महिला स्वयं सहायता समूहों और पतंजलि के उत्पादों की सह-ब्रांडिंग के अवसर तलाशे जाएंगे

ग्रामीण विकास मंत्रालय के डीएवाई-एनआरएलएम और पतंजलि के बीच महिला स्वयं सहायता समूहों की आपसी ताकत को बढ़ाने और उसका लाभ उठाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता करते हुए, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने इसे ग्रामीण एसएचजी महिलाओं को कम से कम 1 लाख रुपये प्रति वर्ष की आकांक्षात्मक आय प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो कि लखपति दीदी हैं।

ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से आरएल, ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव श्री चरणजीत सिंह और पतंजलि की ओर से दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और आदान-प्रदान किया गया।

ग्रामीण भारत को बदलने में मंत्रालय की पहल की सराहना करते हुए आचार्य बालकृष्ण ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह को धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया कि यह साझेदारी कई आयामों में उनके सहयोग से एसएचजी महिलाओं को मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

 

पतंजलि और डीएवाई-एनआरएलएम के बीच सहमति के अनुसार सहयोग के क्षेत्र हैं-

ए. डीएवाई एनआरएलएम के लिए पतंजलि को राष्ट्रीय संसाधन संगठन (एनआरओ) के रूप में मान्यता।

बी. पतंजलि उत्पादों के लिए डीलरों / वितरकों के रूप में सीएलएफ, पीजी, पीई के लिए व्यावसायिक अवसर।

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सी. चयनित एसएचजी उत्पादों को पतंजलि स्टोर्स में रखा जाएगा।

डी. एनआरएलएम और पतंजलि द्वारा एसएचजी के चयनित उत्पादों की सह-ब्रांडिंग।

ई. चयनित एसएचजी उत्पादों और प्रक्रियाओं के लिए एसओपी और गुणवत्ता नियंत्रण।

एफ. सीएलएफ, पीजी, पीई एसएचजी उत्पादकों से चयनित वस्तुओं/सामग्री की आपूर्ति के लिए पतंजलि को आपूर्तिकर्ता के रूप में काम करेगा

जी. सामान्य बीमारियों के लिए पारंपरिक और हर्बल दवाओं और एसएचजी के लिए स्वास्थ्य विकल्पों का विस्तार करने के लिए योग पर एसएचजी प्रशिक्षण।

संदर्भ स्थापित करते हुए, ग्रामीण विकास सचिव श्री नांगेन्द्र नाथ सिन्हा ने समझौता ज्ञापन के प्रमुख आयामों पर प्रकाश डाला। अपर सचिव श्री चरणजीत सिंह ने इस एमओयू को एमओआरडी और पतंजलि दोनों के लिए फायदे का सौदा बताया।

 

एनआरएलएम ग्रामीण एसएचजी महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे व्यवसायों को समर्थन देने के लिए कई प्रयास कर रहा है जो खाद्य उत्पादों, हस्तशिल्प और हथकरघा आदि के उत्पादन में लगी हुई हैं। उत्पादकों को बाजारों से जोड़ने के प्रयासों के हिस्से के रूप में, एनआरएलएम और एसआरएलएम ने कई चैनलों जैसे सरस गैलरी, सरकारी विशिष्ट खुदरा दुकानों, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे जीईएम, फ्लिपकार्ट, अमेजन और डीएवाई-एनआरएलएम के ई-कॉमर्स के माध्यम से एसएचजी और एसएचजी सदस्य उद्यमियों के क्यूरेटेड उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं।

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दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट पतंजलि की एक संस्था है जो योग और आयुर्वेद से मानव जाति की सेवा करने के लिए एक प्रतिष्ठान है। अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, यह दिव्य फार्मेसी, दिव्य प्रकाशन, दिव्य योग साधना, दिव्य गौशाला और दिव्य नर्सरी जैसी कई पतंजलि इकाइयों के सहयोग से काम करता है। इसके अलावा पतंजलि संस्थाओं जैसे भरुवा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, भरुवा एग्रीसाइंस प्राइवेट लिमिटेड, पतंजलि जैविक अनुसंधान संस्थान, और पतंजलि अनुसंधान संस्थान के उपक्रमों के सहयोग से तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।

डीएवाई एनआरएलएम के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) अपने प्रमुख कार्यक्रम के रूप में एसएचजी पारितंत्र के माध्यम से आजीविका बढ़ाने और उन्हें अपनी उपज के लिए बेहतर और लाभदायक बाजारों के माध्यम से बढ़ी हुई आय प्रदान कर ग्रामीण भारत के जीवन स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से काम कर रहा है।

प्रखंड 6972

जिला 721

राज्य। 34

कवरेज 8.61 करोड़ महिलाएं

स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) 79.60 लाख

ग्राम संगठन (वीओ) 4.53 लाख

क्लस्टर स्तरीय संघ (सीएलएफ) 29358

पूंजीगत सहयोग 19249 करोड़ रुपए

बैंक वित्त उत्तोलन 5.70 लाख करोड़ रुपए

 

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एमजी/एएम/केसीवी