विद्वतापूर्ण प्रकाशनों के क्षेत्र में शोधकर्ताओं और प्रकाशकों के बीच निर्बाध पहुँच (ओपन एक्सेस) जागरूकता पैदा करने के लिए दुनिया भर में इंटरनेशनल ओपन एक्सेस वीक मनाया जाता है। इसे अक्टूबर के अंतिम पूर्ण सप्ताह के दौरान विश्व स्तर पर मनाया जाता है। ओपन एक्सेस पब्लिशिंग के विभिन्न पहलुओं एवं अवसरों को उजागर करने के लिए ऐसी विभिन्न आउटरीच गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जिसमें वार्ता, सेमिनार, संगोष्ठी, या ओपन एक्सेस अधिदेश (मैंडेट) या ओपन एक्सेस में अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धियों की घोषणा शामिल है। वर्ष 2022 में द इंटरनेशनल ओपन एक्सेस वीक का आयोजन उत्सव अपने अपने पंद्रहवें वर्ष में प्रवेश कर गया है ।
” निर्बाध पहुँच विद्वतापूर्ण प्रकाशनों की आवश्यकता (नीड फॉर ओपन एक्सेस स्कॉलरली) ” पर व्याख्यान देते हुए ओपन एक्सेस के अधिवक्ता श्री एम. मधान
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद–राष्ट्रीय परियोजना विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर–एनआईएससीपीआर) भारत के सबसे बड़े ओपन एक्सेस प्रकाशकों में से एक है जो 15 डायमंड ओपन एक्सेस विद्वानों की पत्रिकाओं को प्रकाशित करता है। इसके लिए सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर न तो लेखकों से कोई प्रकाशन शुल्क लेता है और न ही पाठकों से कोई सदस्यता शुल्क। “इंटरनेशनल ओपन एक्सेस वीक “मनाने के लिए “नॉन-कमर्शियल ओपन एक्सेस जर्नल्स : हाउ टू सेल डायमंड्स इन द रश फॉर (फूल्स) गोल्ड “शीर्षक से एक व्याख्यान आयोजित किया गया,जिसे ओपन एक्सेस के अधिवक्ता और सूचना विज्ञान विशेषज्ञ श्री एम मधान द्वारा आज 31 अक्टूबर 2022 को सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर, पूसा परिसर में सम्बोधित किया गया था। उन्होंने ओपन एक्सेस विद्वतापूर्ण प्रकाशन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और ऐसे प्रकाशन मॉडल की चुनौतियों पर चर्चा की। डायमंड ओपन एक्सेस पब्लिशिंग पर अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर भी विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि न केवल एक देश बल्कि पूरे विश्व के सतत विकास के लिए विद्वतापूर्ण डेटा तक बिना किसी राजनीतिक और आर्थिक सीमाओं के सभी के लिए निर्बाध पहुँच होनी चाहिए। व्याख्यान के बाद प्रश्नोत्तर सत्र भी हुआ।
सत्र की अध्यक्षता वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद–राष्ट्रीय परियोजना विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर–एनआईएससीपीआर) की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल ने की। प्रो. रंजना अग्रवाल ने डायमंड ओपन एक्सेस स्कॉलरशिप जर्नल के प्रकाशन में सहयोग देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को विस्तार से बताया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर अपनी ओपन एक्सेस स्कॉलरशिप पत्रिकाओं के माध्यम से राष्ट्र के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है ।
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के वैज्ञानिक डॉ. मेहर वान ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और मुख्य वैज्ञानिक एवं शोध पत्रिका प्रभाग के प्रमुख डॉ. जी महेश ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
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