चालू पोषण माह 2022 के दौरान महिला और बाल विकास मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से अनेक स्तरों पर जल प्रबंधन गतिविधियों पर लगातार जोर देता रहा है। इसके परिणामस्वरूप आयोजनों के पहले दो सप्ताहों में ‘जल प्रबंधन’ से जुड़ी 10 लाख से अधिक गतिविधियों की रिपोर्ट मिली है।
उपयुक्त मात्रा में पानी पीने और प्रदूषण मुक्त पानी से मानव शरीर को भोजन के पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से पचाने में मदद मिलती है। आसानी से उपलब्ध और साफ पानी से जल जनित बीमारियों, खासतौर से बच्चों में डायरिया जैसे रोगों से बचाव होता है।
पोषण माह के तहत जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से चलने वाली गतिविधियां मुख्य रूप से आंगनवाड़ी केंद्रों व आसपास के इलाकों में वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण संवर्धन पर केंद्रित हैं।
इस प्रयास की दिशा में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया है कि वे समस्त आंगनवाड़ियों के परिसरों में जलवायु-अनुकूल वर्षा जल संचयन का कार्य करें। इसके अलावा ग्रामीण स्वास्थ्य पोषण और स्वच्छता समितियों के जरिये पोषण पंचायतों तथा मातृत्व समूहों को संलग्न करके जल संरक्षण और प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका को खासतौर से रेखांकित किया गया है।
‘पोषण केंद्रित जन आंदोलनों’ ने मार्च 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत के बाद से देशभर में लोगों को जागरूक करने में महती भूमिका निभाई है। अब तक ऐसे आठ जन आंदोलन – मार्च तथा सितंबर में चार पोषण पखवाड़े तथा पोषण माह सफलतापूर्वक आयोजित किये गये। नौवां जन आंदोलन पोषण माह 2022 के रूप में आयोजित हुआ, जो इस समय चल रहा है। उसमें देशभर से विशाल भागीदारी की गई। प्रमुख विषयवस्तुओं में पहले 1000 दिनों की महत्ता, पोषण के पांच सूत्र, बढ़त की निगरानी, रक्ताल्पता की रोकथाम, आयुष का एकीकरण, खान-पान विविधता तथा पारंपरिक स्वदेशी पाक-कला आदि शामिल हैं।
मार्च 2022 में चौथे पोषण पखवाड़े के दौरान एक अन्य प्रमुख विषयवस्तु “लैंगिक संवेदनशील जल प्रबंधन कार्यक्रमों” को देशभर में पहली बार अभियान के अंतर्गत शामिल किया गया।
अनेकानेक ‘जल संसाधन पर जन संपर्क अभियानों’ को जल संरक्षण, सुरक्षा और जल-निरंतरता का प्रचार करने के लिये एक कारगर रणनीति के तौर पर अपनाया गया। इस दिशा में एडब्लूडब्लू/एडब्लूएच को बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दुग्धपान कराने वाली माताओं को ध्यान में रखते हुये दैनिक जीवन में पानी की अहमियत के प्रति जागरूक करने के लिये जोड़ा गया। इसके तहत वर्षा जल संचयन, रसोई, साफ-सफाई, शौचालय आदि में इस्तेमाल होने वाले पानी का दोबारा इस्तेमाल करना, आदि विषयों को शामिल किया गया।
विषयवस्तु सम्बंधी प्रमुख विशेषतायें इस प्रकार हैं:
पोषण माह 2022 के दौरान राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की गतिविधियों का विवरणः
क्रम सं.
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
गतिविधियों की संख्या
1
महाराष्ट्र
6317
2
तमिलनाडु
4671
3
गुजरात
3012
4
मध्यप्रदेश
2357
5
उत्तरप्रदेश
1488
6
पंजाब
524
7
बिहार
483
8
कर्नाटक
406
9
झारखंड
129
10
मणिपुर
107
क्रम सं.
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
गतिविधियों की संख्या
1
महाराष्ट्र
6578
2
तमिलनाडु
6407
3
गुजरात
4316
4
मध्यप्रदेश
2481
5
उत्तरप्रदेश
1436
6
बिहार
802
7
पंजाब
789
8
कर्नाटक
472
9
हरियाणा
272
10
राजस्थान
257
क्रम सं.
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
गतिविधियों की संख्या
1
महाराष्ट्र
8832
2
तमिलनाडु
5915
3
गुजरात
5390
4
मध्यप्रदेश
2325
5
उत्तर प्रदेश
1880
6
पंजाब
1122
7
हरियाणा
1070
8
बिहार
671
9
मणिपुर
500
10
राजस्थान
415
क्रम सं.
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
गतिविधियों की संख्या
1
महाराष्ट्र
10093
2
तमिलनाडु
8574
3
गुजरात
5993
4
मध्य प्रदेश
3276
5
उत्तर प्रदेश
2045
6
बिहार
1035
7
पंजाब
825
8
मणिपुर
712
9
कर्नाटक
670
10
झारखंड
117
क्रम सं.
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
गतिविधियों की संख्या
1
महाराष्ट्र
14771
2
तमिलनाडु
10980
3
गुजरात
6573
4
मध्य प्रदेश
5981
5
उत्तर प्रदेश
2837
6
बिहार
2169
7
पंजाब
1271
8
कर्नाटक
758
9
हरियाणा
263
10
झारखंड
160
क्रम सं.
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
गतिविधियों की संख्या
1
महाराष्ट्र
14650
2
तमिलनाडु
11750
3
गुजरात
9836
4
मध्य प्रदेश
7193
5
उत्तर प्रदेश
3347
6
बिहार
2936
7
पंजाब
1585
8
कर्नाटक
1302
9
झारखंड
273
10
तेलंगाना
139
क्रम सं.
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
गतिविधियों की संख्या
1
तमिलनाडु
199139
2
महाराष्ट्र
155102
3
मध्य प्रदेश
111475
4
गुजरात
92941
5
पंजाब
84525
6
बिहार
67316
7
उत्तर प्रदेश
62110
8
कर्नाटक
6679
9
झारखंड
6212
10
आंध्रप्रदेश
4660
गोआ – जल संरक्षण, खपत और पानी बचाओ पर जागरूकता गतिविधियां
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एमजी/एएम/एकेपी/एसएस