‘पाथ टू प्राइड’: विशेष रूप से भारतीय कंपनियों के लिए अब तक का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपो कल गुजरात के गांधीनगर में शुरू होगा

गुजरात की राजधानी गांधीनगर, भारत की अब तक की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी – डेफएक्सपो 2022 को दिनांक 18 से 22 अक्टूबर के बीच आयोजित करने के लिए तैयार है । प्रदर्शनी के इस 12वें संस्करण का आयोजन ‘पाथ टू प्राइड’ विषय पर किया गया है । प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 19 अक्टूबर को उद्घाटन समारोह में शिरकत करेंगे ।

दिनांक 17 अक्टूबर को इस सिलसिले में गांधीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि डेफएक्सपो 2022 घरेलू रक्षा उद्योग की बढ़ती शक्ति का प्रदर्शन करेगी, जो ‘मेक इन इंडिया मेक फॉर द वर्ल्ड’ हासिल करने के देश के संकल्प के प्रमुख प्रेरणाओं में से एक है, जैसा कि प्रधानमंत्री की सोच रही है। द्विवार्षिक प्रदर्शनी का आयोजन मित्र देशों की जरूरतों को पूरा करते हुए घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के समग्र उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए भारतीय और वैश्विक ग्राहकों के साथ भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण क्षेत्रों के लिए समर्थन, प्रदर्शन और साझेदारी निर्मित करने के लिए किया गया है ।

श्री राजनाथ सिंह ने विशेष रूप से भारतीय कंपनियों के लिए डेफएक्सपो 2022 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी- जो स्वदेशी आंदोलन के स्तंभ थे- को एक ‘आत्मनिर्भर भारत’ की विनम्र श्रद्धांजलि करार दिया। उन्होंने आगे कहा, “अमृत काल के दौरान डेफएक्सपो 2022 भारत के अगले 25 वर्षों में रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में अग्रणी देशों में शामिल होने के संकल्प को दर्शाती है । हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में, रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जुनून और समर्पण के साथ ‘पाथ टू प्राइड’ पर बड़ी प्रगति की है । हम वैश्विक स्तर पर डिजाइन, विकास एवं निर्माण में अग्रणी बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हम सबसे बड़े रक्षा आयातक से एक शुद्ध निर्यातक बनने की एक परिवर्तनकारी यात्रा देख रहे हैं । यह डेफएक्सपो इस यात्रा की गति को और तेज करेगी।”

रक्षा मंत्री ने ‘पाथ टू प्राइड’ को न केवल डेफएक्सपो 2022 का विषय बताया, बल्कि ‘न्यू इंडिया’ के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन के रूप में भी वर्णित किया । उन्होंने इसे एक सतत प्रक्रिया बताया जिसमें सभी हितधारक – सार्वजनिक और निजी क्षेत्र, एमएसएमई, अकादमिक, स्टार्ट-अप और अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान – एक साथ मिलकर काम करते हैं ताकि विश्व को अभिनव विचार और अत्याधुनिक उत्पाद प्रदान किए जा सकें ।

रिकॉर्ड पंजीकरण

कुल एक लाख वर्गमीटर (पिछला संस्करण 76,000 वर्गमीटर) के सबसे बड़े क्षेत्रफल में आयोजित और 1,340 कंपनियों के रिकॉर्ड पंजीकरण के साथ डेफएक्सपो 2022 अब तक की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी होगी। पहली बार इस कार्यक्रम का आयोजन चार-स्थल वाले प्रारूप में किया गया है उद्घाटन समारोह और सेमिनार महात्मा मंदिर कन्वेंशन एंड एक्ज़िबिशन सेंटर में आयोजित किए जाएंगे; प्रदर्शनी हेलीपैड एक्ज़िबिशन सेंटर में; साबरमती रिवर फ्रंट पर लाइव प्रदर्शन और पोरबंदर में आम जनता के लिए जहाज के दौरा आयोजित होंगे। पहले तीन दिन (18 से 20 अक्टूबर) व्यावसायिक दिन होंगे, जबकि अंतिम दो दिन (21 और 22 अक्टूबर) आम जनता के लिए आरक्षित किए गए हैं ।

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भारतीय कंपनियों के लिए डेफएक्सपो

डेफएक्सपो-2022 विशेष रूप से भारतीय कंपनियों के लिए इस प्रदर्शनी का पहला संस्करण होगा । भारतीय कंपनियां, विदेशी ओईएम की भारतीय सहायक कंपनियां, भारत में पंजीकृत कंपनी का डिवीजन, एक भारतीय कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम वाले प्रदर्शक को भारतीय प्रतिभागी माना जाएगा। डेफएक्सपो 2022 सात नई रक्षा कंपनियों के गठन के एक वर्ष के उत्सव को भी रेखांकित करेगा, जिसे पूर्व आयुध निर्माणी बोर्ड से अलग किया गया था । ये सभी कंपनियां पहली बार डेफएक्सपो में भाग लेंगी । दिनांक 20 अक्टूबर को बंधन समारोह के दौरान समझौता ज्ञापन, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौतों और उत्पाद लॉन्च के संदर्भ में 451 साझेदारियां, जो पिछले संस्करण की तुलना में लगभग दोगुनी होंगी, होने की उम्मीद है ।

रक्षा उत्पादन विभाग का एक प्रमुख मंडप-
भारत पवेलियन, स्वदेशी रक्षा उत्पादों, स्टार्ट-अप और रक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समेत नवीनतम तकनीक की परिपक्वता का प्रदर्शन करेगा, जबकि 2047 के लिए भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत भी करेगा । इसके अलावा एक रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (iDEX) मंडप भी होगा जो भविष्य की प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान एवं विकास और नवाचार करते देश के स्टार्ट-अप के कौशल को प्रदर्शित करने के लिए होगा ।

पहली बार राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को इस आयोजन में मंडप स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया गया है। रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस नई पहल के साथ, राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को निवेश आकर्षित करके और स्वदेशी एयरोस्पेस और रक्षा निर्माण की अपनी क्षमता को बढ़ाकर राष्ट्र निर्माण में भाग लेने का अवसर मिलेगा ।

अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी

डेफएक्सपो 2022 में पचहत्तर (75) देश भाग लेंगे । रक्षा मंत्री दिनांक 18 अक्टूबर को दूसरी भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता (आईएडीडी) की मेजबानी करेंगे, जबकि हिंद महासागर क्षेत्र प्लस (आईओआर+) सम्मेलन दिनांक 19 अक्टूबर को होगा । 53 से अधिक अफ्रीकी देशों को आईएडीडी और 44 को आईओआर+ कॉन्क्लेव के लिए आमंत्रित किया गया है । अफ्रीका और आईओआर+ क्षेत्र के कई रक्षा मंत्रियों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है ।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा, “आईएडीडी और आईओआर+ कॉन्क्लेव पूरे क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, समृद्धि और रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने तथा नई रक्षा और औद्योगिक साझेदारी स्थापित करने के लिए दो बहुत महत्वपूर्ण कार्यक्रम होंगे ।”

प्रमुख आकर्षण

साबरमती रिवर फ्रंट पर सभी स्तरों पर सक्रिय भागीदारी और समन्वित प्रयासों के माध्यम से सशस्त्र बलों, डीपीएसयू और उद्योग के उपकरणों और उनके कौशल का पांच दिनों तक लाइव प्रदर्शन किया जाएगा । प्रदर्शनों में सारंग एक्रोबैटिक प्रदर्शन, खोजबीन एवं बचाव, कॉम्बैट फ्री फॉल और पैराट्रूपर गतिविधियां शामिल हैं । भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक द्वारा पोरबंदर में जनता के लिए जहाज पर विज़िट का आयोजन किया गया है ।

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इस आयोजन का एक अन्य आकर्षण आईआईटी दिल्ली के स्टार्ट-अप मेसर्स बोटलैब्स द्वारा अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन-शो होगा, जो एक आई-डीईएक्स विजेता है । दिनांक 19 अक्टूबर को होने वाले शो के दौरान लगभग 1,600 ड्रोन आकाश को रोशन करेंगे, जो एक सार्वजनिक कार्यक्रम होगा ।

पहली बार, ‘इन्वेस्ट फॉर डिफेंस’, जो रक्षा मंत्रालय का पहला प्रमुख आयोजन है जिसका लक्ष्य भारतीय उद्योग के साथ-साथ विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं द्वारा देश में रक्षा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना है, का आयोजन होगा । इसका उद्घाटन दिनांक 20 अक्टूबर को रक्षा मंत्री द्वारा किया जाएगा । श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह आयोजन प्रतिष्ठित उद्योगपतियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच होगा क्योंकि वे देश में रक्षा औद्योगिक पारितंत्र के विकास की दिशा में सरकार के प्रयासों में योगदान कर ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के संकल्प में शामिल हो सकते हैं और इसका हिस्सा बन सकते हैं । उन्होंने कहा कि यह आयोजन देश में एमएसएमई और स्टार्ट-अप के विकास को बढ़ावा देगा ताकि वे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भागीदार बन सकें और रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकें ।

डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में उत्कृष्टता के लिए रक्षा मंत्री पुरस्कार भी पहली बार डेफएक्सपो के दौरान आयोजित किए जा रहे हैं ।

सेमिनार

कार्यक्रम के दौरान सेमिनार हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित की जाएगी, जिससे वक्ताओं के साथ-साथ दर्शकों को भी आभासी तौर पर भाग लेने में मदद मिलेगी । इन्हें रक्षा उत्पादन विभाग के यूट्यूब चैनल पर दुनिया भर में लाइव स्ट्रीम किया जाएगा । प्रमुख उद्योग संघों, थिंक टैंकों, भारतीय रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं, सेवा मुख्यालयों (एसएचक्यू), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए), नागरिक उड्डयन मंत्रालय और राज्य सरकार आदि द्वारा सेमिनार आयोजित किए जाएंगे ।

इन संगोष्ठियों में मोटे तौर पर निर्यात, वित्त पोषण और रक्षा स्टार्ट-अप तथा एमएसएमई में निवेश, एयरोस्पेस निर्माण और एमआरओ में एमएसएमई की उभरती भूमिका, रक्षा अनुसंधान एवं विकास में आत्मानिर्भर भारत, वायु प्रभुत्व के लिए फ्यूचरिस्टिक ऑटोनॉमस टेक्नोलॉजीज आदि जैसे विषय शामिल होंगे । रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र के अग्रणी विशेषज्ञ विभिन्न संगोष्ठियों के वक्ता हैं । श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सेमिनार एक महत्वपूर्ण मंच होगा जो रक्षा क्षेत्र के आगे विकास के लिए टेक-अवे और एक्शन पॉइंट प्रदान करेगा ।

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई रजनीकांत पटेल; रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट; राज्य मंत्री, उद्योग, गुजरात सरकार श्री जगदीशभाई ईश्वरभाई विश्वकर्मा (पंचल); रक्षा सचिव, डॉ अजय कुमार; गुजरात सरकार के मुख्य सचिव श्री पंकज कुमार और रक्षा मंत्रालय और गुजरात सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया ।

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