केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुवाहाटी, असम में ‘मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुवाहाटी, असम में ‘मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। इसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र में मादक पदार्थों के परिदृश्य और इसे कम करने के तरीकों पर चर्चा की गई। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

 

 

बैठक में श्री अमित शाह ने कहा कि ड्रग्स की तस्करी का प्रचार-प्रसार किसी भी समाज के लिए बहुत घातक होता है। किसी आतंकी घटना का नुकसान सीमित मात्रा में होता है लेकिन समाज में ड्रग्स का प्रसार पीढ़ियों को बर्बाद कर देता है। वह दीमक की तरह हमारे समाज और देश की युवा शक्ति को खोखला करने का काम करता है। उन्होने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव में गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के‘नशा-मुक्त भारत के आह्वान को अपना दृढ़ संकल्प बनाने का फैसला किया है। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने मादक पदार्थों, ड्रग तस्करी की‘डर्टी मनी और‘संगठित माफिया द्वारा देश के अर्थतंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुँचाने की हर कोशिश को नाकाम करने के लिए जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय मादक पदार्थो के खतरे को रोकने के लिए कटिबद्ध है। मादक पदार्थों के खिलाफ विशेष अभियान के तहत आज पूरे पूर्वोत्तर में लगभग 40 हज़ार किलोग्राम मादक पदार्थों को नष्ट किया गया। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान 75 हज़ार किलोग्राम मादक पदार्थों को नष्ट करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अब तक कुल डेढ़ लाख किलोग्राम से ज़्यादा मादक पदार्थों को नष्ट किया जा चुका है, जो लक्ष्य के दोगुने से भी अधिक है।

श्री अमित शाह ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी एक सीमारहित अपराध है और इससे निपटने के लिए सभी ड्रग लॉ एनफोर्समेंट और इंटेलिजेंस एजेंसियों के साथ-साथ पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के सीमावर्ती ज़िलों के बीच बेहतर समन्वय और सामंजस्य बहुत जरूरी है। उन्होने कहा कि पिछले वर्षों में गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर यह सुनिश्चित किया है कि प्रधानमंत्री जी के दृढ़ नेतृत्व में नारकोटिक्स प्रतिबन्ध कानूनों और नियमों का सख्ती से क्रियान्वयन हो। साथ ही इसमें  आधुनिक तकनीक का उपयोग हो और सभी एजेंसियों में समन्वय स्थपित किया जाये। गृह मंत्री ने कहा कि देश में नशीले पदार्थों की आपूर्ति नेटवर्क को ध्वस्त करने की रणनीति की सफलता के अल्पावधि में ही परिणाम दिखाई दे रहे हैं। उन्होने कहा कि 2014 के बाद मादक पदार्थो की पकड़ और जब्ती इसका प्रमाण है। श्री शाह ने बताया कि 2006-2013 के बीच कुल 1257 मामले दर्ज़ किए गए थे जो 2014-2022 के बीच 152 प्रतिशत बढ़कर 3172 हो गए। इसी अवधि में कुल गिरफ्तारी की संख्या 1362 के मुक़ाबले 260 प्रतिशत बढ़कर 4888 हो गई। 2006-2013 के दौरान 1.52 लाख किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई थी जो 2014-2022 के बीच दोगुना बढ़कर 3.30 लाख किलोग्राम हो गई। 2006-2013 के दरम्यान 768 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स जब्त की गई थी जो 2014-2022 के बीच 25 गुना बढ़ोतरी के साथ 20 हज़ार करोड़ रुपये हो गई।

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2006-13

2014-22

 

कुल मामले

1,257

3,172

152% ज्यादा मामले दर्ज

कुल अरेस्ट

1,363

4,888

260% बढ़ोतरी

Seized ड्रग्स  (KG)

1.52 लाख KG

3.33 लाख KG

दुगने से भी ज्यादा

Seized ड्रग्ज

(करोड़ में)

768 करोड़

25 गुना ज्यादा

 

 

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में आयोजित इस क्षेत्रीय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य इस विषय के प्रति भारत सरकार की गंभीरता को पूर्वोत्तर राज्यों के समक्ष रखना है। साथ ही इस लड़ाई में राज्यों को साथ लेकर एक सिनर्जी लाना, नारकोटिक्स से सम्बंधित सभी एजेंसीयों को एक प्लेटफार्म पर लाना और राष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश देना कि अब देश ने अब इस समस्या की जड़ में जाकर इसका समाधान करने का मन बना लिया है। श्री शाह ने कहा कि उनका यह स्पष्ट मानना है कि ड्रग या मादक पदार्थों का सेवन करने वाला क्रिमिनल नहीं होता बल्कि वह इसका विक्टिम और पीड़ित होता  है। गृह मंत्री ने कहा कि हमें किसी जब्ती में शामिल ‘चेहरों’ और ड्रग सेवन तथा वितरित करने वालों को पकड़ने से आगे जाना होगा और इनके पीछे सीमा के बाहर से भारत में ड्रग्स भेजने वाले मास्टरमाइंड तक पहुंचना होगा। साथ ही  देश के अन्दर फैले नेटवर्क को ध्वस्त करना होगा। उन्होने कहा कि हमारा प्राइम फोकस नेटवर्क और सीमा पार से होने वाली तस्करी रोकने पर होना चाहिए।

 

 

श्री अमित शाह ने कहा कि देश का उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र चार देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाएं साझा करता है और अफीम उत्पादक क्षेत्र म्यांमार के निकट है जो दुनिया में अफगानिस्तान के बाद अफीम का दूसरा सबसे बड़ा उत्‍पादक है। उन्होने कहा कि पूर्वोतर भारत में ड्रग्‍स सेवन एक गंभीर समस्‍या है। सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रकाशित मैग्नीट्यूड ऑफ सब्सटेंस रिपोर्ट, 2019 के अनुसार, पूर्वोतर के सात राज्‍यों में अफीम और गांजे का सेवन का खतरनाक स्‍तर पर है देश में इनके सेवन के औसत से अधिक है। गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोतर में इसके कुछ नए ट्रेंड्स सामने आए हैं। ड्रग सिंडिकेट उत्तर पूर्वी भारत से संबंधित बैंक खातों और डाक पते का फायदा उठाते हैं। मणिपुर में कुछ भारतीय बैंकों में म्यांमार के नागरिकों के बैंक खाते हैं। पूर्वोतर के ड्रग तस्करों की नाइजीरियाई लोगों के साथ मिलीभगत। ड्रग्‍स की तस्करी में उत्‍तर पूर्व में रहने वाले दक्षिण भारतीयों की संदिग्ध संलिप्तता भी देखी गई है।

 

गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दिशा निर्देश पर गृह मंत्रालय ने नारकोटिक्स पर नकेल कसने के लिए संस्थागत संरचना की मजबूती, सभी नार्को एजेंसियों का सशक्तिकरण एवं समन्वय और विस्तृत जागरूकता अभियान का त्रिसूत्रीय फार्मूला अपनाया है। उन्होने कहा कि एंटी ड्रग्स अभियान में विभिन्न स्तर पर काम कर रहे संस्थानों के लचर रवैय्ये और कानूनों के लचीले क्रियान्वयन में कमी की वजह से पहले अपेक्षित परिणाम नहीं आ पाते थे। परन्तु 2014 के बाद परिस्थितिया बदली हैं, प्रधानमंत्री मोदी की व्यवस्था को मजबूत करने और जवाबदेही पर जोर दिये जाने के कारण गृह मंत्रालय ने नार्को कंट्रोल के लिए भी संस्थागत रिस्ट्रक्चरिंग और कानूनी प्रावधानों को मजबूती देने के सतत प्रयास किये हैं। सरकार की परफॉरमेंस को प्रभावी बनाने के लिए मोदी सरकार ने ‘Whole of Government Approach’ के तहत अंतर विभागीय समन्वय पर निरंतर जोर दिया है। गृह मंत्री ने बैठक में उपस्थित सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से एनकॉर्ड की बैठकों को नियमित रूप से आयोजित करने के साथ-साथ इसे नीचे तक पहुंचाने की ज़रूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ड्रग्स संबंधित मामलों की जांच स्रोत से गंतव्य तक की जानी चाहिए जिससे इसके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।

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श्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने उत्तर पूर्व राज्यों के लिए कई नई पहल की हैं। गुवाहाटी में NCB के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना कर दी गई है। आगामी वर्षों में NCB चार क्षेत्रों अर्थात असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में कार्य करेगा। त्रिपुरा के अगरतला और अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट/लोअर सियांग में नए क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए जाने का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा, सिक्किम से सटे क्षेत्र के बेहतर कवरेज के लिए न्यू जलपाईगुड़ी में जोनल कार्यालय भी शुरू किये जाने का प्रस्ताव है।

 

गृह मंत्री ने बताया कि उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में गांजा और अफीम पोस्त की अवैध खेती के खिलाफ कई उपाय किए गए हैं। गृह मंत्रालय किसानों को नुकसान पहुंचाए बिना बड़े पैमाने पर ड्रोन और नवीनतम तकनीक का उपयोग करके पहाड़ी और कठिन इलाकों में अवैध खेती को नष्ट करने के लिए एक अध्ययन समूह का गठन कर रहा है।अवैध फसलों की खेती में लगे किसानों के लिए वैकल्पिक आजीविका व्यवस्था पर एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है। साथ ही एनसीबी उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र में अफीम पोस्त की अवैध खेती को नष्ट करने के लिए उपग्रह इमेजरी साझा कर रहा है। श्री शाह ने कहा कि नारकोटिक्स से संबंधित सभी मुद्दों के लिए एकल नोडल बिंदु के रूप में सभी उत्‍तर पूर्वी राज्यों ने एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का गठन किया है। NCB ने पूर्वोतर क्षेत्र सहित देश भर में प्रवर्तन गतिविधियों पर कई विशेष अभियान भी चलाए हैं जिनमें शीर्ष 100 नशीली दवाओं के तस्करों की पहचान करना और हिरासत में लेना शामिल है।

 

श्री अमित शाह ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी केंद्र या राज्य का नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दा है और इससे निपटने के प्रयास भी राष्ट्रीय और एकीकृत होने चाहिए। उन्होने बैठक में उपस्थित सभी पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधिओं से एनकॉर्ड (NCORD) पोर्टल एवं निदान प्लेटफॉर्म्स का ड्रग तस्करी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हेतु समुचित प्रयोग करने का अनुरोध किया। साथ ही राज्यों में गठित एंटी नार्कोटिक्स टास्क फ़ोर्स को सशक्त किया करने को कहा जिससे ड्रग्स के विरुद्ध युद्ध में निर्णायक कार्यवाही की जा सके। उन्होने कहा कि मादक पदार्थों की आय के वित्तीय साधनों की विस्तार से जांच और बैंकिंग प्राधिकरणों के समन्वय से धन के पलायन को रोकने के लिए उपयुक्त उपाय किए जाने चाहिए। साथ ही NDPS अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। त्‍वरित ट्रायल सुनिश्चित करने के लिए फास्‍ट ट्रैक कोर्ट्स स्‍थापित करने पर भी विचार किया जा सकता है। गृह मंत्री ने बैठक में उपस्थित सभी पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधिओं से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नशा मुक्त भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने की अपील की।

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