सीओपी 27, मिस्र में इंडिया पवेलियन में इंडियन ऑयल की स्थायी पहलों के बारे में विस्तार से वर्णित किया गया है

 केन्द्रीय लोक उपक्रम इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने आज शर्म-अल-शेख, मिस्र में चल रहे सीओपी 27 में बनाए गए भारतीय पवेलियन में अलग से आयोजित कार्यक्रम के एक भाग के रूप में एक सत्र का आयोजन किया। इस सत्र में जैव ईंधन पर इंडियन ऑयल की पहल, सतत सौर आधारित भोजन पकाने, कार्बन कुशल शोधन प्रौद्योगिकियों एवं ऊर्जा परिवर्तन में इसकी पहलों को शामिल किया गया।

 

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 2046 तक सकल–शून्य (नेट- जीरो) प्राप्त  करने के लिए अपने लक्ष्यों और तरीकों के बारे में विस्तार से बताया। निगम ने एथनॉल,  सम्पीडित बायोगैस, बायोडीजल, टिकाऊ विमानन ईंधन और जैव ईंधन की श्रेणियों एवं हाल ही में बाजार में प्रस्तुत किए गए ‘सूर्य नूतन’ सौर चूल्हे को बढ़ाने में भारत के प्रयासों पर भी चर्चा की। इंडियन ऑयल के तेलशोधन संयंत्रों की ऊर्जा खपत में कमी की पहल के बारे में भी विस्तार से बताया गया, जिसके परिणामस्वरूप कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है।

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भारत की राष्ट्रीय तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड स्वच्छ ईंधन और उत्सर्जन को कम करने के लिए जारी अपने प्रयासों से देश के ऊर्जा परिवर्तन में सबसे आगे चल रही है। इंडियन ऑयल ने हाल ही में 2046 तक नेट जीरो स्कोप 1 और 2 उत्सर्जन प्राप्त करने के अपने लक्ष्यों की घोषणा की है।

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2046 तक सकल–शून्य (नेट- जीरो) प्राप्त करने का इंडियन ऑयल का अभियान ग्लासगो में सम्पन्न सीओपी 26 में घोषित प्रधानमंत्री मोदी की पंचामृत योजना और शर्म-अल-शेख, मिस्र में चल रहे सीओपी 27 में बनाए गए भारतीय पवेलियन की विषय वस्तु प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के मिशन लाइफ से निर्देशित है ।