एनसीडब्ल्यू ने भारत में महिला सशक्तिकरण और सीएसआर पर उत्प्रेरक के रूप में गोलमेज परामर्श बैठक की

राष्ट्रीय महिला आयोग ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से ‘भारत में महिला सशक्तिकरण और उत्प्रेरक के रूप में सीएसआर’ पर स्‍टैंडर्ड औद्योगिक निकायों और प्रमुख कॉर्पोरेट फाउंडेशनों के प्रमुखों के साथ मुंबई में एक परामर्श बैठक आयोजित की। विचार-विमर्श का उद्देश्य महिलाओं का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए सीएसआर निधियों के उपयोग को समझना और योजना बनाना था। विचार-विमर्श अन्‍य बातों के अलावा एसडीजी और महिला अधिकारिता हासिल करने में सीएसआर की भूमिका और सीएसआर: सहयोगात्मक स्थान बनाने जैसे विषयों पर केन्‍द्रित था।

बैठक की अध्यक्षता एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष सुश्री रेखा शर्मा के साथ सीएसआर पर सीआईआई की राष्‍ट्रीय समिति के सह-अध्यक्ष श्री अशंक देसाई, एनसीडब्ल्यू की सदस्य सचिव सुश्री मीता राजीवलोचन  और सीएसआर पर सीआईआई की राष्ट्रीय समिति की सह-अध्यक्ष सुश्री रुमझुम, ने की। विचार-विमर्श में 32 कॉरपोरेट्स के सीएसआर प्रमुखों ने भाग लिया।

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अपने उद्घाटन भाषण में, सुश्री रेखा शर्मा ने महिला सशक्तिकरण के विभिन्न पहलुओं की चर्चा की, जहां उद्योग जुड़कर सहयोग कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं – घरेलू हिंसा से बची महिलाओं का पुनर्वास, मानव तस्करी से बचाई गई महिलाओं के लिए आजीविका सृजन, दिव्‍यांग महिलाओं, बालिका शिक्षा, अनुसंधान और डेटा के लिए कौशल।          

सुश्री शर्मा ने कहा, “सीएसआर लैंगिक असमानता से निपटने का एक नया तरीका है। सभी क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण को बढ़ाया जा सकता है यदि कॉरपोरेट आम प्राथमिकताओं को पहचानें और बड़े बदलाव लाने के लिए मिलकर काम करें, जिस पर ध्‍यान दिया जा सके”।

 

एक अलग संक्षिप्‍त सत्र में, प्रतिभागियों ने मानव तस्करी का शिकार महिलाओं के लिए कौशल और आश्रय, कामकाजी महिलाओं के लिए वित्तीय समावेशन और बाल सहायता सेवाओं जैसे क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने की सबसे बड़ी चुनौतियों पर चर्चा की और इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए उद्योग कैसे सहयोग कर सकते हैं, जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया। इस बारे में भी सलाह मांगी गई कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली सरकार की भूमिका पर और सीएसआर सशक्तिकरण को कैसे सुगम बना सकता है।

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गोलमेज सम्मेलन ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में निगमों द्वारा की गई सीएसआर पहलों के बारे में एनसीडब्ल्यू को अवगत कराने में मदद की। इसका उद्देश्य महिला सशक्तिकरण की दिशा में सहयोगात्मक पहल के लिए एक मार्ग तैयार करना है।

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एमजी/एएम/केपी