केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने डीएसटी द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं, योजनाओं, छात्रवृत्ति और फेलोशिप के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से देशव्यापी निगरानी और प्रतिक्रिया के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के डैशबोर्ड का लोकार्पण किया

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार),  प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा वित्तपोषित विभिन्न परियोजनाओं, योजनाओं, छात्रवृत्तियों एवं फेलोशिप के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से देश भर में निगरानी और प्रतिक्रिया के लिए भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के डैशबोर्ड का लोकार्पण (लॉन्च) किया ।

इस अवसर पर मंत्री महोदय ने कहा कि इस  डैशबोर्ड के माध्यम से, प्रत्येक राज्य में किसी भी समूह के लिए प्रत्येक योजनाओं और कार्यक्रमों का विवरण वास्तविक समय के आधार पर प्राप्त किया जा सकता है और फिर उसके लिएकिसी भी प्रकार का उपचारात्मक कदम, यदि कोई हो, तुरंत उठाया जा सकता है । उन्होंने कहा, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य जातियों के लिए आयु-वार एवं लिंग-वार योजनाओं तथा  छात्रवृत्तियों के प्रभाव विश्लेषण को राज्यों को उनके पास यदि कोई सुधारात्मक उपाय हो तो उसे सुझाने के लिए डैशबोर्ड में शामिल किया गया है ।

अधिक एकीकरण के विचार पर जोर देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) डैशबोर्ड एक अच्छी शुरुआत है और भविष्य में सभी विज्ञान मंत्रालयों एवं विभागों के लिए एक ही डैशबोर्ड विकसित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे । मंत्री महोदय ने बताया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान 35 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में डीएसटी द्वारा 2,768 एजेंसियों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया गया है और हर और इसकी विषयवार प्रत्येक जानकारी का विवरण इस  डैशबोर्ड पर उपलब्ध है।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि डैशबोर्ड विभाग की सांख्यिकीय और डेटा विश्लेषणात्मक क्षमताओं के निर्माण एवं दोहन के साथ-साथ वृद्धि और निगरानी की प्रक्रिया को चलाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ( डीएसटी ) का एक संस्थागत तंत्र है। उन्होंने कहा कि यह फरवरी 2021 में जारी नीति आयोग के निर्देशों के अनुपालन में है । हालांकि, मंत्री महोदय ने बताया कि डीएसटी ने जनवरी, 2019 में समान उद्देश्यों के साथ एक समान सेटअप – डेटा प्रबंधन प्रकोष्ठ (सेल) की स्थापना कर ली थी ।

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि डेटा और रणनीति इकाइयां ( डीएसयू ) अलग-अलग लक्षित समूहों के लिए अलग-अलग डैशबोर्ड बनाती हैं और इन डैशबोर्ड्स ने डीएसटी को साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने में बहुत सहायता की है। मंत्री महोदय ने आगे कहा कि कार्यक्रमों की पहुंच में अंतराल को देखते हुए कार्यक्रमों पर आए कई अनुरोधों पर विचार किया  गया है  तथा  कई कार्यक्रमों में डैशबोर्ड के माध्यम से किए गए डेटा विश्लेषण के आधार पर प्रक्रिया के बीच में ही सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं ।

इन डैशबोर्ड का सबसे महत्वपूर्ण फल यह है कि विभाग को लिए गए निर्णयों के प्रभावों और परिणामों, परियोजनाओं के वित्त पोषण की जानकारी के साथ ही नियमित आधार पर और उपयोगकर्ता के अनुकूल तरीके से प्रदान की गई छात्रवृत्ति / फैलोशिप के बारे समय पर अवगत करा दिया जाता है ।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव श्री एस. चंद्रशेखर ने इस अवसर पर कहा कि डेटा और रणनीति इकाई (डीएसयू) को एक विशेषज्ञ सलाहकार समूह द्वारा सहायता प्रदान की जाती है जिसमें अकादमिक, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संस्थानों के प्रख्यात डेटा वैज्ञानिक शामिल हैं । डीएसयू नवोदित डेटा वैज्ञानिकों को प्रशिक्षुओं ( इंटर्न ) के रूप में नियुक्त करके उन्हें अवसर भी प्रदान करता है। मंत्रालयों / विभागों को सलाह दी गई थी कि वे सामान्य रूप से अपने डेटा तैयारियों के स्तर में सुधार करने और विशेष रूप से  दिसंबर, 2022 तक डेटा  प्रबन्धन गुणवत्ता सूचकांक (डेटा गवर्नेंस क्वालिटी इंडेक्स – डीजीक्यूआई) 5.0 स्तर ( स्कोर ) तक पहुंचने के लिए एक कार्य योजना या डेटा रणनीति के विकास और कार्यान्वयन को चलाने के लिए एक केंद्रीय इकाई के रूप में एक डेटा और रणनीति इकाई ( डीएसयू ) स्थापित करें ।

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डेटा विश्लेषण और डैशबोर्ड बनाने के अतिरिक्त डीएसटी की डेटा तथा रणनीति इकाई (डीएसयू)  भी प्रशिक्षण कार्यक्रमों एवं कार्यशालाओं का आयोजन करके डेटा पर जागरूकता पैदा करने के कार्य में लगी हुई है । डीएसयू वैज्ञानिकों, डेटा अधिकारियों और डीएसटी के अन्य अधिकारियों के साथ व्याख्यान एवं  परस्पर विचार-विमर्श  के लिए प्रख्यात डेटा वैज्ञानिकों और डेटा चैंपियन को भी आमंत्रित करता है । विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ( डीएसटी ) की योजनाओं / कार्यक्रमों पर और सामान्य रूप से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विषयों पर संबंधित डैशबोर्ड के क्यूआर कोड के साथ एक साप्ताहिक विषयगत पोस्टर प्रौद्योगिकी भवन के महत्वपूर्ण स्थलों पर रखा जाता है ताकि वैज्ञानिकों और अन्य अधिकारियों को योजनाओं के बारे में परस्पर विचार-विमर्श  ( इंटरैक्टिव )  तरीके से अवगत कराया जा सके।

 

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