प्रारूप पर काम कर रहा है, जिसे जल्द संसद में पेश किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस कदम का अमेरिका ने और भारत के साथ व्यापार करने वालों ने खूब स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि भारत प्रौद्योगिकी सेवाओं का सबसे बड़ा प्रदाता है और हमारे यहां कानूनों की बहुत बढ़िया समझ और उसके प्रति रुचि मौजूद है, क्योंकि हम खुद सेवा निर्यात में बहुत दिलचस्पी रखते हैं।

श्री गोयल ने कहा कि आज के दिन और घर बैठे काम करने के दौर में हमारे युवाओं के लिये नये अवसर खुल गये हैं, खासतौर से टियर 2 और 3 के शहरों तथा दूर-दराज क्षेत्रों के युवाओं के लिये। इसके जरिये अमेरिकी कंपनियों को सस्ते समाधान मिल रहे हैं और अमेरिका के व्यापार में इसके प्रति बहुत उत्साह है।

भारत में काम करने वाली अमेरिकी कंपनियों के साथ डब्लूटीओ की दावोस के दौरान अपनी कई बैठकों तथा बे-एरिया की बैठक का उल्लेख करते हुये, श्री गोयल ने कहा कि इन चर्चाओं से उन्हें प्रोत्साहन मिला है कि अमेरिकी कंपनियां भारत से लोगों को नियुक्त करने की गतिविधियें को बढ़ाने पर विचार कर रही हैं तथा अपने अनुसंधान व विकास, प्रौद्योगिकी समर्थन प्रणालियों और ‘बैक ऑफिस’ को बढ़ाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को नियुक्त करने की उनकी जो योजना है, वह वाकई आश्चर्यजनक है।

सान फ्रांसिसको में कौशल विकास पहल ‘सेतु’ सम्बंधी एक प्रश्न पर श्री गोयल ने कहा कि भारत भी इसका लाभार्थी होगा, क्योंकि हमारे युवाओं, विशेषकर लड़कियों में जबरदस्त प्रतिभा है तथा वे पहल में शामिल प्रतिष्ठित फर्मों द्वारा पेशकश प्रशिक्षण व कौशल-उन्नयन से सीखने के लिये तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि भारत भी इस पहल को समर्थन देता है, क्योंकि हमारे यहां कुछ शानदार शिक्षा-टेक कंपनियां हैं और यहां सस्ते समाधान उपलब्ध काने वाली कौशल पहलें भी मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि इसका अमेरिका में स्वागत किया गया है।

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