राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन उदयपुर में शुरू

हर घर बिजली पहुचाने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबंध है । हमने हर घर तक बिजली पहुँचाने का प्रण लिया है और हम इसे पूरा कर के रहेंगे। विद्युत मंत्रालय एवं केन्द्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशो के ऊर्जा मंत्रियो का दो दिवसीय सम्मलेन के उद्घाटन समारोह में संबोधित करते हुए केन्द्रीय विद्युत और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह, ने यह बात कही ।  उन्होने कहा की हमने सबने एक टीम के रूप में काम कर के बिजली के क्षेत्र में उपलब्धता हासिल की है।

पिछले 5 सालों में हमने आम लोगों को 2 लाख 60 हजार करोड़ की योजनायें समर्पित की थी। ऐसा पहली बार हुआ की कोई योजना लायी गयी और उसका क्लोज़र रिपोर्ट भी आया, परन्तु पहले ऐसा नहीं होता था, 89 प्रतिशत काम हो जाता था पर कन्क्लुसन नही निकलता था । श्री सिंह ने कहा की हमारा मुख्य उद्देशय यह है की जिस भी गाँव में आज भी बिजली नही पहुंची है वहां पर बिजली पहुँचाना है । पहले लोग जनरेटर को एक जरूरी चीज मानते थे परन्तु अब धीरे धीरे वो समाप्त हो रहा है । उन्होने कहा की अब जो हमारे सामने मुख्य चुनौती है वो है कोयला पिछले 6 महीने की स्थिति के अनुसार जितना कोयला हम प्रतिदिन इस्तमाल करते है उससे जितना हमें डोमेस्टिक कोयला प्राप्त हो रहा है वो 2 लाख से 2.5 लाख टन कम है। ये चुनौती इसलिए है क्योंकि पिछले 6 महीने मे इसकी डिमांड है उसमे काफी इजाफा हुआ है । जो दुनिया के विकसित देश है वह बिजली के दाम 5 से 6 गुना बढ़े है परन्तु हमारे यहा ऐसा नहीं है आज हमने जो ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव लाया है वो हमारे देश के लिए मूलभूत परिवर्तन है ।

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केन्द्रीय  विद्युत और भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा की वर्ष 2022 में भारत का बिजली क्षेत्र तेजी से विकासशील राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने और प्रेरणा देने के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है, टिकाऊ तरीके से सस्ती बिजली तथा सार्वभोविक विद्युत क्षेत्र के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत रहा है । यह क्षेत्र एनर्जी ट्रांजीशन पहलों के माध्यम से जलवायु सम्बंधित चुनोतिओं से समाधान करने के लिए पूरी तरह से तैयार है जो वैश्विक मंच पर राष्ट्र द्वारा की गयी प्रतिबधताओं के खुद को एडजस्ट करता है इसलिए भारत के दो लक्ष्य 24 ’ 7 बिजली प्राप्त करता और साथ ही जीवाश्म आधारित उर्जा पर देश की निर्भरता को कम करके और स्व्च्छ और नवीकरण उर्जा से स्थानांतरित करके एनर्जी ट्रांजीशन करना है उर्जा क्षेत्र किसी भी राष्ट्र के महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है

 प्रारम्भ में  केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के  सचिव  आलोक कुमार  ने सभी का स्वगत करते हुए  कहा की पीएम नरेंद्र मोदी के 2047 के नए और विकसित भारत की परिकल्पना में पावर सेक्टर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा । उन्होंने दो लक्ष्यों – ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता- के महत्व पर जोर दिया । वर्तमान भू-राजनीतिक स्थितियों और पिछले अनुभवों के साथ, इन दो लक्ष्यों का महत्व सर्वोपरि है।

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सचिव मएनआरई इन्दु शेखर चूतर्वेदी ने अपने उध्भोदन में कहा कि भारत ने नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में प्रभावशाली विकास दिखाया है। ऐसा ही एक उदाहरण है कि हमने 2014 के बाद से अपनी सौर स्थापित क्षमता में 20 गुना से अधिक की वृद्धि की है।

 उन्होंने 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से लगभग 50% संचयी विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता प्राप्त करने के विशाल नवकरणीय ऊर्जा लक्ष्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह एक कठिन लक्ष्य है लेकिन हम इसे प्राप्त करने के लिए आश्वस्त हैं। इस अवसर पर पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन द्वारा प्रकाशित वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए पावर यूटिलिटीज़ के प्रदर्शन पर रिपोर्ट भी जारी की गई।

सम्मेलन में राज्यों और संघ-राज्य प्रदेशों के विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री तथा सचिवो के अलावा  विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी तथा विद्युत क्षेत्र के केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के प्रमुख हिस्सा ले रहे है।

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ऋतु/आर एल मीणा