केन्द्रीय वित्त मंत्री ने वाशिंगटन डीसी में विश्व बैंक की विकास समिति की रात्रिभोज बैठक के दौरान “लर्निंग लॉसेस: व्हाट टू डू अबाउट द हैवी कॉस्ट ऑफ कोविड ​​​​ऑन चिल्ड्रन, यूथ, एंड फ्यूचर प्रोडक्टिविटी” शीर्षक शोध-पत्र पर चर्चा में भाग लिया

केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कल देर शाम वाशिंगटन डीसी की 2022 वार्षिक बैठक में विश्व बैंक की विकास समिति की रात्रिभोज बैठक के दौरान “लर्निंग लॉसेस: व्हाट टू डू अबाउट द हैवी कॉस्ट ऑफ कोविड ऑन चिल्ड्रन, यूथ एंड फ्यूचर प्रोडक्टिविटी” शीर्षक शोध-पत्र पर चर्चा में भाग लिया।

अपनी शुरुआती टिप्पणी में, वित्त मंत्री ने कहा कि प्रत्येक प्रतिभागी देश इस बात से सहमत है कि कोविड19 के कारण स्कूलों के बंद होने के मद्देनजर हुए सीखने से संबंधित नुकसान की भरपाई और कौशल को बेहतर करने पर निरंतर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

भारत से जुड़े अपने विशिष्ट अनुभवों को साझा करते हुए, श्रीमती सीतारमण ने कोविड19 महामारी के असर के करण हुए सीखने से संबंधित नुकसान के संदर्भ में भारत द्वारा उठाए गए दो कदमों की जानकारी दी:

वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ये दो प्रयास न केवल समस्या की भयावहता का प्रामाणिक मूल्यांकन प्रदान करते हैं बल्कि प्रणालीगत उपायों के लिए साक्ष्य-आधारित योजना भी सुझाते हैं। वित्त मंत्री ने इन उदाहरणों को विश्व बैंक के साथ इस उद्देश्य से साझा किया ताकि वे इस अनुभव को अन्य देशों के साथ साझा कर सकें।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि भारत का डिजिटल प्लेटफॉर्म, दीक्षा, जिसे भारत द्वारा 12 डिजिटल ग्लोबल गुड्स में से एक के रूप में पहचाना गया है, अब सार्वजनिक डोमेन में है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि पिछले साल भारत इस मंच के माध्यम से प्राथमिक स्कूली बच्चों को क्यूआर कोड वाली पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। वित्त मंत्री ने सभी इच्छुक देशों को दीक्षा की पेशकश की और कहा कि विश्व बैंक वैश्विक स्तर पर डिजिटल शिक्षा को बढ़ाने के इस अवसर के बारे में विचार कर सकता है।

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वित्त मंत्री ने आगे कहा कि भारत ने पांच साल की अत्यधिक भागीदारी और बहु-आयामी परामर्श के आधार पर तैयार की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा अपलोड किया था। चूंकि  यह नीति जुलाई 2020 में जारी की गई थी, इसमें शिक्षा पर महामारी के असर से अवगत कराया गया था। यह नई नीति एक नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम का ढांचे का आधार प्रस्तावित करती है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस तरह की अत्यधिक भागीदारी वाली परामर्श प्रक्रिया ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, मूलभूत कौशल की जरूरत, शिक्षण एवं सीखने के संसाधनों की बेहतर गुणवत्ता और प्रत्येक शिक्षार्थी के लिए कौशल-आधारित शिक्षा में भारी रुचि पैदा की है। भारत ने हाल ही में स्वयंसेवकों को उनकी पसंद के स्कूलों से सीधे जोड़ने और सीखने की प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद करने हेतु विद्यांजलि 2.0 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है।

श्रीमती सीतारमण ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रस्तुत शोध – पत्र में भारत के ‘गोल’ कार्यक्रम एक संदर्भ दिया गया है, जो मूलभूत कौशल के निर्माण के लिए एक प्रौद्योगिकी समर्थ उपचारात्मक कार्यक्रम को लागू करने में मदद कर रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि इस शोध – पत्र में भारत की “टीच एट द राइट लेवल” पहल का भी संदर्भ एक ऐसी अच्छी कार्यप्रणाली के रूप में दिया गया है, जिसमें बच्चों को उम्र या कक्षा के बजाय सीखने की जरूरतों के आधार पर निर्देशात्मक समूहों में विभाजित किया जाता है।

श्रीमती सीतारमण ने प्रतिभागियों को सूचित किया कि भारत ने एक वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर भी पेश किया है जिसमें पाठ्यक्रम आधारित सीखने के परिणामों को शामिल करते हुए सप्ताह-वार योजना को शामिल किया गया है। इसी तरह, शिक्षकों को समर्थ बनाने के लिए भारत ने एक एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘निष्ठा’ (विद्यालयों के प्रमुखों और शिक्षकों के लिए समग्र उन्नति के लिए राष्ट्रीय पहल) शुरू किया है।

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अपने संबोधन का समापन करते हुए, श्रीमती सीतारमण ने कहा कि विश्व बैंक को अपनी ज्ञान शक्ति का उपयोग विभिन्न देशों को सीखने से संबंधित नुकसान की भरपाई से जुड़ी कार्य योजना तैयार करने में मदद देने के लिए करना चाहिए ताकि एक नुकसान उठाने वाली पीढ़ी, कम उत्पादकता, कमाई और बढ़े हुए सामाजिक अशांति के कारण भविष्य में होने वाले समग्र आर्थिक नुकसान की संभावना को टाला जा सके।

ट्विटर:

Union Finance Minister Smt. @nsitharaman attended the Ministerial Dinner for World Bank Development Committee members during the IMF-WB #AnnualMeetings2022, in Washington DC. (1/5) pic.twitter.com/eKj9GOg9Hy

Finance Minister Smt. @nsitharaman made her intervention on the agenda “Learning Losses: what to do about the heavy cost of COVID on children, youth and future productivity” and shared lessons from India’s experience. (2/5)

The Finance Minisyer stated that our digital platform, DIKSHA, which has been identified as one of the 12 Digital Global Goods by India, is now in public domain. The @WorldBank can consider this opportunity to scale up digital education globally. (3/5)

The FM mentioned that the National Education Policy which was released in July 2020, after a highly consultative process, was informed by the impact of pandemic on education and forms the basis for a new National Curriculum Framework. (4/5)

FM Smt. @nsitharaman suggested that the World Bank should use its knowledge power to help countries draw up a Learning Loss Recovery Action Plan in order to avert the prospect of a lost generation and lost earnings. (5/5)

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एमजी/एएम/आर/एसएस